प्रयागराज के लूकरगंज में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से मुक्त जमीन पर गरीबों के लिए आवास बनाने के बाद अब झूंसी के प्लॉट पर बच्चों के लिए पार्क बनाने की तैयारी चल रही है। जिला प्रशासन ने इस भूखंड को वर्ष 2020 में अतीक के कब्जे से मुक्त कराया था।
झूंसी के हवेलिया स्थित यह जमीन अतीक के पिता हाजी फिरोज अहमद के नाम थी। इस पर अब बच्चों के लिए पार्क बनाया जाएगा।
माफिया अतीक अहमद ने अपने रसूख के दम पर शहर में तमाम जमीनों पर कब्जा किया था। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद जब माफिया पर कार्रवाई शुरू हुई तो उसके कब्जे वाली कई जमीनों को मुक्त कराया गया। अतीक के कब्जे से मुक्त हुए लूकरगंज के प्लॉट पर अब गरीबों के लिए 76 फ्लैट बनकर तैयार हो चुके हैं। अतीक ने झूंसी के हवेलिया में कोल्ड स्टोरेज बनाकर सरकारी जमीन पर कब्जा किया था। 400 वर्गगज से अधिक जमीन प्राइम लोकेशन पर है।
इसे 2020 में कब्जा मुक्त कराया गया था। राजस्व विभाग ने इसकी पैमाइश कराई। यहां पर भी गरीबों के लिए आवास बनाने की तैयारी थी, लेकिन यह भूखंड बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आता है। नियमानुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता है। ऐसे में अब राजस्व विभाग यह जमीन पीडीए को दे रहा है।
इस भूखंड पर बच्चों का पार्क और मेडिटेशन सेंटर बनाने की तैयारी है। सीआरओ कुंवर पंकज का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां पर आवासीय निर्माण संभव नहीं है। जबकि यह भूखंड बेहद प्राइम लोकेशन पर है। ऐसे में इसका उपयोग अब पार्क के रूप में किया जा सकता है।
प्रयागराज के लूकरगंज में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से मुक्त जमीन पर गरीबों के लिए आवास बनाने के बाद अब झूंसी के प्लॉट पर बच्चों के लिए पार्क बनाने की तैयारी चल रही है। जिला प्रशासन ने इस भूखंड को वर्ष 2020 में अतीक के कब्जे से मुक्त कराया था।
माफिया अतीक अहमद ने अपने रसूख के दम पर शहर में तमाम जमीनों पर कब्जा किया था। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद जब माफिया पर कार्रवाई शुरू हुई तो उसके कब्जे वाली कई जमीनों को मुक्त कराया गया। अतीक के कब्जे से मुक्त हुए लूकरगंज के प्लॉट पर अब गरीबों के लिए 76 फ्लैट बनकर तैयार हो चुके हैं। अतीक ने झूंसी के हवेलिया में कोल्ड स्टोरेज बनाकर सरकारी जमीन पर कब्जा किया था। 400 वर्गगज से अधिक जमीन प्राइम लोकेशन पर है।
इसे 2020 में कब्जा मुक्त कराया गया था। राजस्व विभाग ने इसकी पैमाइश कराई। यहां पर भी गरीबों के लिए आवास बनाने की तैयारी थी, लेकिन यह भूखंड बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आता है। नियमानुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता है। ऐसे में अब राजस्व विभाग यह जमीन पीडीए को दे रहा है।
इस भूखंड पर बच्चों का पार्क और मेडिटेशन सेंटर बनाने की तैयारी है। सीआरओ कुंवर पंकज का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां पर आवासीय निर्माण संभव नहीं है। जबकि यह भूखंड बेहद प्राइम लोकेशन पर है। ऐसे में इसका उपयोग अब पार्क के रूप में किया जा सकता है।
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