पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और आतंकी संगठनों संग उसकी दोस्ती के बारे में दुनिया को बखूबी मालूम है. ISI की दोस्ती खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा के साथ भी है.
हाल ही में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में ‘अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट’ (AQIS) यानी भारतीय उपमहाद्वीप के लिए अलकायदा आतंकी संगठन के चीफ अबु तल्हा को गिरफ्तार किया गया. तल्हा की गिरफ्तारी के बाद अब ISI अपने नए मोहरे को AQIS का चीफ बनाने की तैयारी कर रही है. आईएसआई ने भारत-नेपाल सीमा पर एक नया कैंप बनाया है. चीन की खुफिया एजेंसी ने भी भारत के पास भूटान में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई है. भूटान और नेपाल की सीमा पश्चिम बंगाल से लगती है. ये राज्य अपनी सीमाएं बांग्लादेश से भी साझा करता है. यही वजह है कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने राज्य पुलिस को चेतावनी दी है कि वह चीन और पाकिस्तान की मौजूदगी पर नजर रखें. सूत्रों की मानें तो पुलिस के आला अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों की कोलकाता में बैठक हुई. इसमें राज्य पुलिस को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के नापाक मंसूबों के बारे में बताया गया. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईएसआई और चीन की भारत की सीमा के नजदीक मौजूदगी चिंता का विषय है. भारत-बांग्लादेश सीमा पर कंट्रोल में हालात: खुफिया सूत्रों ने बताया कि आईएसआई के लिए बांग्लादेश में और उससे बाहर आतंकियों की मदद करना मुश्किल हो रहा है. इसकी वजह भारत और बांग्लादेश की भागीदारी है. दोनों देशों के सुरक्षाकर्मियों ने एक-दूसरे की सीमा पर आतंकियों को काबू में रखा है. कुछ दिनों पहले ही AQIS चीफ अबु तल्हा को कोलकाता पुलिस की सूचना के आधार पर बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया. इस वजह से खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि अब ISI ने नेपाल और भूटान सीमा पर एक्टिव होने का प्लान बनाया है. नेपाल में आईएसआई के जो ठिकाने हैं, वो उत्तर बंगाल से ज्यादा दूर नहीं है. खुफिया एजेंसियों ने भी कहा है कि आईएसआई एजेंट्स नेपाल में बैठकर अपने नेटवर्क को कंट्रोल कर रहे हैं. आईएसआई एजेंट्स उत्तर बंगाल के रास्ते नेपाल की सीमा पर स्लीपर सेल से मिलने की खबर भी है. एजेंसियों के मुताबिक, आईएसआई के साथ-साथ चीनी इंटेलिजेंस भी नेपाल और भूटान के सीमावर्ती इलाकों में अपना नेटवर्क बढ़ा रही है. b बंगाल में पकड़ा गया चीनी तस्कर: अभी पिछले महीने ही योंगक्सिन पेंग नाम के एक चीनी तस्कर को उत्तरी बंगाल के रास्ते नेपाल भागने से पहले उत्तरी बंगाल की एसएसबी ने पकड़ लिया. इसके अलावा हाल ही में कई चीनी जासूस विदेशों से पकड़े गए हैं. उनके पास से नेपाली पासपोर्ट, फर्जी नेपाली पहचान पत्र बरामद हुए. उत्तरी बंगाल के पानीटंकी से गिरफ्तार किए गए योंगक्सिन से पूछताछ के बाद जासूसों को पता चला कि वह नेपाली के रूप में उत्तरी बंगाल में विभिन्न लोकेशन में रह रहा था.उसने खुद को नेपाली बताया था. उससे पूछताछ के बाद पता चला कि चीनी चरवाहों ने नेपाल और भूटान में भी कुछ जगहों पर कैंप बना रखे हैं. इन चीनी जासूसों को वहां नेपाली और हिंदी सिखाई जाती है. पकड़े जाने के बाद यह शख्स नेपाली और हिंदी बोलने लगा.लोकप्रिय पोस्ट
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