चिकटिया गांव में रहने वाले लोगों से पता चला कि जिन लोगों को आवास योजना का लाभ मिला है, उन्हें ही सरपंच द्वारा दूसरी बार भी आवास योजना का लाभ दिया गया है। तो कई बार उन्हीं लोगों की समस्याएं सरपंच को नजर आती हैं...? क्या गाँव में रहने वाले अन्य गरीबों को नहीं देख पाते..?
चिकटिया गांव के लोगों का कहना है कि सरकार से मिलने वाली सभी योजनाओं की जानकारी सरपंच द्वारा गांव के लोगों को नहीं मिल पाति है। और तख्ते में रहने वाला सदस्य कोई ध्यान नहीं देता। अगर गांव के सरपंच और सदस्य लोगों की समस्याओं का ध्यान नहीं रखेंगे तो, उनकी समस्या को कौन सुनेगा...?
गांव के आगेवान भासुभाई रंगेभाई पवार और शिवाभाई महादुभाई वाघमारे ने एक जागरूक नागरिक के रूप में महसूस किया कि हमारे जैसे गांव में कई परिवारों की मांग है कि उन्हें भी आवास योजना का लाभ मिले, लेकिन सरपंच की लापरवाही का खामियाजा। गांव के गरीब लोगों को भुगतना पड़ता है, तो देखना ये होगा कि क्या सिस्टम इस मुद्दे पर ध्यान देगा, या नहीं....?
शिवाभाई महादुभाई वाघमारे ने बताया कि वह 1995 से चिकटिया गांव में रह रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। वहीं भासुभाई रंगेभाई पवार ने बताया कि पिछले 30-35 सालों से पांच से छह परिवार एक ही घर में रह रहे हैं, इसका जिम्मेदार कौन है, गांव का सरपंच या तंत्र...?
चिकटिया गांव के लोग वर्षों से सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। आवास योजना के लाभ में चिकटिया गांव के गरीबों को ठगा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से लोगों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है, इसलिए अधिकांश घर जर्जर हो गये हैं। तो अब देखने वाली बात यह है कि क्या सिस्टम चिकटिया गांव के गरीब लाभार्थियों को आवास योजना के जरिए घर दिलाने में सफल हो पाएगा या नहीं...?
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