दिल्ली की एक अदालत ने गैंगस्टर नीरज बवाना और उसके साथियों को बड़ी राहत दी है और उसे मकोका के इल्जाम से बरी कर दिया. यह फैसला दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने साल 2015 में नीरज बवाना और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अब ऐसे में कई लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर ये नीरज बवाना है कौन? तो चलिए जान लेते हैं नीरज बवाना की पूरी क्राइम कुंडली.
कौन है नीरज बवाना?
करीब 18 साल पहले नीरज सहरावत उर्फ नीरज बवाना ने अपराध की दुनिया कदम रखा था. इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. दिल्ली एनसीआर में गैंगस्टर नीरज बवाना का नाम किसी खौफ से कम नहीं है. नीरज दिल्ली के बवाना गांव का रहने वाला है. वो अपने सरनेम की जगह अपने गांव का नाम लगाता है. जुर्म की दुनिया में इसी नाम से उसे जाना जाता है. नीरज के खिलाफ हत्या, लूट और जान से मारने की धमकी जैसे कई संगीन मामले दिल्ली और अन्य राज्यों में दर्ज हैं. नीरज बवाना इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.
बताया जाता है कि नीरज जेल में रहकर ही अपना गैंग चला रहा है. वहां बैठकर भी वो वारदातों को अंजाम देता है. दिल्ली और आस-पास के इलाकों में नीरज बवाना और दूसरे गैंग आमने-सामने आते रहते हैं. जेल में बंद नीरज के गुर्गे बीच सड़क पर खून बहाने से नहीं डरते. दुश्मन गैंग के लोगों को मारने से भी उन्हें कोई गुरेज नहीं है.
दिल्ली के बाहरी इलाके में कई छोटे-मोटे गैंग सक्रिय रहे हैं. लेकिन नीरज बवाना का गैंग इस वक्त दिल्ली का सबसे बड़ा गैंग माना जाता है. नीरज भले ही तिहाड़ जेल में बंद है, लेकिन नीरज के गुर्गे जेल के बाहर उसके एक इशारे पर कोई भी वारदात को अंजाम दे सकते हैं.
जरायम की दुनिया में उसका सिक्का चलता है. नीरज बवाना गैंग के दुश्मनों की भी कमी नहीं है. कभी उसका साथी रह चुका सुरेन्द्र मलिक उर्फ नीतू दाबोदा ही नीरज का सबसे बड़ा दुश्मन था. लेकिन नीरज ने उसके गैंग के खास बदमाशों को मार डाला.
24 अक्टूबर 2013 को दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में नीतू दाबोदा भी स्पेशल सेल के साथ मुठभेड़ में मारा गया. इसके बाद नीरज बवाना और मजबूत होता चला गया. हालांकि इनकी दुश्मनी के दौरान दोनों गैंग के करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग मारे गए.
नीतू दाबोदा के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसके गैंग की कमान पारस उर्फ गोल्डी और प्रदीप उर्फ भोला ने संभाली थी. अप्रैल 2014 में रोहिणी कोर्ट परिसर में नीरज ने प्रदीप भोला की पेशी के दौरान हत्या का प्लान भी बनाया था. लेकिन वो नाकाम हो गया था.
25 अगस्त 2015 में पुलिस नीरज बवाना को कोर्ट से जेल वापस लेकर जा रही थी. जेल वैन में नीरज के साथ नीतू गैंग के पारस और प्रदीप भी मौजूद थे. उसी वैन में ही नीरज ने अपने साथियों के साथ मिलकर पारस और प्रदीप को मार डाला था.
अप्रैल 2017 में उसने रोहिणी जेल के बाहर नीतू गैंग के बदमाश राजेश धुरमूट को भी मरवा दिया था. अब नीतू गैंग की कमान राजेश बवानिया के पास है, जो खुद भी जेल में बंद है. अब नीरज उसे अपना दुश्मन मानता है.
सागर हत्याकांड में ऐसे आया था नाम
जब पहलवान सागर धनखड़ की हत्या का मामला चर्चाओं में आया था. तब उसकी हत्या का इल्जाम ओलंपिक पदक विजेता रेसलर सुशील कुमार पर लगा था. सागर हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला था. वो दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सुशील कुमार के फ्लैट में रहता था. बताया जाता है कि सुशील और सागर के बीच उस फ्लैट को लेकर ही झगड़ा हुआ था और उसी दौरान सागर का कत्ल किया गया था. इस मामले में उस वक्त नया मोड आ गया, जब पता चला कि इस हत्याकांड का एक आपराधिक एंगल भी था.
जांच में खुलासा हुआ कि सुशील कुमार और उनके साथियों ने जब सागर पर हमला किया था, तब सोनू महाल नाम के एक शख्स को भी पीटा गया था. सोनू महाल दिल्ली और हरियाणा के कुख्यात बदमाश संदीप काला उर्फ काला जठेड़ी का भांजा है. पुलिस के मुताबिक सोनू महाल के खिलाफ भी 19 मामले दर्ज हैं.
इस केस में छानबीन आगे बढ़ी तो एक ऐसा नाम सामने आया कि पुलिस की जांच का एंगल भी बदल गया. वो नाम है मशहूर गैंगस्टर नीरज बवाना का. तफ्तीश के दौरान पता चला कि सुशील और उनके साथियों ने सागर के साथ-साथ अमित और सोनू महाल की पिटाई की थी. इस काम के लिए रेसलर सुशील कुमार के साथ कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना के गुर्गे आए थे.
मूसेवाला की हत्या का बदला लेने का ऐलान
जब प्रख्यात पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी. तो सबसे पहले नीरज बवाना गैंग की तरफ से यह ऐलान किया गया था कि मूसेवाला की हत्या का बदला ज़रूर लिया जाएगा.
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