Russia Ukraine War: यूकेन के साथ जारी संघर्ष के बीच रूस को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. यूक्रेनी कैदियों को रूस के सैनिकों की ओर से जमकर प्रताड़ित किया गया है. रूस के कब्जे वाले दक्षिणी यूक्रेन में अस्थायी हिरासत केंद्रों में बड़ी संख्या में कैदियों को यातना दी गई और उनका यौन उत्पीड़न भी किया गया.
दरअसल, इस बात का दावा इंटरनेशनल एक्सपर्टों की एक टीम ने किया है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून फर्म ग्लोबल राइट्स कंप्लायंस की स्थापित मोबाइल जस्टिस टीम ने आठ महीने से अधिक समय तक रूसी नियंत्रण में रहने के बाद इस बात का खुलासा किया है.
: none; margin: 0px; padding: 0px;">बता दें कि यूक्रेनी अधिकारी युद्ध अपराधों की 97,000 से अधिक रिपोर्टों की समीक्षा कर रहे हैं और घरेलू अदालतों में 220 संदिग्धों के खिलाफ आरोप दायर किए हैं. उच्च स्तरीय अपराधियों पर हेग में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) में मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसने पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी की मांग की है. क्रेमलिन ने यूक्रेन में "विशेष सैन्य अभियान" में भाग लेने वाली सेनाओं की ओर से युद्ध अपराधों के आरोपों से लगातार इनकार किया है.
महिलाओं के साथ किया जा रहा बलात्कार
मोबाइल जस्टिस टीम ने अपने लेटेस्ट रिपोर्ट में खेरसॉन क्षेत्र के 35 स्थानों का जिक्र किया. इसके साथ ही दावा किया कि टीम ने 320 मामलों पर काम किया है. साथ ही गवाहों से पूछताछ की है. जिसमें पाया गया कि अधिकांश हिरासत केंद्रों में यूक्रेनी कैदियों को तरह-तरह की यातनाएं दी जा रही हैं. उनके साथ भयावह स्तर पर यौन हिंसा की जा रही है. महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि एक पीड़िता को दूसरे बंदी का बलात्कार देखने के लिए मजबूर किया गया.
कैदियों को दिए जा रहे बिजली के झटके
इससे पहले जनवरी में रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि यूक्रेनी कैदियों को बिजली के झटके दिए जा रहे हैं. उन्हें ऐसे कमरों में रखा गया है, जहां आम इंसान का दम घुट जाए. यूक्रेनी अधिकारियों ने उस समय कहा था कि लगभग 200 लोगों को कथित तौर पर अवैध रूप से रखा गया है. उस समय, क्रेमलिन और रूस के रक्षा मंत्रालय ने कथित यातना और गैरकानूनी हिरासत सहित रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया था.
Russia Ukraine War: यूकेन के साथ जारी संघर्ष के बीच रूस को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. यूक्रेनी कैदियों को रूस के सैनिकों की ओर से जमकर प्रताड़ित किया गया है. रूस के कब्जे वाले दक्षिणी यूक्रेन में अस्थायी हिरासत केंद्रों में बड़ी संख्या में कैदियों को यातना दी गई और उनका यौन उत्पीड़न भी किया गया.
दरअसल, इस बात का दावा इंटरनेशनल एक्सपर्टों की एक टीम ने किया है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून फर्म ग्लोबल राइट्स कंप्लायंस की स्थापित मोबाइल जस्टिस टीम ने आठ महीने से अधिक समय तक रूसी नियंत्रण में रहने के बाद इस बात का खुलासा किया है.
: none; margin: 0px; padding: 0px;">बता दें कि यूक्रेनी अधिकारी युद्ध अपराधों की 97,000 से अधिक रिपोर्टों की समीक्षा कर रहे हैं और घरेलू अदालतों में 220 संदिग्धों के खिलाफ आरोप दायर किए हैं. उच्च स्तरीय अपराधियों पर हेग में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) में मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसने पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी की मांग की है. क्रेमलिन ने यूक्रेन में "विशेष सैन्य अभियान" में भाग लेने वाली सेनाओं की ओर से युद्ध अपराधों के आरोपों से लगातार इनकार किया है.
महिलाओं के साथ किया जा रहा बलात्कार
मोबाइल जस्टिस टीम ने अपने लेटेस्ट रिपोर्ट में खेरसॉन क्षेत्र के 35 स्थानों का जिक्र किया. इसके साथ ही दावा किया कि टीम ने 320 मामलों पर काम किया है. साथ ही गवाहों से पूछताछ की है. जिसमें पाया गया कि अधिकांश हिरासत केंद्रों में यूक्रेनी कैदियों को तरह-तरह की यातनाएं दी जा रही हैं. उनके साथ भयावह स्तर पर यौन हिंसा की जा रही है. महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि एक पीड़िता को दूसरे बंदी का बलात्कार देखने के लिए मजबूर किया गया.
कैदियों को दिए जा रहे बिजली के झटके
इससे पहले जनवरी में रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि यूक्रेनी कैदियों को बिजली के झटके दिए जा रहे हैं. उन्हें ऐसे कमरों में रखा गया है, जहां आम इंसान का दम घुट जाए. यूक्रेनी अधिकारियों ने उस समय कहा था कि लगभग 200 लोगों को कथित तौर पर अवैध रूप से रखा गया है. उस समय, क्रेमलिन और रूस के रक्षा मंत्रालय ने कथित यातना और गैरकानूनी हिरासत सहित रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया था.
एक टिप्पणी भेजें