महाराष्ट्र के नागपुर शहर से हैरान करने वाली खबर सामने आई है जिसने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए हैं। पुलिस के अनुसार, नागपुर की आवासीय सोसायटी में घरेलू सहायिका के रूप में नाबालिग से एक परिवार काम करा रहा था और उस पर ढेरों अत्याचार कर रहा था।
मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब नाबालिग किसी तरह से वहां से भागने में कामयाब रही। गौरतलब है कि 12 वर्षीय नाबालिग सहायिका पर परिवार द्वारा शारीरिक शोषण किया गया है जिसमें उसके बदन को सिगरेट और गर्म तवे से जलाया गया।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित लड़की करीब तीन साल पहले बेंगलुरु से नागपुर आई थी। उसे अथर्व सोसायटी में काम करने के लिए लाया गया था। इस दौरान लड़की के साथ की तरह की यातनाएं की गई। लड़की लड़की को हुई यातना तब सामने आई जब परिवार ने बेंगलुरु जाते समय उसे चार दिनों के लिए घर में अकेला छोड़ दिया।
बिल बकाया होने के कारण बिजली काट दी गई। लड़की बंद घर के भीतर एक खिड़की से मदद के लिए संकेत देने में कामयाब रही। इसके बाद पड़ोसियों ने बच्ची को घर के भीतर देख लिया और दरवाजा तोड़कर उसे बचाया गया। सोसायटी के अन्य लोगों ने फौरन इसकी सूचना पुलिस को दी।
गौरतलब है कि घर में घुसने के बाद देखा गया कि लड़की बुरी तरह से डरी हुई थी और उसकी हालत ठीक नहीं थी। इसके पूरे शरीर पर चोटों के निशान थे।
एनजीओ कार्यकर्ता शीतल पाटिल के मुताबिक, अगर लड़की अपने कर्तव्यों में कोई गलती करती थी, तो परिवार वाले उसे तवे से जलाने का सहारा लेते थे। इसके अतिरिक्त, उसे कथित तौर पर जलती सिगरेट से प्रताड़ित किया गया।
हुडकेश्वर पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी विक्रांत सांगाने ने कहा कि लड़की को पुलिस स्टेशन लाया गया था। उसकी चिकित्सीय जांच की गई जिसमें यातना के लक्षण सामने आए।
हुडकेश्वर पुलिस ने बेंगलुरु में अपने समकक्षों से संपर्क स्थापित किया। जानकारी के आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने उस जोड़े को गिरफ्तार कर लिया, जिसके साथ लड़की रहती थी और उन्हें नागपुर पुलिस को सौंप दिया गया।
हुडकेश्वर पुलिस ने दंपति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और मामले की आगे की जांच जारी है। बताया जा रहा है कि आरोपी दंपति ने मूल रूप से लड़की के माता-पिता से उसे नागपुर लाने के बाद शिक्षा और देखभाल करने का वादा किया था।
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