अमेरिका में एक घोटाले ने हर किसी को हिला दिया है. टेक्निकल सपोर्ट के एक घोटाले ने 7 हजार से ज्यादा लोगों को 13 मिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाया है. इस महाघोटाले के आरोप में भारतीय मूल के नागरिक मनोज यादव को न्यूजर्सी से गिरफ्तार किया गया है.
मनोज यादव पर ऑनलाइन फ्रॉड का आरोप लगाया गया है और गुरुवार को ही कोर्ट के सामने पेश किया गया.
मनोज यादव एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था, उसपर आरोप है कि उसने और उसके साथियों ने कंपनी के ग्राहकों को ठगा है. आरोप है कि इन सभी ने सॉफ्टवेयर कंपनी का नाम लेकर लोगों से बड़ी मात्रा में पैसे वसूले, ये सभी लोग उस सर्विस से पैसे लेते थे जो कंपनी मुफ्त में उपलब्ध कराती थी. एफबीआई ने यही मुख्य आरोप मनोज यादव पर लगाया है.
बच सकते हैं?
अमेरिका में कानून के तहत ऐसे मामलों में आरोपी को 20 साल तक की सजा और ढाई लाख डॉलर तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है. एफबीआई ने इस मामले में कहा है कि इस तरह के मामले अमेरिका में पिछले कुछ वक्त में बढ़े हैं, आजकल धोखाधड़ी करने वालों की संख्या बढ़ रही है और फ्रॉड करने वाले तकनीक का फायदा उठाकर लोगों को अपने फंदे में फंसा रहे हैं.
ये घोटाला 2017 से 2023 तक चलता रहा, मनोज यादव और उनके कई साथी जो भारत से ही ऑपरेट करते थे. वो सभी खुद को एक अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी का कर्मचारी बताते थे और उनके क्लाइंट से सॉफ्टवेयर में सुधार, गड़बड़ी को ठीक करने का पैसा लेते थे. जबकि कंपनी इन सुविधाओं को मुफ्त में देती है.
इस सॉफ्टवेयर कंपनी ने भी बयान दिया है कि हम किसी भी सर्विस का पैसा नहीं लेते हैं, जबकि मनोज यादव या किसी भी व्यक्ति को हमने अपनी तरफ से अथॉरिटी भी नहीं दी थी. मनोज यादव पर खुद व्यक्तिगत रूप से इस घोटाले में शामिल होने का आरोप था.
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