लोकसभा में पहले ही पास
इससे पहले विपक्षी सांसदों ने दिल्ली सेवा विधेयक पर मत विभाजन की मांग की। जिसके बाद इस बिल पर वोटिंग हुई। जहां केंद्र सरकार को इसमें विजयी हासिल हुआ। वहीं राज्यसभा ने विधेयक को सदन की प्रवर समिति को भेजने के विपक्ष के प्रस्ताव को ध्वनि मत से खारिज कर दिया है। यह बिल तीन अगस्त को लोकसभा में पारित हो चुका है।
कौन साथ कौन विरोध
इस बिल के पक्ष में एनडीए की पार्टियों के अलावा आंध्रप्रदेश की सत्ताधारी वाईएसआर और विपक्षी पार्टी टीडीपी और उड़ीसा की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी ने वोट किया। वहीं बसपा ने इसका बायकॉट किया। आप के पक्ष में 'इंडिया' गठबंधन की 26 पार्टियां गईं, साथ ही तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी बीआरएस ने भी इस बिल का विरोध किया।
पक्ष में कितने वोट
दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में पर्ची के जरिए वोटिंग हुई, क्योंकि मशीन खराब थी। वोटिंग में बिल के समर्थन में 131 वोट पड़े वहीं विरोध में 102 वोट पड़े।
क्या बोले केजरीवाल
इस बिल के पास होने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भड़के दिखे। उन्होंने कहा- "केंद्र की बीजेपी सरकार ने आज संसद में दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला गैर-संवैधानिक कानून पास करा कर दिल्ली के लोगों के वोट और अधिकारों का अपमान किया है।"
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