Milk Price in India: देशभर में तेजी से बढ़ती महंगाई से आम जनता को जल्द ही राहत मिल सकती है. महंगे टमाटर सो राहत मिलने के बाद में अब दूध की कीमतें (Milk Price Down) भी जल्द ही गिर सकती हैं यानी आपको सस्ता दूध मिल सकता है.
केंद्र सरकार (Central Government) का मानना है कि मानसून के बाद में दूध की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल सकती है.
एक साल में 10 फीसदी बढ़े दूध के रेट्स
देशभर में पिछले एक साल में दूध की कीमतों में काफी इजाफा देखने को मिला है. अमूल से लेकर मदर डेयरी तक सभी कंपनियां कीमतों में इजाफा कर चुकी हैं. भारत में दूध की कीमतों में पिछले 3 सालों में 22 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है, जिसमें से पिछले एक साल में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
हरा चारा हो रहा है सस्ता
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला के मुताबिक, इस समय पर हरे चारे की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं, मानसून के बाद में दूध की कीमतों में भी कमी आने की उम्मीद की जा रही है.
मौसम का पड़ता है असर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटरव्यू में रूपाला ने कहा है कि एक्सट्रीम वेदर की स्थिति की वजह से फसलों को नुकसान झेलना पड़ता है. फिलहाल इस समय कोई भी चिंता की बात नहीं है. फिलहाल दूध उत्पादकता में सुधार के लिए सरकार क्लाइमेट रेजिलियंट ब्रीड पर काम कर रही है.
किस तरह तय होती हैं कीमतें?
दूध की कीमतों की बात की जाए तो पशुपालन और डेयरी विभाग की तरफ से दूध की कीमतें तय नहीं की जाती हैं. इन कीमतों को सहकारी और निजी डेयरियों की तरफ से तय किया जाता है. कीमतों को प्रोडक्शन कॉस्ट और मार्केट फोर्सेस के बेस पर ही तय किया जाता है. इसके साथ ही दूध जल्दी खराब होने वाला प्रोडक्ट है तो इसको लंबे समय तक स्टोर करना काफी मुश्किल है.
कीमतों में आ सकती है गिरावट?
इसके साथ ही आपको बता दें कि चारे का थोक मूल्य सूचकांक भी गिरता जा रहा है. मानसून के मौसम के बाद में सर्दियों का मौसम शुरू हो जाता है, जिसमें कीमतों में गिरावट आ सकती है. इसे देखते हुए मुझे उम्मीद है कि मानसून सीजन के बाद दूध की कीमतें स्थिर हो जाएंगी.
Milk Price in India: देशभर में तेजी से बढ़ती महंगाई से आम जनता को जल्द ही राहत मिल सकती है. महंगे टमाटर सो राहत मिलने के बाद में अब दूध की कीमतें (Milk Price Down) भी जल्द ही गिर सकती हैं यानी आपको सस्ता दूध मिल सकता है.
एक साल में 10 फीसदी बढ़े दूध के रेट्स
देशभर में पिछले एक साल में दूध की कीमतों में काफी इजाफा देखने को मिला है. अमूल से लेकर मदर डेयरी तक सभी कंपनियां कीमतों में इजाफा कर चुकी हैं. भारत में दूध की कीमतों में पिछले 3 सालों में 22 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है, जिसमें से पिछले एक साल में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
हरा चारा हो रहा है सस्ता
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला के मुताबिक, इस समय पर हरे चारे की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं, मानसून के बाद में दूध की कीमतों में भी कमी आने की उम्मीद की जा रही है.
मौसम का पड़ता है असर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटरव्यू में रूपाला ने कहा है कि एक्सट्रीम वेदर की स्थिति की वजह से फसलों को नुकसान झेलना पड़ता है. फिलहाल इस समय कोई भी चिंता की बात नहीं है. फिलहाल दूध उत्पादकता में सुधार के लिए सरकार क्लाइमेट रेजिलियंट ब्रीड पर काम कर रही है.
किस तरह तय होती हैं कीमतें?
दूध की कीमतों की बात की जाए तो पशुपालन और डेयरी विभाग की तरफ से दूध की कीमतें तय नहीं की जाती हैं. इन कीमतों को सहकारी और निजी डेयरियों की तरफ से तय किया जाता है. कीमतों को प्रोडक्शन कॉस्ट और मार्केट फोर्सेस के बेस पर ही तय किया जाता है. इसके साथ ही दूध जल्दी खराब होने वाला प्रोडक्ट है तो इसको लंबे समय तक स्टोर करना काफी मुश्किल है.
कीमतों में आ सकती है गिरावट?
इसके साथ ही आपको बता दें कि चारे का थोक मूल्य सूचकांक भी गिरता जा रहा है. मानसून के मौसम के बाद में सर्दियों का मौसम शुरू हो जाता है, जिसमें कीमतों में गिरावट आ सकती है. इसे देखते हुए मुझे उम्मीद है कि मानसून सीजन के बाद दूध की कीमतें स्थिर हो जाएंगी.
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