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बुधवार, 9 अगस्त 2023

Meerut:-पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने भारत छोड़ो आंदोलन के 81 साल पूरे होने पर निकाली रैली

भारत छोड़ो आंदोलन को आठ अगस्त 1942 को शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य भारत से ब्रिटिश साम्राज्य को समाप्त करना था. यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुंबई अधिवेशन में शुरू किया गया था. इस आंदोलन के 81 साल पूरे होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने भ्रष्टाचार भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की. इस दौरान गांधी दर्शन समीप राजघाट से और चरतीलाल गोयल हेरिटेज पार्क, लालाकिला तक रैली निकाली की गई. इसमें विभिन्न कॉलेज-विद्यालयों से आए सैकड़ों युवाओं ने भाग लिया और भ्रष्टाचार भारत छोड़ो के नारे लगाए.

कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे विजय गोयल ने कहा कि पहले नारा था अंग्रेजों भारत छोड़ो, लेकिन अब हमें भ्रष्टाचार भारत छोड़ो का नारा देना है. आज देश में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है और मेरी जनता से अपील है कि इसको सिर्फ वे ही खत्म कर सकते हैं. अगर जनता भ्रष्टाचार करने वाली पार्टी को वोट नहीं देगी तो भ्रष्टाचार अपने आप ही खत्म हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही साफ कह दिया है कि भ्रष्टाचार के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

भारत छोड़ो आंदोलन को स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में जाना जाता है. इस साल भारत छोड़ो आंदोलन को 81 साल पूरे हुए हैं. इसे अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है. इस आंदोलन का उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन को खत्म करना था.

पुनर्विकास योजनाओं से दिया पर्यटन पर ध्यान: वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बुधवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के साथ एक पत्रकार वार्ता में आईटीओ के शहीदी पार्क स्थल पर दिल्ली के तीसरे वेस्ट टू वंडर पार्क का निर्माण कराने के लिए दिल्लीवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा दिए गए 15 करोड़ रुपये के अनुदान से शहीदी पार्क का पुनर्विकास किया गया है. पूरे देश की सांस्कृतिक झलक दिखाता हुआ यह पार्क, अब मध्य दिल्ली का एक उत्कृष्ट पर्यटक केंद्र बनेगा.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गत नौ वर्ष में दिल्ली के विकास और सौंदर्यीकरण पर हजारों करोड़ की योजनाएं लागू की हैं और पर्यावरण एवं पर्यटन पर ध्यान दिया है. केंद्र सरकार ने दिल्ली को तीसरा वेस्ट टू वंडर पार्क दिया है. इससे पहले सरकार ने तत्कालीन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को फंड देकर पंजाबी बाग एवं सराय काले खां में वेस्ट टू वंडर पार्क का निर्माण कराया था, जो आज पर्यटन का केंद्र हैं.इसके अलावा केंद्र सरकान, दिल्ली के बदरपुर इलाके में लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से एक ईको पार्क का विकास करवा रही है. साथ ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के पश्चिम तट पर डीडीए बांसेरा पार्क विकसित कर रहा है. इतना ही नहीं, केंद्र सरकार पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर में भी एक पार्क का विकास करवा रही है, जिसके साथ रिंग रोड पर यमुना तट पर असिता पार्क का विकास कार्य हाल ही में संपन्न हो चुका है. हालांकि यह खेदपूर्ण है कि आम आदमी पार्टी नेताओं ने वेस्ट टू वंडर पार्क के उद्घाटन कर श्रेय लेने का झूठा प्रयास किया और इसके उद्घाटन में क्षेत्रीय सांसद गौतम गंभीर और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह को भी आमंत्रित नहीं किया. दिल्ली वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जानना चाहते हैं कि दिल्ली में उनकी सरकार ने पर्यावरण, पर्यटन अथवा सौंदर्यीकरण के लिए कौन सी योजनाएं लागू और पूर्ण की हैं.

दिल्ली सरकार की विफलता को किया जाएगा उजागर: वहीं आगामी 16 और 17 अगस्त को होने वाले दिल्ली विधानसभा सत्र में भाजपा ने आम आदमी पार्टी सरकार से मुख्य मुद्दों पर जवाब मांगने का फैसला किया है. नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, दो दिन का सत्र सारे नियम-कायदों को तोड़कर बुलाया जा रहा है, लेकिन भाजपा केजरीवाल सरकार की हर समस्या पर विफलता को उजागर करेगी. साथ ही उपराज्यपाल महोदय से विधायकों के संवैधानिक हितों की रक्षा करने का भी अनुरोध किया गया है क्योंकि इस बार भी सरकार ने प्रश्नोत्तर काल न रखने का फैसला किया है.

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में इस साल बाढ़ आई और केजरीवाल सरकार नाकाम साबित हुई. बाढ़ के बाद आई फ्लू और डेंगू तेजी से फैल रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार ने लोगों को इससे बचाने के लिए कोई जमीनी प्रयास नहीं किया. एमसीडी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में डेंगू के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 348 पहुंच गई है. जुलाई महीने में ही अकेले 121 केस दर्ज किए गए. यह पिछले छह सालों में सबसे ज्यादा हैं.उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली सरकार से जवाब मांगेगी की आखिर फैसला आने के बाद एक्साइज पॉलिसी, फीडबैक यूनिट, शीशमहल, विज्ञापन घोटाले और प्राइवेट बिजली कंपनियों को अवैध लाभ पहुंचाने की फाइलें आधी रात को क्यों चोरी की गई. पिछले पांच सालों में दिल्ली जल बोर्ड का घाटा 72 हजार करोड़ को पार कर गया है और डीटीसी के बेड़े में कुल 3504 बसें बची हैं. इसमें से पांच सौ से सात सौ बसें रोजाना सड़कों पर खराब हो रही हैं. डीटीसी का घाटा पिछले पांच सालों में ही 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है.

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