'गदर 2' इन दिनों बड़े पर्दे पर छाई हुई है। फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने हाल ही में पीटीआई से इस फिल्म पर खुलकर बात की। उनके मुताबिक वास्तविकता और कल्पना के मिश्रण से एक मास एंटरटेनर फिल्म बनाना कठिन काम है।
बता दें कि यह फिल्म उनकी 2001 की ब्लॉकबस्टर 'गदर: एक प्रेम कथा' का सीक्वल है। इसमें सनी देओल एक बार फिर तारा सिंह के रूप में नजर आए हैं। वहीं, अमीषा पटेल ने सकीना और उत्कर्ष शर्मा ने उनके बेटे चरणजीत सिंह का रोल निभाया है।
मनोरंजक फिल्म बनाना नहीं है आसान11 अगस्त को रिलीज हुई यह फिल्म अभी भी सिनेमाघरों में चल रही है और अब तक 500 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है। पठान के बाद यह दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म है। इस बारे में बात करते हुए अनिल ने कहा, "एक बड़े पैमाने पर मनोरंजन करने वाली फिल्म बनाना आसान नहीं है। यह मुश्किल है, क्योंकि आपको इस लार्जर दैन लाइफ हीरो को इस तरह दिखाना होता है कि वह जो कुछ भी करे वह वास्तविक और मनोरंजक लगे। एक यथार्थवादी फिल्म बनाते समय आप उस व्यक्ति और अन्य लोगों से बात कर सकते हैं कि कहानी किस पर आधारित है, लेकिन किसी फिल्म में नायकत्व जोड़ना चुनौतीपूर्ण होता है।''
फिल्म की कहानी पर कही यह बात'गदर' के लोकप्रिय हैंडपंप दृश्य का जिक्र करते हुए फिल्ममेकर ने कहा कि ऐसी स्थिति बनाना कठिन है जो हीरो के एक्शन को विश्वसनीय बना सके। गदर 2 की कहानी की बात करें तो यह 1971 में स्थापित की गई है। फिल्म में तारा अपने बेटे अपने बेटे चरणजीत सिंह को पाकिस्तानी सेना से छुड़ाने के लिए बॉर्डर पार जाता है। दर्शकों के एक वर्ग ने फिल्म को "पाकिस्तान-विरोधी" स्वर वाला बताया है, लेकिन शर्मा के अनुसार वह पाकिस्तान या किसी समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "फिल्म में हमने कहा है कि हिंदुस्तान मुसलमानों का है, फिर हम उन पर हमला कैसे कर रहे हैं? हमने दिखाया है कि देश हर किसी का है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।"
'गदर 2' इन दिनों बड़े पर्दे पर छाई हुई है। फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने हाल ही में पीटीआई से इस फिल्म पर खुलकर बात की। उनके मुताबिक वास्तविकता और कल्पना के मिश्रण से एक मास एंटरटेनर फिल्म बनाना कठिन काम है।
मनोरंजक फिल्म बनाना नहीं है आसान
11 अगस्त को रिलीज हुई यह फिल्म अभी भी सिनेमाघरों में चल रही है और अब तक 500 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है। पठान के बाद यह दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म है। इस बारे में बात करते हुए अनिल ने कहा, "एक बड़े पैमाने पर मनोरंजन करने वाली फिल्म बनाना आसान नहीं है। यह मुश्किल है, क्योंकि आपको इस लार्जर दैन लाइफ हीरो को इस तरह दिखाना होता है कि वह जो कुछ भी करे वह वास्तविक और मनोरंजक लगे। एक यथार्थवादी फिल्म बनाते समय आप उस व्यक्ति और अन्य लोगों से बात कर सकते हैं कि कहानी किस पर आधारित है, लेकिन किसी फिल्म में नायकत्व जोड़ना चुनौतीपूर्ण होता है।''
फिल्म की कहानी पर कही यह बात
'गदर' के लोकप्रिय हैंडपंप दृश्य का जिक्र करते हुए फिल्ममेकर ने कहा कि ऐसी स्थिति बनाना कठिन है जो हीरो के एक्शन को विश्वसनीय बना सके। गदर 2 की कहानी की बात करें तो यह 1971 में स्थापित की गई है। फिल्म में तारा अपने बेटे अपने बेटे चरणजीत सिंह को पाकिस्तानी सेना से छुड़ाने के लिए बॉर्डर पार जाता है। दर्शकों के एक वर्ग ने फिल्म को "पाकिस्तान-विरोधी" स्वर वाला बताया है, लेकिन शर्मा के अनुसार वह पाकिस्तान या किसी समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "फिल्म में हमने कहा है कि हिंदुस्तान मुसलमानों का है, फिर हम उन पर हमला कैसे कर रहे हैं? हमने दिखाया है कि देश हर किसी का है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।"
एक टिप्पणी भेजें