मंगलवार, 22 अगस्त 2023
एनआईए (NIA) और आईबी (IB) ने भारत में आतंकी साजिश को नाकाम करने के लिए कमर कस ली है. अब आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) की हर चाल को नाकाम किया जाएगा. इसके लिए दोनों एजेंसियों ने ऑपरेशन चक्रव्यूह 2.0 को तेज कर दिया है.
अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर से ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन करने वालों के मंसूबों को अब पूरा नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए NIA का सीक्रेट ऑपरेशन जारी है.
पाक-अफगान सीमा पर खुरासान मॉड्यूल:
पिछले 6 महीनो में खुफिया एजेंसी को ऐसी जानकारी मिली है कि ISIS ने खुरासान मॉड्यूल को फिर से एक्टिवेट करने के लिए अफगानिस्तान-पाकिस्तान बार्डर पर ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन का नया ग्रुप तैयार किया है. जिसके जरिए भारत के उन युवाओं को टारगेट किया जा रहा है, जो डॉक्टर, इंजीनियर और स्कॉलर बनने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं. कर्नाटक, पुणे, यूपी और केरल मॉड्यूल की तफ्तीश में पता चला है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से ये संवाद इंक्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्लीकेशन के जरिए हो रहा है.
आतंकी मॉड्यूल का सफाया करेगा ये ऑपरेशन
यही वजह है कि NIA का ये सीक्रेट ऑपरेशन इस नए मॉड्यूल को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए तैयार किया गया है. पिछले कुछ महीनों में आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ में देश विरोधी खौफनाक साजिश का पर्दाफाश हुआ है. इस साजिश का एपिक सेंटर यानी केन्द्र बिन्दु अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा है. जहां से आईएसआईएस का नया मॉड्यूल पनप रहा है. इस मॉड्यूल ने भारत में केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और यूपी के युवाओं को अपना टारगेट बनाया है.
इंक्रिप्टेड मैसेजिंग एप से युवाओं को किया टारगेट:
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन के बाद आईएसआईएस खुरासान की विचारधारा से प्रभावित ये मॉड्यूल सिर्फ और सिर्फ ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन के जरिए ही युवाओं को अपना निशाना बना रहा है. एनआईए सूत्रों के मुताबिक सिर्फ इंक्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लीकेशन के जरिए ही ये मॉड्यूल संवाद कर रहा है. जिसके तोड़ के लिए एजेंसी का ये नया ऑपरेशन तैयार किया गया है.
6 महीने में आधा दर्जन से ज्यादा लोग बने शिकार:
पिछले 6 महीनों में आईएसआईएस विचारधारा से प्रभावित कई लोगों को एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है. जिनमें फैजान अंसारी अलीगढ़ से और डॉक्टर अदनान अली सरकार पुणे से गिरफ्तार किए गए. इसके अलावा महाराष्ट्र में आईएसआईएस मॉड्यूल से प्रभावित आधा दर्जन लोग पकड़े जा चुके हैं. इन तीनों मॉड्यूल के लोगों से पूछताछ के आधार पर आईएसआईएस की खौफनाक साजिश का खुलासा हुआ.
आरोपियों के मददगारों की पहचान:
इसके बाद NIA और IB का सीक्रेट ऑपरेशन चक्रव्यूह तैयार किया गया. जिसके दो अहम बिंदु हैं. पहला मैसेजिंग एप्लीकेशन की पहचान करना जोकि पूरी तरीके से इंक्रिप्टेड है और कश्मीर में आतंकवादियों की तर्ज पर अब आईएसआईएस के सदस्य भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इंक्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लीकेशन में अल्पाइन क्वेस्ट, क्रिपवाइजर, सेफविज, माडियाफायर, सेकेंड लाइन और आईएमओ प्रमुख हैं. दूसरा इन गिरफ्तार हुए लोगों के सहयोगियों की पहचान करना जो भारत में छुपे हुए हैं और आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित होकर अन्य युवाओं को भारत के खिलाफ तैयार कर रहे हैं.
डीरेडिकलाइजेशन सेंटर पर फोकस:
एनआईए के ऑपरेशन चक्रव्यूह में डीरेडिकलाइजेशन सेंटर पर भी खासा ध्यान दिया गया है, जो लोग गिरफ्तार हुए हैं. उनकी काउंसलिंग बेहतर ढंग से हो और वह दोबारा देश विरोधी तत्वों के जाल में न फंसे, ऐसी रणनीति भी तैयार की जा रही है.
एप्स के साथ-साथ डार्क नेट का इस्तेमाल:
आमतौर पर ISIS से जुड़े आतंकी ऐसे एप्स का इस्तेमाल करते हैं, जो कम लोकप्रिय होते हैं. ऐसे में इन एप्स के बारे में सरकार को जल्द जानकारी नहीं मिल पाती है. इसके अलावा आतंकी डार्क नेट के जरिए भी चैटिंग करते हैं. ऐसे में उन्हें ट्रैक करना काफी मुश्किल होता है. आपको बता दें कि आतंकी पहले टेलीग्राम एप का भी इस्तेमाल करते थे. आतंकी अक्सर टोर ब्राउजर के जरिए अपने साथियों से बात करते हैं. टोर ब्राउजर में आईपी एड्रेस लगातार बदलता रहता है. ऐसे में किसी को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि NIA और IB ने अब ऐसे आईपी एड्रेस पर भी नजर रखना शुरू कर दिया है, जिसका सीक्रेट तरीके से इस्तेमाल किया जाता रहा है.
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