बिहार में डेंगू के मामले लगातार बढ़ ही रहे हैं. भागलपुर और पटना में केस अधिक मिले हैं. भागलपुर में डेंगू की रफ्तार अधिक तेज है. डेंगू से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों में और नगरपालिका क्षेत्रों में नगर निकायों द्वारा एंटी लार्वा दवा का छिड़काव सघन रूप से शुरू हो गया है.
अस्पतालों में दवा और मेडिकल कॉलेजों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता की मॉनीटरिंग शुरू हो गयी है. राज्य में इस वर्ष अब तक 398 नये डेंगू के मामले पाये गये हैं. इसमें पटना जिले में अब तक 146 और भागलपुर जिले में 133 डेंगू के मरीज पाये गये हैं. इन दोनों शहरों में अधिक केस की वजह मेट्रो और स्मार्ट सिटी के कारण हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर बताया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक जाएंगे भागलपुर
स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि किसी भी जिले से डेंगू के मरीज के मरने की सूचना नहीं मिली है. सभी जगह अस्पताल अलर्ट मोड में हैं. उन्होंने बताया कि सीवान, छपरा और शिवहर जैसे जिले में एक भी डेंगू के केस नहीं मिले हैं. सरकार स्तर पर सोमवार से प्रत्येक दिन डेंगू की समीक्षा की जायेगी. समीक्षा में जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी. अपर निदेशक ने बताया कि वह डेंगू के बढ़ते मामले को लेकर शुक्रवार को भागलपुर जा रहे हैं. वहां इसकी समीक्षा होगी.
डेंगू ने पिछले साल 32 लोगों की ली थी जान
मालूम हो कि राज्य में साल दर साल डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. पिछले आंकड़ों को देखें तो 2017 में राज्य में डेंगू के कुल 1738 केस सामने आये थे और दो लोगों की मौत हुई थी. विभाग के अनुसार 2022 में राज्य में डेंगू के 13972 नये केस मिले थे और इस बीमारी ने 32 लोगों की जान भी ली थी. इस वर्षसितंबर में सबसे अधिक डेंगू के मामले मिलने की आशंका है. अब तक 398 केस मिल चुके हैं.
भागलपुर में 48 नये डेंगू मरीज, 10 मरीजों की स्थिति गंभीर
भागलपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. गुरुवार को 48 नये डेंगू मरीजों की पहचान जांच के बाद हुई. जेएलएनएमसीएच में 15 और सदर अस्पताल में जांच के बाद 33 डेंगू के मरीज मिले. मायागंज अस्पताल से नौ मरीजों को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दी गयी. गुरुवार को मायागंज अस्पताल के फैब्रिकेटेड हाॅस्पिटल में 60, एमसीएच वार्ड में 24 व मेडिसिन एचडीयू में 15 मरीजाें का इलाज चल रहा था. इनमें से 25 मरीजाें की रिपाेर्ट एलिजा टेस्ट में पाॅजिटिव आ गयी है. प्रभारी सीएस डाॅ मनाेज कुमार चाैधरी ने बताया कि सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में एनएस-1 एलिजा पाॅजिटिव जांच के लिए अतिरिक्त किट खरीदा जा रहा है. कुल डेंगू मरीजों में 10 की स्थिति गंभीर है.
सभी सरकारी अस्पतालों में फॉगिंग मशीन की होगी खरीदारी
डेंगू मच्छरों को मारने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों व आसपास में फॉगिंग करायी जायेगी. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर, रेफरल, अनुमंडलीय व पीएचसी अस्पतालों को फॉगिंग मशीन खरीदने का निर्देश दिया गया है. खरीदारी में राशि का भुगतान रोगी कल्याण समिति करेगा. पटना मुख्यालय स्तर से आठ सितंबर को इसकी समीक्षा भी की जायेगी. विभाग द्वारा जारी निर्देश के बाद अस्पताल प्रबंधकों की ओर से मशीन की खरीदारी का प्रयास किया गया. लेकिन भागलपुर में कहीं भी मशीन नहीं मिला. अब कोलकाता से मशीन को मंगवाने की प्रक्रिया चल रही है. तय समय पर मशीन की खरीदारी नहीं हुई तो कार्रवाई तय है.
पटना में डेंगू के मामले..
पटना जिले में डेंगू की रफ्तार तेज होने लगी है. बीते दो दिन से अब 20 के पार केस मिलने लगे हैं. जबकि इससे पहले हर रोज औसतन 10 से 12 के आसपास नये मरीज मिल रहे हैं. गुरुवार को जिले में 24 नये मरीज मिले हैं. इनमें सबसे अधिक पाटलिपुत्र अंचल में 13 लोग चिह्नित किये गये हैं. यहां एक ही परिवार से दो लोग डेंगू पॉजिटिव हुए हैं. इसके बाद कंकड़बाग में चार, अजीमाबाद में दो, नूजन राजधानी अंचल में दो लोग डेंगू के शिकार हुए हैं. इसके साथ ही जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या भी 170 के पार पहुंच गयी.
पटना के ये इलाके संवेदनशील..
24 घंटे के अंदर पटना के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच के डेंगू वार्ड में चार नये मरीज भर्ती किये गये हैं. जबकि डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद एक मरीज पीएमसीएच व एक मरीज आइजीआइएमएस से डिस्चार्जकिया गया है. वहीं सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने कहा कि शहर के पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, महेंद्रू, ट्रांसपोर्ट नगर, फुलवारीशरीफ, दानापुर, राजीव नगर आदि 14 इलाकों को संवेदनशील घोषित किये गये हैं. यहां नगर-निगम के सहयोग से दवा आदि का छिड़काव व जमा पानी निकालने के निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि जहां पानी जमा है, वहां डेंगू का प्रकोप मिल रहा है. जिन इलाकों में प्रकोप है, वहां फॉगिंग और लार्विसाइडल का छिड़काव कराया जा रहा है.
