आगामी जी20 शिखर सम्मेलन से पहले चीन की नापाक हरकत सामने आई है। चीन पड़ोसी देश नेपाल को भारत के खिलाफ भड़काने में जुटा है। यही नहीं, अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने के लिए चीन लोगों पर जानलेवा हमले भी करवा रहा है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, काठमांडू के रिपोर्टर्स क्लब में पत्रकार वार्ता के बाद बाहर निकलते ही महेंद्र यादव पर जानलेवा हमला हुआ। काठमांडू पुलिस के एसपी कुमुद ढुंगेल ने बताया कि करीब 45 वर्षीय श्याम सापकोटा नाम के व्यक्ति ने पूर्व मंत्री महेंद्र यादव के गले पर खुकुरी से प्रहार किया। हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्टों के मुताबिक, महेंद्र यादव ने रिपोर्टर्स क्लब में नेपाल में चीन के राजदूत के बयान को कूटनीतिक मर्यादा का उल्लंघन बताते हुए उनसे स्पष्टीकरण लेने की मांग की थी। उन्होंने चीन के राजदूत को अपनी हद में रहने को कहा। साथ ही नेपाल को कूटनीतिक ज्ञान नहीं देने की नसीहत भी दी।
क्या जहर उगल रहे थे चीनी राजदूत?
नेपाल में चीनी राजदूत चेन सोंग ने नेपाल को भारत के बजाय चीन से सहयोग की नसीहत दी थी। चीनी राजदूत चेन सोंग ने भारत के खिलाफ बोलते हुए भारत को एक ऐसे देश के रूप में पेश किया है जो अपने पड़ोसियों, खासकर नेपाल के प्रति मित्रतापूर्ण नहीं है। काठमांडू में एक कार्यक्रम में बोलते हुए सोंग ने नेपाल को भारत के साथ सावधानी से चलने की सलाह दी। इस कार्यक्रम में प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देवराज घिमिरे भी शामिल थे। राजदूत सोंग ने चीन और नेपाल के बीच बेहतर संबंधों की वकालत की और 'नेपाल में भारत के प्रभाव' के बारे में अपमानजनक बातें कहीं।
नेपाल में चीनी दूत ने कहा, "दुर्भाग्य और सौभाग्य से आपके पास भारत जैसा पड़ोसी है। भारत एक बहुत बड़ा बाजार है, बड़ी संभावनाएं हैं जिनका आप लाभ उठा सकते हैं। लेकिन साथ ही, नेपाल और अन्य पड़ोसियों के प्रति भारत की नीति इतनी अनुकूल नहीं है और नेपाल के लिए इतनी फायदेमंद नहीं है। तो इसे हम नीतिगत बाधाएं मानते हैं। उन्होंने कहा, "चीन की ग्रोथ देखिए, हमारा भविष्य उज्ज्वल है। हम सभी विकासशील देशों, विशेषकर हमारे नेपाली मित्रों को लाभान्वित करना चाहते हैं। इसलिए नेपाली मित्रों को मेरा सुझाव है कि आपके आर्थिक ढांचे को पुनर्गठन की आवश्यकता है।''
राजदूत ने नेपाल के साथ भारत की भूमिका और संबंधों को कम करके आंकने की कोशिश की। बता दें कि भारत और नेपाल व्यापार और विकास के अलावा इतिहास, संस्कृति और परंपरा से बंधे हैं। इसे तोड़ने की कोशिश करते हुए चीनी दूत ने कहा था, "पिछले वित्तीय वर्ष में, आपने भारत को 10 अरब रुपये की बिजली निर्यात की थी। लेकिन आपने भारत से कितना आयात किया? मेरे नेपाली दोस्तों, आपने भारत से 19 अरब नेपाली रुपये की बिजली का आयात किया। आपके बिजली व्यापार में घाटा हुआ था।'' भारत और चीन दोनों की नेपाल में अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है।
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