Anil Ambani Company Share: एक वक्त में देश के बड़े अरबपतियों में शुमार अनिल अंबानी की ज्यादातर कंपनियां दिवालिया प्रक्रिया में हैं। ऐसी ही एक कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) भी है।
फाइनेंस से जुड़ी इस कंपनी के शेयरों की कीमत एक वक्त में 2700 रुपये से ज्यादा थी लेकिन बदलते हालात की वजह से यह बुरी तरह पस्त हो गया। आज की तारीख में यह शेयर 12 रुपये के भाव पर है। बीते कुछ दिनों से शेयर में तेजी थी लेकिन अब इसकी ट्रेडिंग एक बार फिर रुक गई है। बीएसई पर Trading Restricted का मैसेज दिखने लगा है। ऐसा कई बार हो चुका है जब रिलायंस कैपिटल की ट्रेडिंग को रोकना पड़ा है।
समाधान योजना पर फंसा पेच
रिलायंस कैपिटल की समाधान योजना का पेच अब तक फंस हुआ है। अब मंजूरी के लिए NCLT मुंबई में 12 सितंबर (मंगलवार) को सुनवाई होनी है, लेकिन ट्रिब्यूनल द्वारा मंगलवार की सुनवाई में हिंदुजा समूह की कंपनी IIHL की समाधान योजना पर अंतिम फैसला लेने की संभावना नहीं है। ऐसा बताया जा रहा है कि NCLT द्वारा समाधान योजना पर अंतिम निर्णय नहीं लेने का मुख्य कारण टोरेंट इन्वेस्टमेंट की याचिका पर आने वाला आदेश है, जिसने IIHL के समाधान योजना को मंजूरी देने के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के फैसले को चुनौती दी थी। NCLT ने टोरेंट की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब याचिका पर अंतिम फैसला सुनाए बिना समाधान योजना को मंजूरी देने की संभावना नहीं है।
आरबीआई की मंजूरी जरूरी
NCLT द्वारा निर्णय टालने की संभावना का दूसरा कारण यह है कि ऋणदाताओं को अभी तक IIHL की समाधान योजना पर आरबीआई और सीसीआई से मंजूरी नहीं मिली है, जो NCLT की मंजूरी के लिए एक शर्त है। इसके अलावा अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने टोरेंट के आवेदन पर सुनवाई अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी, जिसमें नीलामी के दूसरे दौर को चुनौती दी गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि NCLT तब तक समाधान योजना की मंजूरी पर अंतिम निर्णय नहीं लेना चाहेगा जब तक कि शीर्ष अदालत से मामले पर पूर्ण स्पष्टता नहीं मिल जाती।
10,000 करोड़ रुपये की योजना
रिलायंस कैपिटल के लिए IIHL की 10,000 करोड़ रुपये की समाधान योजना को ऋणदाताओं की समिति ने 29 जून को 99.6 प्रतिशत मतदान के साथ मंजूरी दे दी थी। इसके बाद योजना को अंतिम मंजूरी के लिए NCLT के समक्ष दायर किया गया था, लेकिन टोरेंट इन्वेस्टमेंट द्वारा मुकदमेबाजी के कारण, अंतिम मंजूरी में कुछ और समय लगेगा।
Anil Ambani Company Share: एक वक्त में देश के बड़े अरबपतियों में शुमार अनिल अंबानी की ज्यादातर कंपनियां दिवालिया प्रक्रिया में हैं। ऐसी ही एक कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) भी है।
समाधान योजना पर फंसा पेच
रिलायंस कैपिटल की समाधान योजना का पेच अब तक फंस हुआ है। अब मंजूरी के लिए NCLT मुंबई में 12 सितंबर (मंगलवार) को सुनवाई होनी है, लेकिन ट्रिब्यूनल द्वारा मंगलवार की सुनवाई में हिंदुजा समूह की कंपनी IIHL की समाधान योजना पर अंतिम फैसला लेने की संभावना नहीं है। ऐसा बताया जा रहा है कि NCLT द्वारा समाधान योजना पर अंतिम निर्णय नहीं लेने का मुख्य कारण टोरेंट इन्वेस्टमेंट की याचिका पर आने वाला आदेश है, जिसने IIHL के समाधान योजना को मंजूरी देने के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के फैसले को चुनौती दी थी। NCLT ने टोरेंट की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब याचिका पर अंतिम फैसला सुनाए बिना समाधान योजना को मंजूरी देने की संभावना नहीं है।
आरबीआई की मंजूरी जरूरी
NCLT द्वारा निर्णय टालने की संभावना का दूसरा कारण यह है कि ऋणदाताओं को अभी तक IIHL की समाधान योजना पर आरबीआई और सीसीआई से मंजूरी नहीं मिली है, जो NCLT की मंजूरी के लिए एक शर्त है। इसके अलावा अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने टोरेंट के आवेदन पर सुनवाई अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी, जिसमें नीलामी के दूसरे दौर को चुनौती दी गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि NCLT तब तक समाधान योजना की मंजूरी पर अंतिम निर्णय नहीं लेना चाहेगा जब तक कि शीर्ष अदालत से मामले पर पूर्ण स्पष्टता नहीं मिल जाती।
10,000 करोड़ रुपये की योजना
रिलायंस कैपिटल के लिए IIHL की 10,000 करोड़ रुपये की समाधान योजना को ऋणदाताओं की समिति ने 29 जून को 99.6 प्रतिशत मतदान के साथ मंजूरी दे दी थी। इसके बाद योजना को अंतिम मंजूरी के लिए NCLT के समक्ष दायर किया गया था, लेकिन टोरेंट इन्वेस्टमेंट द्वारा मुकदमेबाजी के कारण, अंतिम मंजूरी में कुछ और समय लगेगा।
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