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मंगलवार, 22 अगस्त 2023

UP:इतिहास में पहली बार 23 अगस्त की शाम को यूपी में खुलेंगे स्कूल, जानें इसके पीछे का कारण

इतिहास में पहली बार 23 अगस्त की शाम को यूपी में खुलेंगे स्कूल, जानें इसके पीछे का कारण

यूपी के इतिहास में 23 अगस्त को पहली बार देर शाम को स्कूल खोले जाएंगे। योगी सरकार ने इसके लिए एक आदेश जारी किया है। आदेश में सभी सरकारी स्कूलों को 23 अगस्त की देर शाम खोलने की आदेश दिए गए हैं।

ये आदेश राज्य के सभी सरकारी स्कूलों को भेज दिया गया है। बता दें कि ये फैसला योगी सरकार ने बच्चों को चंद्रयान 3 मिशन का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए लिया है। आदेश में 23 अगस्त को शाम 5:15 से 6:15 तक सरकारी स्कूल खोलने को कहा गया है। जानकारी दे दें कि 23 अगस्त की शाम 5 बजकर 20 मिनट पर चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसी का लाइव प्रसारण सभी स्कूलों में बच्चों को दिखाया जाएगा।

ऑर्बिटर’ के साथ संचार शुरू

मिली जानकारी के मुताबिक, इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 के ‘लैंडर मॉड्यूल’ ने चंद्रयान-2 के ‘ऑर्बिटर’ के साथ संचार शुरू कर दिया है और ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड एवाइडेंस कैमरा’ (एलएचडीएसी) से ली गई चंद्रमा के पिछले हिस्से की तस्वीरें जारी की हैं। इससे पहले इसरो ने रविवार को कहा था कि चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम करीब 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है।

वहीं, स्पेस एजेंसी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा था कि, ‘‘स्वागत है दोस्त! चंद्रयान-2 आर्बिटर ने चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का स्वागत किया। दोनों के बीच संचार स्थापित हो गया है। एमओक्स (मिशन ऑपरेशंस कॉम्पलेक्स) के पास अब लैंडर मॉड्यूल तक पहुंचने के लिए सही रास्ता हैं।’’ बता दें कि एमओएक्स यहां इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) में है। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के साथ चंद्रयान-3 के लैंडर में ‘इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क’ (आईडीएसएन), बड़े एंटेना के नेटवर्क और इसरो द्वारा संचालित संचार सुविधाओं के साथ संचार करने की कैपबल है।

शाम 5 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा लाइव

इसरो ने यह भी कहा कि चंद्रमा की सतह पर उतरने के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण बुधवार शाम 5 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा। बता दें कि इससे पहले चंद्रयान-2 मिशन साल 2019 में भेजा गया था। इस अंतरिक्ष यान में आर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल था। लैंडर के अंदर एक रोवर था। पर ये लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे यह मिशन के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहा था। इसरो ने 2019 में कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन के आर्बिटर का सेवाकाल 7 साल बढ़ गया है।

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