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शुक्रवार, 8 सितंबर 2023

Cashless Mediclaim:-इलाज के लिए 1 रुपये का भी नहीं होगा खर्च, 100 फीसदी कैशलेस क्लेम के लिए IRDAI की तैयारी

 

Cashless Mediclaim: इलाज के लिए 1 रुपये का भी नहीं होगा खर्च, 100 फीसदी कैशलेस क्लेम के लिए IRDAI की तैयारी

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) मेडिकल खर्च क्लेम के लिए 100 फीसदी कैशलेस सेटलमेंट पर काम कर रहा है. बहुत जल्द इसे लागू किया जा सकता है, जिससे इलाज के बाद 100 फीसदी खर्च का दावा हो सकेगा.

वहीं बजुर्गों के लिए बीमा को कीफायती बनाने पर भी काम हो रहा है, जिससे सस्ती दरों पर बीमा प्रोवाइड कराया जा सके.

वर्तमान समय में सीनियर सिटीजन के लिए बीमा काफी महंगा है. दूसरी ओर बीमा कंपनियां जोड़ घटाकर बीमाकर्ता को 10 फीसदी या उससे ज्यादा का पैसा काटकर देते हैं और वहीं अस्पताल बीमा कंपनियों की ओर से सुविधा देने के बाद भी ऐसे मरीजों की भर्ती नहीं कराते हैं.

स्वास्थ्य बीमा का दावा प्रोसेस होगा सरल

आईआरडीएआई चेयरमैन देबाशीष पांडा ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2023 में बोलते हुए कहा कि उद्योग निकाय जीवन बीमा परिषद और समान्य बीमा परिषद अस्पतालों के साथ सामान्य पैनल को सक्षम करने के लिए प्रमुख और सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. इससे पॉलिसीधारकों के लिए स्वास्थ्य बीमा का दावे का प्रोसेस आसान हो जाएगा.

ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को जोड़ने पर हो रहा काम

IRDAI नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के साथ सीनियर सिटीजन के लिए बीमा को बेहतर बनाने और ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को नेशनल हेल्थ एक्सचेंज पर लाने के लिए काम कर रहा है. मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस चार्ज ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल हो चुका है. ऐसे में आईआरडीएआई बेहतर उत्पाद देने के लिए इसपर काम कर रहा है.

रेगुलेटर लॉन्ग टर्म में सामान्य बीमा, लचीली नीतियों जैसे उत्पादों और सुविधाओं को लॉन्च करने के लिए भी काम कर रहा है. बीमा उत्पादों की पहुंच को और बेहतर बनाने के लिए नए बीमा कंपनियों को प्रोत्साहित कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी और मोटर्स, पी एंड आई क्लब, गोदामों के लिए बीमा में लॉन्ग टर्म प्रोडक्ट पर विचार कर रहे हैं, ताकि सुविधाएं और बेहतर हो सकें.

10 सालों में इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स के सामने नई चुनौतियां

पांडा ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर में इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स के सामने 10 साल में कई नए रिस्क सामने आए हैं, जिसके तहत क्लाइमेट चेंज, पैंडेमिक और साइबर सिक्योरिटी शामिल हैं. इसने इंश्योरेंस के नेचर और बीमा वितरण को बदला है.

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