प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सांसदों के साथ बैठक में क्रम में उत्तर प्रदेश और दक्षिणी राज्यों के सांसदों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जीत का मंत्र दिया।पीएम मोदी ने उनसे कहा, ''गरीबी सबसे बड़ी जाती है।'' पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के 45 से अधिक सांसदों की एक बैठक को संबोधित किया। इसके बाद सभी दक्षिणी राज्यों के सांसदों के एक समूह को भी संबोधित किया।
बुधवार को पहली बैठक उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के एनडीए सांसदों के साथ हुई। दूसरी बैठक में दक्षिणी राज्यों के सांसद मौजूद थे, जिनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।
पहली बैठक की मेजबानी मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के साथ की। दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी भी पूर्वी यूपी से सांसद हैं। इस बैठक को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संबोधित किया। राजनाथ सिंह भी इसी क्षेत्र से सांसद चुने जाते हैं।
पीएम ने यूपी के सांसदों से क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सांसदों से कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को जनता तक ले जाना और विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को दूर करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "विपक्ष के झूठे आरोपों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए पेशेवर सोशल मीडिया टीमों के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्रों को सशक्त बनाएं।" पीएम मोदी ने सांसदों को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने और डिजिटल दुनिया में अपना प्रदर्शन बढ़ाने के लिए पेशेवर सोशल मीडिया विशेषज्ञों की सेवाएं लेने की सलाह दी।प्रधानमंत्री ने एनडीए सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में स्थानीय लोगों के साथ सांसदों को संवाद करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "इसे हासिल करने का एक कॉल सेंटर खोलने पर विचार कर सकते हैं।"
गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "गरीबी सबसे बड़ी जाति है"। उन्होंने कहा, "राम मंदिर का वादा बीजेपी की विचारधारा से पैदा हुआ था, लेकिन सांसद यह मानकर संतुष्ट नहीं हो सकते कि इससे वोट मिलेंगे।"
पीएम मोदी ने सांसदों को निर्वाचन क्षेत्रों में नई परियोजनाएं शुरू नहीं करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा, "इसके बजाय चल रहे कार्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करें और सरकार की उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से प्रचारित करें।"पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह सच है कि अनुच्छेद 370 और राम मंदिर भाजपा की प्रतिबद्धता का हिस्सा रहे हैं, लेकिन वोट सुरक्षित करने के लिए लोगों के लिए लगन से काम करना चाहिए।
पीएम मोदी की नजर दक्षिण भारत पर
दूसरी बैठक की मेजबानी केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने की। इस बैठक को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी संबोधित किया। दक्षिण भारत के सांसदों के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने पिछले नौ वर्षों में अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें दक्षिण भारत पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने विपक्ष शासित राज्यों, विशेषकर दक्षिण में भ्रष्टाचार के स्तर पर भी चिंता व्यक्त की।
पीएम मोदी ने एनडीए सदस्यों से विपक्ष के नेतृत्व वाले राज्यों में प्रचलित मुफ्त चीजें बांटने की संस्कृति का विरोध करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "ऐसी प्रथाओं से लंबे समय में देश को महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है।"
पीएम मोदी ने विपक्ष के गुट पर फिर तीखा हमला बोला और कहा कि यह गठबंधन बिना सोचे-समझे स्वार्थी एजेंडे के बनाया गया है। उन्होंने कहा, ''मैं विपक्षी सांसदों को चुनौती दे सकता हूं। उनमें से किसी से भी पूछने का प्रयास करें कि I.N.D.I.A. का फुल फॉर्म क्या है, उनमें से एक को भी पता नहीं होगा।''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सांसदों के साथ बैठक में क्रम में उत्तर प्रदेश और दक्षिणी राज्यों के सांसदों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जीत का मंत्र दिया।पीएम मोदी ने उनसे कहा, ''गरीबी सबसे बड़ी जाती है।'' पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के 45 से अधिक सांसदों की एक बैठक को संबोधित किया। इसके बाद सभी दक्षिणी राज्यों के सांसदों के एक समूह को भी संबोधित किया।
बुधवार को पहली बैठक उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के एनडीए सांसदों के साथ हुई। दूसरी बैठक में दक्षिणी राज्यों के सांसद मौजूद थे, जिनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।
पहली बैठक की मेजबानी मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के साथ की। दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी भी पूर्वी यूपी से सांसद हैं। इस बैठक को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संबोधित किया। राजनाथ सिंह भी इसी क्षेत्र से सांसद चुने जाते हैं।
पीएम ने यूपी के सांसदों से क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सांसदों से कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को जनता तक ले जाना और विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को दूर करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "विपक्ष के झूठे आरोपों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए पेशेवर सोशल मीडिया टीमों के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्रों को सशक्त बनाएं।" पीएम मोदी ने सांसदों को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने और डिजिटल दुनिया में अपना प्रदर्शन बढ़ाने के लिए पेशेवर सोशल मीडिया विशेषज्ञों की सेवाएं लेने की सलाह दी।प्रधानमंत्री ने एनडीए सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में स्थानीय लोगों के साथ सांसदों को संवाद करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "इसे हासिल करने का एक कॉल सेंटर खोलने पर विचार कर सकते हैं।"
गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "गरीबी सबसे बड़ी जाति है"। उन्होंने कहा, "राम मंदिर का वादा बीजेपी की विचारधारा से पैदा हुआ था, लेकिन सांसद यह मानकर संतुष्ट नहीं हो सकते कि इससे वोट मिलेंगे।"
पीएम मोदी ने सांसदों को निर्वाचन क्षेत्रों में नई परियोजनाएं शुरू नहीं करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा, "इसके बजाय चल रहे कार्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करें और सरकार की उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से प्रचारित करें।"पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह सच है कि अनुच्छेद 370 और राम मंदिर भाजपा की प्रतिबद्धता का हिस्सा रहे हैं, लेकिन वोट सुरक्षित करने के लिए लोगों के लिए लगन से काम करना चाहिए।
पीएम मोदी की नजर दक्षिण भारत पर
दूसरी बैठक की मेजबानी केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने की। इस बैठक को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी संबोधित किया। दक्षिण भारत के सांसदों के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने पिछले नौ वर्षों में अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें दक्षिण भारत पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने विपक्ष शासित राज्यों, विशेषकर दक्षिण में भ्रष्टाचार के स्तर पर भी चिंता व्यक्त की।
पीएम मोदी ने एनडीए सदस्यों से विपक्ष के नेतृत्व वाले राज्यों में प्रचलित मुफ्त चीजें बांटने की संस्कृति का विरोध करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "ऐसी प्रथाओं से लंबे समय में देश को महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है।"
पीएम मोदी ने विपक्ष के गुट पर फिर तीखा हमला बोला और कहा कि यह गठबंधन बिना सोचे-समझे स्वार्थी एजेंडे के बनाया गया है। उन्होंने कहा, ''मैं विपक्षी सांसदों को चुनौती दे सकता हूं। उनमें से किसी से भी पूछने का प्रयास करें कि I.N.D.I.A. का फुल फॉर्म क्या है, उनमें से एक को भी पता नहीं होगा।''
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