चीन ने नया मैप जारी करके अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। इसके बाद दुनिया के हर इवेंट से शी जिनपिंग अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं। भारत-चीन के मुद्दों को करीब से देखने वाले लोगों का मानना है कि ब्रिक्स समिट के बाद अपनी नापाक हरकतों के कारण जिनपिंग पीएम मोदी का सामना नहीं करना चाहते।
इसमें चीनी राष्ट्रपति की मानसिकता कुछ भी हो, लेकिन जी20 से किनारा करने के बाद ड्रैगन अब चौतरफा घिरने लगा है। अब ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने भी जी20 की अध्यक्षता के लिए भारत को सही वक्त पर सही देश बता दिया है। इससे चीन को एक बार फिर मिर्ची लगनी तय मानी जा रही है।
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- मैप जारी करने के बाद दुनिया के कई देशों की रडार में फंसा चीन
- ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के बयान से भी चीन को लगेगी मिर्ची
- अमेरिका ने भी जी20 को लेकर चीन को सुना दी खरी-खोटी
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के बयान से चीन को लगेगी मिर्ची
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने पीटीआई से एक्सक्ल्यूसिव बातचीत में कहा- 'मैं पीएम मोदी के लीडरशिप का सम्मान करता हूं और ये देखकर काफी खुशी होती है कि भारत ने बेहतरीन ग्लोबल लीडरशिप का परिचय दिया है।' उन्होंने कहा कि भारत को इसकी अध्यक्षता तब मिली, जब दुनिया असंख्य चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में भारत की विविधता और इसकी असाधारण सफलताओं का मतलब है कि यह G20 की अध्यक्षता के लिए 'सही समय' पर 'सही देश' है।
आपको बता दें कि चीन हर मामले में भारत का विरोध करता रहा है। ऐसे में ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की बात उसे एक बार फिर चुभ सकती है।ऋषि सुनक ने भारत के ग्लोबल लीडरशिप की सराहना करते हुए पीएम मोदी की भी तारीफ की है। इसके अलावा उन्होंने जी20 की अध्यक्षता के लिए भारत को सही देश बता दिया है, जिसके लिए चीन कतई तैयार नहीं था।
जापान ने जताया मैप पर विरोध
चीन ने नए मैप के जरिए दक्षिण चीन सागर के कई हिस्सों को अपना बता दिया है, जिसके बाद एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई देश नाराज हो गए हैं। वहीं, अब इस लिस्ट में जापान का भी नाम शामिल हो गया है। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने कहा कि टोक्यो ने चीन से आग्रह किया है कि वो इस नक्शे को रद्द करे। जापान इस नक्शे का कड़ा विरोध करता है।
इससे पहले अमेरिका ने भी चीन के इस नक्शे पर आपत्ति जताई थी। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के डिप्टी प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि इस मैप के जरिए चीन उन हिस्सों पर दावों को भी एक न्यू नॉर्मल बनाने की कोशिश कर रहा है, जो उसका है ही नहीं। साथ ही वो चाहता है कि दूसरे देश उसके इन दावों को बिना किसी वाद-विवाद के स्वीकार कर लें। हम उस मैप पर दर्शाए गए अवैध समुद्री दावों को अस्वीकार करते हैं और पीआरसी से दक्षिण चीन सागर और अन्य जगहों पर अपने समुद्री दावों को समुद्र के अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ जोड़ने का आह्वान करते हैं।
अमेरिका ने जी20 को लेकर भी चीन को सुना दी खरी-खोटी
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(NSA) सुलिवन ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के भारत में आयोजित होने वाले G20 समिट में शामिल नहीं होने पर कहा था- 'जहां तक भारत और चीन के बीच तनाव से शिखर सम्मेलन को प्रभावित करने का सवाल है तो वास्तव में यह चीन पर निर्भर करता है। अगर चीन सम्मेलन में नहीं आना चाहता है और बिगाड़ने वाले की भूमिका निभाना चाहता है तो निश्चित रूप से यह विकल्प उनके लिए उपलब्ध है।'
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