चरखी दादरी में मध्य-प्रदेश से सस्ते दाम में हथियार लाकर राजस्थान में महंगे दामों पर बेचने वाले दो आरोपियों को दादरी सीआईए ने काबू किया है। आरोपियों की पहचान कादमा निवासी विकास उर्फ विक्की और राजस्थान के लंबोर छोठी निवासी संदीप उर्फ काला के रूप में हुई।
उनके खिलाफ बाढड़ा थाने में सशस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया।
पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार
पुलिस प्रवक्ता पवन कुमार ने बताया कि सीआईए टीम एएसआई संजीत के नेतृत्व में अपराध की रोकथाम के लिए कादमा अड्डे पर मौजूद थी। उसी दौरान सूचना मिली कि कादमा निवासी विकास उर्फ विक्की अपने दोस्त लंबोर छोठी निवासी संदीप उर्फ काला के साथ मिलकर हथियार की अवैध बिक्री करता है। इस समय वो कादमा में टी-प्वाइंट पर खड़ा है।
सूचना के आधार पर सीआईए ने दबिश देकर विकास उर्फ विक्की को काबू कर लिया। उसे साथ लेकर पुलिस ने राजस्थान में दबिश देकर दूसरे साथी को काबू कर
लिया। उनकी निशानदेही पर एक पिस्तौल और दो कारतूस बरामद हुए।
दोगुना कमाना था मुनाफा, जानकारों को ही दिए हथियार
आरोपियों ने बताया कि डेढ़ माह पहले वो 9 पिस्तौल और 15 कारतूस लाए थे। इनकी एवज में उन्होंने सप्लायर को 1.25 लाख रुपये दिए थे। एक हथियार उन्हें करीब 14 हजार रुपये में पड़ा और आगे उन्होंने 25 से 30 हजार में बेचा। आरोपियों ने बताया कि जिन्हें उन्होंने हथियार दिए वो उनके परिचित हैं और उनमें से कुछ ने रुपये भी नहीं दिए हैं।
चरखी दादरी में मध्य-प्रदेश से सस्ते दाम में हथियार लाकर राजस्थान में महंगे दामों पर बेचने वाले दो आरोपियों को दादरी सीआईए ने काबू किया है। आरोपियों की पहचान कादमा निवासी विकास उर्फ विक्की और राजस्थान के लंबोर छोठी निवासी संदीप उर्फ काला के रूप में हुई।
पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार
पुलिस प्रवक्ता पवन कुमार ने बताया कि सीआईए टीम एएसआई संजीत के नेतृत्व में अपराध की रोकथाम के लिए कादमा अड्डे पर मौजूद थी। उसी दौरान सूचना मिली कि कादमा निवासी विकास उर्फ विक्की अपने दोस्त लंबोर छोठी निवासी संदीप उर्फ काला के साथ मिलकर हथियार की अवैध बिक्री करता है। इस समय वो कादमा में टी-प्वाइंट पर खड़ा है।
सूचना के आधार पर सीआईए ने दबिश देकर विकास उर्फ विक्की को काबू कर लिया। उसे साथ लेकर पुलिस ने राजस्थान में दबिश देकर दूसरे साथी को काबू कर
लिया। उनकी निशानदेही पर एक पिस्तौल और दो कारतूस बरामद हुए।
दोगुना कमाना था मुनाफा, जानकारों को ही दिए हथियार
आरोपियों ने बताया कि डेढ़ माह पहले वो 9 पिस्तौल और 15 कारतूस लाए थे। इनकी एवज में उन्होंने सप्लायर को 1.25 लाख रुपये दिए थे। एक हथियार उन्हें करीब 14 हजार रुपये में पड़ा और आगे उन्होंने 25 से 30 हजार में बेचा। आरोपियों ने बताया कि जिन्हें उन्होंने हथियार दिए वो उनके परिचित हैं और उनमें से कुछ ने रुपये भी नहीं दिए हैं।
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