- मंदिर में पुजारियों से अभद्रता मामले में राजमाता गिरफ्तार, भेजा जेल | सच्चाईयाँ न्यूज़

शुक्रवार, 8 सितंबर 2023

मंदिर में पुजारियों से अभद्रता मामले में राजमाता गिरफ्तार, भेजा जेल


 पन्ना के ऐतिहासिक जुगल किशोर मंदिर में जन्माष्टमी की पूजा के दौरान पन्ना राजपरिवार की सदस्य जीतेश्वरी देवी कृष्ण जन्मोत्सव में शामिल हुईं इसी दौरान जीतेश्वरी देवी ने गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश की।उन्हें रोका गया तो उन्होंने पुजारियों एवं पुलिस के साथ अभद्रता की। जिसके बाद उन्हें घसीटकर मंदिर से बाहर निकाला गया और पूरे मामले में उन पर प्रकरण दर्ज गिरफ्तार भी कर लिया गया।

जानकारी के लिए बता दें कि बुंदेलखंड के आस्था के केन्द्र भगवान युगल किशोर जी के मंदिर में आज तक के इतिहास की अप्रत्याशित घटना घटी जहां पर राजपरिवार की ओर से मौजूद राजमाता जीतेश्वरी देवी द्वारा चंवर पुजारियों से छुड़ा कर डुलाया और फिर गर्भग्रह में घुस गई। पुजारियों ने विरोध किया तो उनके साथ भी अभद्रता की बाद में महिला पुलिस ने पकड़कर मंदिर से बाहर किया। यह पूरी घटना उस समय घटित हुई जब भगवान का जन्मोत्सव के तत्काल बाद भगवान युगल किशोर जी की आरती हो रही थी और हजारों की संख्या में भक्त भगवान जयकारे के नारे लगा रहे थे। बताया गया कि राजमाता नशे की हालत में थी बुजुर्गो का कहना है कि पन्ना के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि राजघराने के किसी सदस्य ने ऐसी घिनौनी हरकत की है जिसकी सर्वत्र निंदा हो रही है।

पुलिस अधीक्षक पन्ना सांई कृष्णर थोटा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पुलिस पन्ना को आवश्य्क दिशा निर्देश दिये जिस पर आज उपरोक्त पुलिस ने धारा 295ए तथा 353 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया था और उनकी गिरफ्तारी शुक्रवार दोपहर उस समय हुई जब वे पुनः मंदिर के लिए जा रही थी। पुलिस ने उनका मेडिकल चेकअप कराया जिसकी जांच के लिए सेम्पल सागर लेबोरेटरी भेजा गया है। शाम को राजमाता जीतेश्वरी कुमारी को सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जहां से उनके वकील द्वारा जमानत अर्जी प्रस्तुत की गई न्यायालय द्वारा विचारणोपरांत जमानत अर्जी खारिज कर दी। जिससे राजमाता को जेल भेज दिया गया। यदि सेम्पल शराब के नशे का पॉजिटिव आता है तो और भी धाराएं बढ़ सकती हैं।

पुत्र की जगह स्वयं पहुंच गई थी राजमाताः-

बताया जाता है कि परंपरा अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर राजपरिवार की ओर से चंवर डुलाने की परंपरा है जिसका निर्वहन उनके पुत्र छत्रशाल द्वितीय को करना चाहिए था वहीं मान्यता अनुसार क्योंकि वे बेवा महिला है ऐसे में उन्हें चंवर नहीं डुलाना चाहिए था, लेकिन किसी कारणवश उनके पुत्र जन्मोत्सव में नहीं पहुंचे तो वे स्वयं मंदिर पहुंच गई और गर्भ ग्रह में घुस कर पुजारी से चंवर छुड़ाकर डुलाने लगी और पुजारियों से अभद्रता करने लगी जिस कारण उक्त मामला तूल पकड़ गया और जन्मोत्सव में व्यवधान भी आया। ज्ञात हो कि राजमाता जीतेश्वरी अपनी सास दिलहरी कुमारी की रिपोर्ट पर जुलाई 2021 पर भी जेल जा चुकी हैं।

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