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शनिवार, 12 अगस्त 2023

'बोलने को मजबूर हुआ हूं, मुसलमानों के मन की बात सुने PM मोदी', जामा मस्जिद के शाही इमाम ने की दरख्वास्त

 जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने नूंह हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में 'नफरत की आंधी' चल रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुसलमानों के 'मन की बात' सुनने का आग्रह किया.

नूंह हिंसा और चलती ट्रेन में एक रेलवे पुलिस जवान द्वारा चार लोगों की हत्या जैसी हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए, बुखारी ने सुझाव दिया कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समुदाय के बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत करें.

बोलने पर हुआ हूं मजबूर- बुखारी

ऐतिहासिक मस्जिद में अपने शुक्रवार के उपदेश में बुखारी ने कहा, 'देश के मौजूदा हालात के कारण मुझे बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. देश में हालात चिंताजनक हैं और नफरत की आंधी देश में शांति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है.' बुखारी ने पीएम मोदी के मासिक रेडियो का जिक्र करते हुए कहा, 'आप अपने 'मन की बात' कहते हैं लेकिन आपको मुसलमानों के 'मन की बात' भी सुनने की जरूरत है. मुस्लिम मौजूदा परिस्थितियों से परेशान हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.' जामा मस्जिद के इमाम ने आरोप लगाया कि नफरत और सांप्रदायिक हिंसा से निपटने में कानून "कमजोर" साबित हो रहा है.

'खुलेआम दी जा रही है धमकी'

बुखारी ने कहा, 'एक धर्म के लोगों को खुलेआम धमकी दी जा रही है. पंचायतें आयोजित की जा रही हैं, जहां मुसलमानों के बहिष्कार का आह्वान किया गया और उनके साथ व्यापार और व्यवसाय को समाप्त करने की घोषणा की गई. दुनिया में 57 इस्लामी देश हैं जहां गैर-मुस्लिम भी रहते हैं लेकिन उन्हें उनके जीवन या आजीविका के लिए किसी भी खतरे का सामना नहीं करना पड़ता है.'

उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि हिंदू और मुसलमानों के बीच रिश्ते "खतरे में" हैं. बुखारी ने कहा "भारत में इतनी नफरत क्यों? क्या हमारे पूर्वजों ने इसी दिन के लिए आजादी हासिल की थी? क्या अब हिंदू और मुस्लिम अलग-अलग रहेंगे?' बुखारी ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करना सरकार के हाथ में है.

मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बात करने की अपील

उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से कहना चाहता हूं कि उदार बनें और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बात करें. मैं देश के मुसलमानों की ओर से आपसे कहना चाहता हूं कि आप हमसे बात करें, हम तैयार हैं.' बुखारी ने सुझाव दिया कि केंद्र मौजूदा 'नफरत की आंधी' से 'देश को बचाने' के लिए मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के साथ बैठक कर सकता है.'

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