स्टॉक मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव होता है और एक्सपायरी के दिन तो इसमें और भी वोलैटेलिटी के आसार होते हैं। हालांकि इस शुक्रवार 8 सितंबर 2023 को जैसा उतार-चढ़ाव हुआ, उसे लेकर अब बाजार नियामक सेबी ( SEBI ) की जांच शुरू हो गई है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि शुक्रवार को एक्सपायरी के दिन एक ट्रेडर के ऑर्डर के चलते 67000 के स्ट्राइक वाला सेंसेक्स के कॉल ऑप्शन (Sensex Call Option) का प्रीमियम करीब 5000 फीसदी उछल गया। यह उछाल सिर्फ कुछ सेकंडों में दिखी और कॉल प्रीमियम 4.30 रुपये 209.25 रुपये पर पहुंच गया। इसके कुछ ही देर बाद प्रीमियम नॉर्मल हो गया लेकिन सोशल मीडिया पर इसने बहस छेड़ दी और किसी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। इसे लेकर बाजार नियामक सेबी ने अब जांच शुरू कर दी है।
8 सितंबर को मार्केट में क्या हुआ
शुक्रवार को इंट्रा-डे में एक्सपायरी के दिन 11:02 बजे एक मिनट के भीतर ही ऑप्शन कांट्रैक्ट का प्रीमियम 4.30 रुपये से उछलकर 209.25 रुपये पर पहुंच गया। फिर अगले ही मिनट यह 5.45 रुपये पर पहुंच गया। हालांकि इसके पहले ही करीब 5.49 लाख शेयरों का लेन-देन हुआ था। अब इश मामले में यह हो सकता है कि ट्रेडर ने लिमिट ऑर्डर की बजाय मार्केट ऑर्डर किया था। बाय ट्रेड की बात करें तो लिमिट ऑर्डर में पहले से तय एक लिमिट के ऊपर बाय नहीं होगा लेकिन मार्केट ऑर्डर में किसी भी प्राइस पर ऑर्डर पूरा हो सकता है।
सेसेक्स 67000 कॉल जैसे इल्लिक्विड ऑप्शन्स में यह एक इश्यू है और अधिकतर ब्रोकर ऐसे में इस प्रकार के कम लिक्विडिटी वाले ऑप्शन्स के लिए मार्केट ऑर्डर को मंजूर नहीं करते हैं। कुछ का मानना है कि यहीं किसी ब्रोकर ने गलती की होगी और एकाएक सेकंडों में ही कॉल प्रीमियम में तेज उतार-चढ़ाव दिखा। हालांकि इस मामले में क्या हुआ, यह सेबी की जांच के बाद ही तय हो सकेगा।
पहली बार नहीं हुआ है ऐसा
डेरिवेटिव मार्केट में ऐसा नहीं है कि इस प्रकार का तेज उतार-चढ़ाव पहली बार हुआ है। 11 अगस्त को 45700 स्ट्राइक के निफ्टी बैंक पुट ऑप्शन्स का प्रीमियम 90 फीसदी से अधिक गिर गया था। इस प्रकार के मामले ट्रेडिंग में कुछ गड़बड़ियों के चलते होते हैं जैसे कि तकनीकी समस्या, मानवीय गलतियां या मैनिपुलेशन। डेरिवेटिव मार्केट में इस प्रकार के तेज उतार-चढ़ाव को लेकर ट्रेडर्स ने एल्गो ट्रेडिंग की संभावनाओं और खतरों को लेकर इशारा किया है।
स्टॉक मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव होता है और एक्सपायरी के दिन तो इसमें और भी वोलैटेलिटी के आसार होते हैं। हालांकि इस शुक्रवार 8 सितंबर 2023 को जैसा उतार-चढ़ाव हुआ, उसे लेकर अब बाजार नियामक सेबी ( SEBI ) की जांच शुरू हो गई है।
8 सितंबर को मार्केट में क्या हुआ
शुक्रवार को इंट्रा-डे में एक्सपायरी के दिन 11:02 बजे एक मिनट के भीतर ही ऑप्शन कांट्रैक्ट का प्रीमियम 4.30 रुपये से उछलकर 209.25 रुपये पर पहुंच गया। फिर अगले ही मिनट यह 5.45 रुपये पर पहुंच गया। हालांकि इसके पहले ही करीब 5.49 लाख शेयरों का लेन-देन हुआ था। अब इश मामले में यह हो सकता है कि ट्रेडर ने लिमिट ऑर्डर की बजाय मार्केट ऑर्डर किया था। बाय ट्रेड की बात करें तो लिमिट ऑर्डर में पहले से तय एक लिमिट के ऊपर बाय नहीं होगा लेकिन मार्केट ऑर्डर में किसी भी प्राइस पर ऑर्डर पूरा हो सकता है।
सेसेक्स 67000 कॉल जैसे इल्लिक्विड ऑप्शन्स में यह एक इश्यू है और अधिकतर ब्रोकर ऐसे में इस प्रकार के कम लिक्विडिटी वाले ऑप्शन्स के लिए मार्केट ऑर्डर को मंजूर नहीं करते हैं। कुछ का मानना है कि यहीं किसी ब्रोकर ने गलती की होगी और एकाएक सेकंडों में ही कॉल प्रीमियम में तेज उतार-चढ़ाव दिखा। हालांकि इस मामले में क्या हुआ, यह सेबी की जांच के बाद ही तय हो सकेगा।
पहली बार नहीं हुआ है ऐसा
डेरिवेटिव मार्केट में ऐसा नहीं है कि इस प्रकार का तेज उतार-चढ़ाव पहली बार हुआ है। 11 अगस्त को 45700 स्ट्राइक के निफ्टी बैंक पुट ऑप्शन्स का प्रीमियम 90 फीसदी से अधिक गिर गया था। इस प्रकार के मामले ट्रेडिंग में कुछ गड़बड़ियों के चलते होते हैं जैसे कि तकनीकी समस्या, मानवीय गलतियां या मैनिपुलेशन। डेरिवेटिव मार्केट में इस प्रकार के तेज उतार-चढ़ाव को लेकर ट्रेडर्स ने एल्गो ट्रेडिंग की संभावनाओं और खतरों को लेकर इशारा किया है।
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