बिहार में डेंगू के मामले लगातार बढ़ ही रहे हैं. भागलपुर और पटना में केस अधिक मिले हैं. भागलपुर में डेंगू की रफ्तार अधिक तेज है. डेंगू से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों में और नगरपालिका क्षेत्रों में नगर निकायों द्वारा एंटी लार्वा दवा का छिड़काव सघन रूप से शुरू हो गया है.
स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक जाएंगे भागलपुर
स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि किसी भी जिले से डेंगू के मरीज के मरने की सूचना नहीं मिली है. सभी जगह अस्पताल अलर्ट मोड में हैं. उन्होंने बताया कि सीवान, छपरा और शिवहर जैसे जिले में एक भी डेंगू के केस नहीं मिले हैं. सरकार स्तर पर सोमवार से प्रत्येक दिन डेंगू की समीक्षा की जायेगी. समीक्षा में जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी. अपर निदेशक ने बताया कि वह डेंगू के बढ़ते मामले को लेकर शुक्रवार को भागलपुर जा रहे हैं. वहां इसकी समीक्षा होगी.
डेंगू ने पिछले साल 32 लोगों की ली थी जान
मालूम हो कि राज्य में साल दर साल डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. पिछले आंकड़ों को देखें तो 2017 में राज्य में डेंगू के कुल 1738 केस सामने आये थे और दो लोगों की मौत हुई थी. विभाग के अनुसार 2022 में राज्य में डेंगू के 13972 नये केस मिले थे और इस बीमारी ने 32 लोगों की जान भी ली थी. इस वर्षसितंबर में सबसे अधिक डेंगू के मामले मिलने की आशंका है. अब तक 398 केस मिल चुके हैं.
भागलपुर में 48 नये डेंगू मरीज, 10 मरीजों की स्थिति गंभीर
भागलपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. गुरुवार को 48 नये डेंगू मरीजों की पहचान जांच के बाद हुई. जेएलएनएमसीएच में 15 और सदर अस्पताल में जांच के बाद 33 डेंगू के मरीज मिले. मायागंज अस्पताल से नौ मरीजों को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दी गयी. गुरुवार को मायागंज अस्पताल के फैब्रिकेटेड हाॅस्पिटल में 60, एमसीएच वार्ड में 24 व मेडिसिन एचडीयू में 15 मरीजाें का इलाज चल रहा था. इनमें से 25 मरीजाें की रिपाेर्ट एलिजा टेस्ट में पाॅजिटिव आ गयी है. प्रभारी सीएस डाॅ मनाेज कुमार चाैधरी ने बताया कि सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में एनएस-1 एलिजा पाॅजिटिव जांच के लिए अतिरिक्त किट खरीदा जा रहा है. कुल डेंगू मरीजों में 10 की स्थिति गंभीर है.
सभी सरकारी अस्पतालों में फॉगिंग मशीन की होगी खरीदारी
डेंगू मच्छरों को मारने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों व आसपास में फॉगिंग करायी जायेगी. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर, रेफरल, अनुमंडलीय व पीएचसी अस्पतालों को फॉगिंग मशीन खरीदने का निर्देश दिया गया है. खरीदारी में राशि का भुगतान रोगी कल्याण समिति करेगा. पटना मुख्यालय स्तर से आठ सितंबर को इसकी समीक्षा भी की जायेगी. विभाग द्वारा जारी निर्देश के बाद अस्पताल प्रबंधकों की ओर से मशीन की खरीदारी का प्रयास किया गया. लेकिन भागलपुर में कहीं भी मशीन नहीं मिला. अब कोलकाता से मशीन को मंगवाने की प्रक्रिया चल रही है. तय समय पर मशीन की खरीदारी नहीं हुई तो कार्रवाई तय है.
पटना में डेंगू के मामले..
पटना जिले में डेंगू की रफ्तार तेज होने लगी है. बीते दो दिन से अब 20 के पार केस मिलने लगे हैं. जबकि इससे पहले हर रोज औसतन 10 से 12 के आसपास नये मरीज मिल रहे हैं. गुरुवार को जिले में 24 नये मरीज मिले हैं. इनमें सबसे अधिक पाटलिपुत्र अंचल में 13 लोग चिह्नित किये गये हैं. यहां एक ही परिवार से दो लोग डेंगू पॉजिटिव हुए हैं. इसके बाद कंकड़बाग में चार, अजीमाबाद में दो, नूजन राजधानी अंचल में दो लोग डेंगू के शिकार हुए हैं. इसके साथ ही जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या भी 170 के पार पहुंच गयी.
पटना के ये इलाके संवेदनशील..
24 घंटे के अंदर पटना के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच के डेंगू वार्ड में चार नये मरीज भर्ती किये गये हैं. जबकि डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद एक मरीज पीएमसीएच व एक मरीज आइजीआइएमएस से डिस्चार्जकिया गया है. वहीं सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने कहा कि शहर के पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, महेंद्रू, ट्रांसपोर्ट नगर, फुलवारीशरीफ, दानापुर, राजीव नगर आदि 14 इलाकों को संवेदनशील घोषित किये गये हैं. यहां नगर-निगम के सहयोग से दवा आदि का छिड़काव व जमा पानी निकालने के निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि जहां पानी जमा है, वहां डेंगू का प्रकोप मिल रहा है. जिन इलाकों में प्रकोप है, वहां फॉगिंग और लार्विसाइडल का छिड़काव कराया जा रहा है.
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