रविवार, 13 अगस्त 2023
Meerut:वारदात के खुलासे से उड़े हर किसी के होश, लूट की रकम से करना चाहते थे कारोबार शुरू, बन गए हत्यारे
मेरठ में ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के किशनपुरी में स्पोर्ट्स कारोबारी धनकुमार जैन और उनकी पत्नी अंजू की हत्या के बाद लूट मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया। मेरठ कॉलेज के एलएलबी अंतिम वर्ष के छात्र प्रेमपुरी निवासी प्रियांक शर्मा उर्फ पारूष पुत्र आशुतोष शर्मा ने ढडरा गांव निवासी यश शर्मा उर्फ यशु के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था।यश फिलहाल प्रेमपुरी में किराये पर रहता है। प्रियांक को कारोबार शुरू करने के लिए 15 से 20 लाख रुपये की जरूरत थी, इसके लिए उसने अपने साथी के साथ वारदात को अंजाम दिया।
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का पर्दाफाश किया। मुख्य आरोपी प्रियांक के घर से लूटे गए जेवरात और नकदी भी बरामद कर ली गई है।
बृहस्पतिवार सुबह कारोबारी धनकुमार जैन और उनकी पत्नी अंजू को दो बदमाशों ने घर में घुसकर गोली मार दी थी। साथ ही जेवरात और नकदी लूटकर फरार हो गए थे। एसएसपी ने बताया कि प्रियांक के पिता रिटायर शिक्षक है। प्रियांक की मां कुछ साल पहले तक किशनपुरी में ही कास्मेटिक की दुकान करती थी। इस कारण प्रियांक को क्षेत्र की पूरी जानकारी थी। प्रियांक अक्सर सर्दियों में धूप सेकने के बहाने कारोबारी के मकान के आसपास घूमकर रेकी करता था। उसे पता था कि अंजू जैन सुबह मंदिर चली जाती हैं और उनका बड़ा बेटा नवीन अपनी पत्नी के साथ घूमने जाता है। बच्चे स्कूल में चले जाते हैं और दूधिया भी किचन में दूध रखकर आ जाता है। 7:30 बजे से सवा आठ बजे तक मकान का दरवाजा खुला रहता है।
वहीं, वारदात के समय जब आरोपी कारोबारी के कमरे में घुसे, तब कारोबारी की पत्नी अंजू मंदिर जाने के लिए सिर में कंघी कर रही थी। एक आरोपी ने उन्हें डराने की नीयत से पिस्टल निकाली। अंजू ने इसका विरोध किया, तभी एक गोली वहां पर सो रहे कारोबारी धनकुमार जैन को लग गई। इसके बाद बदमाशों ने अंजू के हाथ में भी गोली मारी, जो हाथ में लगकर पेट को छूती हुई निकल गई। इसके बाद बदमाश आराम से लूटपाट कर वहां से फरार हो गए।
प्रियांक तीन साल से बना रहा था लूट की योजना, कई बार की रेकी:
कारोबारी धनकुमार जैन के घर लूट की योजना तीन साल से बनाई जा रही थी। प्रियांक ने दिसंबर 2022 में जनवरी और फरवरी माह में भी मकान की रेकी की गई। मकान के सामने एक दुकान पर बैठकर कई सप्ताह तक निगरानी की गई कि घर से कौन व्यक्ति किस समय कहां जा रहा है। उसने अपने एक दोस्त को इसके लिए तैयार किया, जिसके पास हथियार भी थे, लेकिन इसी बीच सड़क हादसे में दोस्त की मौत हो गई। उसके हथियार प्रियांक के पास रखे थे। तब प्रियांक ने इंवर्टर की दुकान पर काम करने वाले आरोपी यश शर्मा को इसके लिए तैयार किया। उसे लालच दिया कि लूट में जो भी माल बरामद होगा उसे आधा-आधा बांट लेंगे। आरोपियों ने यह भी देखा कि वारदात के बाद किस क्षेत्र से भागना है। पहले वह किशनपुरी की गलियों से निकले। इसके बाद कैंट क्षेत्र में पहुंच गए, क्योंकि वहां सीसीटीवी कैमरों की संख्या कम है। उन्होंने बाइक पर भी फर्जी नंबर प्लेट लगाई थी।
असुर और मिर्जापुर वेब सीरीज को देखकर की वारदात:
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी प्रियांक ने वर्ष 2020 में असुर और मिर्जापुर समेत कई वेबसीरीज देखी थी, जिसमें उसने ऐसी घटना देखी थी। आरोपियों ने यू-ट्यूब पर पुलिस से बचने के तरीक भी देखे। इसके बाद बाइक की नंबर प्लेट बदली, ग्लब्ज, मास्क और हेलमेट का इस्तेमाल किया। बाइक पर नम्बर प्लेट बदलने के दौरान ओएलएक्स पर देखकर इसी मॉडल की बाइक का नम्बर प्रयोग किया गया ताकि एप्लीकेशन पर चेक करने पर यही बाइक प्रदर्शित हो। यू-ट्यूब पर ही तिजोरी काटने के लिए ग्राइंडर का प्रयोग करना सीखा। वर्ष 2022 में बागपत अड्डे के पास से ग्राइंडर खरीदा। घटना से एक दिन पहले भी आरोपी कमरा किराए पर लेने के बहाने से कारोबारी के घर पर गया था।
पुलिस ने आरोपी प्रियांक के घर से एक पिस्टल, कारतूस, चाकू, बाइक, 22200 रुपये और लूटे गए जेवरात में 11 दीपक, 3 मंदिर चांदी के, 1 चांदी का मंदिर पीला कलर, 92 नारियल चांदी, 1 कलश छोटा, 2 चांदी की कटोरी, 14 कंगन पीली धातु, 12 सोने के नेकलेश, 3 पेन्डेन्ट, 1 बेस लेट कुंदन, 25 अंगूठी गोल्ड व डायमंड, 1 मंगलसूत्र, 1 डायमंड नेकलेश, 5 कान चैन, 1 गोल्ड चैन प्लेन, 49 नग ईयर रिंग पीली धातु, 16 जोडी पायल, 1 चांदी की चैन और 32 ईयर रिंग आदि बरामद हुए।
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