भू0 अध्याप्ति कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक मनोज कुमार श्रीवास्तव द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने गुरुवार को उसे तत्काल निलंबित कर दिया।
मामले की जांच अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम कानपुर नगर को सौंप दिया और उसे घाटमपुर में संबद्ध कर दिया।
जिलाधिकारी ने बताया कि भूमि अध्यप्ति अमीन के पद पर तैनात रहे अनुरुद्ध प्रकाश सचान रिटायर हो चुके हैं। लेकिन अनुरुद्ध नौकरी के दौरान भ्रष्टाचार में पकड़े गए थे। पूरा प्रकरण विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण लखनऊ के न्यायालय में विचाराधी है। जब तक पूरे प्रकरण का निस्तारित नहीं हो जाता है, तब तक उन्हें नौकरी के दौरान किसी भी भत्ते आदि को भुगतान नहीं किया सकता है।
लेकिन भूमि अध्याप्ति कार्यालय में तैनात मनोज श्रीवास्तव ने उच्चाधिकारियों को विचाराधीन मामले की जानकारी दिए बगैर अर्जित उपार्जित अवकाश के बदले 883240 रुपए का भुगतान करा लिया गया। इस प्रकरण में कई दस्तावेजों में हेर-फेर किया गया है।
डीएम विशाख जी ने बताया कि मनोज कुमार वर्ष-2019 से ये कार्य देख रहे थे और लिपिक ने फर्जीवाड़े में पूरा साथ दिया। रिटायर होने के दौरान भी कोई जानकारी नहीं दी गई। जिससे वह प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया और उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें
about me
Mix Theme
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Praesent id purus risus.
एक टिप्पणी भेजें