शहर के दिल्ली रोड स्थित फोम फैक्ट्री में सोमवार की सुबह अज्ञात कारणों से आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। फैक्ट्री से आग के गोले उठने लगे। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पर पहुंच गई।
दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के जरिए आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक आग में करोड़ों रुपये के गद्दे, फोम ओर अन्य सामान जलकर राख हो गया। आग की चपेट में आने से तीन श्रमिक भी गंभीर रूप में झुलस गए। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है।
मवीकलां के रहने वाले विनोद धामा की बागपत शहर में दिल्ली रोड पर रिवर पार्क के सामने फोम गद्दे की फैक्ट्री है। विनोद धामा जाट सभा के जिलाध्यक्ष देवेंद्र धामा के चचेरे भाई है। सोमवार की सुबह दिन निकलते ही अज्ञात कारणों से फैक्ट्री में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। फैक्ट्री से आग की ऊंची-ऊंची लपटे उठने लगी। तुरंत ही आग लगने की सूचना दमकल विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही बागपत, बडौत ओर खेकड़ा से दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। मेरठ से भी दमकल की गाडियां बुलानी पडी। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन जब तक आग पर काबू पाया गया तब तक आग में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक के गद्दे, फोम व अन्य सामान जलकर राख हो गया। वहीं, फैक्ट्री में लगी आग की चपेट में आने से तीन श्रमिक सूरज, हिमांशु व मोहित झुलस गए। तीनों श्रमिकों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। फैक्ट्री मालिक विनोद धामा का कहना है कि आग कैसे लगी, उन्हें जानकारी नही है। आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। आगजनी में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। सीओ फायर संतोष कुमार राय का कहना है कि फैक्ट्री में आग कैसे लगी, इसकी अभी तक जानकारी नहीं मिल सकी है। फैक्ट्री मालिक से नुकसान के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा रही है।
मेरठ से बुलानी पड़ी फायर ब्रिगेड
शहर के दिल्ली रोड स्थित फोम फैक्ट्री की आग ने चंद मिनटों में ही विकराल रूप धारण कर लिया था। सूचना मिलते ही बागपत, बड़ौत और खेकड़ा के फायर स्टेशनों से फायर गाड़ियां मौके पर पहुंच गई थी, लेकिन आग इतनी विकराल थी कि फायर कर्मी कड़ी मशक्कत के जरिए भी आग पर काबू नहीं पा सके। इसके बाद मेरठ से फायर ब्रिगेड की दो ओर गाड़ियों को बुलाया गया। दोपहर करीब 12 बजे आग पर काबू पाया जा सका।
5 घंटे बाद पाया गया आग पर काबू
बताया जाता है कि फैक्ट्री में आग सुबह करीब सात बजे लगी थी। जैसे ही आग लगी, तो फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। फायर कर्मियों ने आग पर काबू पाने के भरसक प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। करीब 5 घंटे बाद दोपहर 12 बजे आग पर काबू पाया जा सका।
मौके पर पहुंची पुलिस और राजस्व विभाग की टीम
आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने भीड़ को फैक्ट्री की तरफ जाने से रोका। वहीं, राजस्व विभाग की टीम नुकसान का आकलन करने में लगी रही।
टला बड़ा हादसा, श्रमिकों को फैक्ट्री से बाहर निकाला
सोमवार की सुबह जैसे ही फैक्ट्री में आग लगी, तो चालक रवींद्र को पता चल गया। उसने तुरंत ही फैक्ट्री के अंदर सो रहे 15 से अधिक श्रमिकों को जगाया और फिर उन्हें फैक्ट्री से बाहर निकाला। यदि समय से आग का पता नहीं चल पाता, तो इन श्रमिकों की जान भी जा सकती थी।
फायर गाड़ियों को रिफ्लिंग करने की नहीं थी व्यवस्था
फोम फैक्ट्री में लगी आग को बुझाने के लिए 6 से अधिक फायर टेंकर मौके पर पहुंचे, लेकिन कुछ देर बाहर ही वे पानी से खाली हो गए। फायर कर्मियों ने उन्हें रिफ्लिंग करने का प्रयास किया, लेकिन फैक्ट्री में प्रर्याप्त संशाधन नहीं मिले। जिसके चलते फायर गाड़ियों को बागपत से रिफिल कराना पड़ा।
आसमान में छाया रहा काले धुंए का गुबार
फोम फैक्ट्री में लगी आग के बाद आसमान में धूंआ ही धूंआ छा गया। 4 से 5 किलोमीटर दूर रहने वाले लोगों को आसमान में काला धुंआ दिखाई दिया। जिसके चलते उनमें असमंझस की स्थिति बनी रही। आग का पता लगने के बाद ही उनका कोतूहल खत्म हुआ।
तीन माह के भीतर दूसरी फैक्ट्री आग में स्वाह
बता दें कि करीब तीन माह पहले बागपत-मेरठ हाइवे पर टटीरी के पास स्थित होम फर्निंसिंग फैक्ट्री में भीषण आग लगी थी। जिसमें 80 लाख रुपये से अधिक का फर्नीचर और फोम आदि सामान जलकर राख हो गया था। सोमवार को एक बार भी आगजनी की बड़ी वारदात हुई। जिसमें फोम फैक्ट्री स्वाह हो गई। डेढ़ करोड़ से अधिक का सामान आग में जलकर राख हो गया।
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