इसके बाद शिकायत दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि चाइल्ड पोर्न वीडियो कंटेंट के सप्लायरों का नेटवर्क दिल्ली से संचालित हो रहा है। इसके लिए टेलीग्राम ऐप्स पर बने ग्रुप और चैनलों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
दरअसल, झारखंड में बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था चाइल्ड राइट फाउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार को जानकारी मिली थी कि टेलीग्राम पर चाइल्ड पोर्न वीडियो एंड स्कॉट सर्विस के नाम पर एक ओपन ग्रुप संचालित है और कोई भी इसका मेंबर बन सकता है।
28 अगस्त को उन्हें इस ग्रुप की ओर से पूछा गया कि क्या वे चाइल्ड पोर्न वीडियो लेना चाहते हैं? उन्होंने हां कहा तो इस पर डेमो वीडियो भेजा गया और 220 रुपए चुकाने पर ऐसे 8,000 से ज्यादा वीडियो उपलब्ध कराने की बात कही गई। इसके लिए यूपीआई का लिंक भेजा गया। इस लिंक पर पैसे डालने के बाद छह लिंक भेजे गए।
उन्होंने इसकी शिकायत झारखंड सीआईडी के डीजी को दी। लिखित शिकायत के आधार पर सीआईडी के साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज किया गया है। चाइल्ड पोर्न कंटेंट सप्लाई करने वाले दो मोबाइल नंबरों का आईडेंटिफाई किया गया है।
इसमें सूर्या नामक एक व्यक्ति की संलिप्तता बताई जा रही है। इसे लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग को भी पत्र लिखा गया है।
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