बिहार की जमुई पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. जिले के बटिया जंगल से एसएसबी और जिला पुलिस ने छापेमारी करते हुए 13 साल से फरार चल रहे हार्डकोर नक्सली किशोर सोरेन उर्फ किशोर मांझी को गिरफ्तार कर लिया है.
सशस्त्र सीमा बल के चरकापत्थर यूनिट ने सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए हार्डकोर नक्सली किशोर सोरेन उर्फ किशोर मांझी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किशोर नक्सली कमांडर चिराग दा और प्रकाश राणा का खास सहयोगी रहा है.
जानकारी के अनुसार खैरा इलाके के परासी पुलिस कैंप भवन को बम लगाकर उड़ाने की घटना के अलावा एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में भी गिरफ्तार किशोर सोरेन मुख्य भूमिका में था, जिस मुठभेड़ में एक जवान शहीद भी हुआ था. गिरफ्तार किए गए किशोर सोरेन से पुलिस पूछताछ कर रही है. जमुई जिले के चकाई थाना इलाके के कछुआ गांव का रहने वाला किशोर सोरेन उर्फ किशोर मांझी साल 2010 से ही नक्सली संगठन भाजपा माओवादी में सक्रिय है, जो बीते 13 साल से नक्सली संगठन में शामिल होते हुए कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है और वह अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका था.
किशोर सोरेन जमुई और झारखंड के गिरिडीह इलाके के जंगलों में सक्रिय रहता है.
बताते चलें कि किशोर नक्सली संगठन के बड़े कमांडर चिराग का सबसे भरोसेमंद सहयोगी था और उसके गार्ड के रूप में काम करता था. चिराग के एनकाउंटर में मौत के बाद दूसरे बड़े कमांडर प्रकाश राणा का भी यह खास रहा है. जहां तक इस नक्सली के द्वारा दिए गए घटना के अनजान के बारे में बात करें तो साल 2013 में खैरा थाना इलाके के परासी में बन रहे पुलिस कैंप भवन को बम लगाकर उड़ाने की घटना में यह मुख्य रूप से शामिल था. साथ ही उसी साल सितंबर महीने में खैरा थाना इलाके की गिद्धेश्वर जंगल में एसटीएफ जवानों पर फायरिंग और मुठभेड़ में भी किशोर सोरेन मुख्य रूप से शामिल था.
इस मुठभेड़ में एसटीएफ के एक जवान अंशुमन कुमार शहीद हुए थे,
जबकि दो अन्य जवान अजय कुमार और सुमन कुमार गोली लगने से घायल हुए थे, बताते चले कि गिद्धेश्वर जंगल से जैसे ही एसटीएफ जवानों की टाटा 407 गाड़ी गुजर रही थी, नक्सलियों ने गोलीबारी करते हुए अंधाधुंध फायरिंग की थी. इस मामले में जमुई जिले के एसपी ऑपरेशन ओंकारनाथ सिंह ने बताया कि 13 साल से फरार चल रहे नक्सली किशोर सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया है जो पुलिस कैंप भवन को बम से उड़ाने और एसटीएफ जवानों से भरे पुलिस वाहन पर फायरिंग करने के मामले में मुख्य अभियुक्त है.
इस मुठभेड़ में एसटीएफ का एक जवान शहीद हुआ थे, जबकि दो जवानों को गोली लगी थी, पुलिस को किशोर सोरेन की बहुत दिनों से तलाश थी, जंगली इलाके में आने की सूचना प्राप्त होने के बाद कार्रवाई में यह सफलता मिली है.
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