सरकार का आदिजाति विकास निगम लोगों को घर पर स्वरोजगार के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू करता है। जिसके माध्यम से आदिवासी लाभार्थियों को आसान किस्तों और कम ब्याज दर पर ऋण सहायता मिल सकेगी और उनकी आय में वृद्धि के साथ-साथ उनके जीवन स्तर में भी वृद्धि हो सकेगी। जिले की विशेष भौगोलिक स्थिति के अनुसार जिले के किसानों को वर्षा आधारित कृषि पर निर्भर रहना पड़ता है। जिसमें कृषि आय से बचत करना कठिन हो जाता है। फिर सरकार किसानों को ऋण देकर आर्थिक व्यवहार्यता प्राप्त करने में मदद करती है। एक ऐसा किसान जो सरकारी सहायता प्राप्त कर पूरक आय प्राप्त कर रहा है।
डांग जिले के बोरीगावठा गांव के निवासी श्री राजेशभाई रणछोड़भाई चौधरी को अनुदान प्रशासक के कार्यालय से स्वरोजगार योजना के तहत वर्ष 2019-20 में कृषि कार्य के लिए गुजरात आदिजाति विकास निगम से ऋण के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। जिसमें उन्होंने ऋण वित्तपोषण के लिए कार्रवाई की और ट्रैक्टर के लिए 600000/- (छह लाख) रुपये की ऋण सहायता प्राप्त की। श्री राजेशभाई चौधरी कहते हैं कि गुजरात आदिजाति विकास निगम से ऋण प्राप्त करने के बाद, उन्होंने एक ट्रैक्टर खरीदा, खेती और व्यवसाय शुरू किया। जिसमें नियमित खेती से वे अब एक सफल किसान बन गये हैं और अनाज उत्पादन में भी वृद्धि हुई है।
इसके अलावा, वे आसपास के किसानों को ट्रैक्टर भी किराए पर देते हैं। जिसमें से उन्हें 65000/- से 70000/- पैंसठ से सत्तर हजार रूपये की आय प्राप्त होती है। जिससे उन्हें खर्चा काटने के बाद ₹.42000/- की शुद्ध आय प्राप्त होती है। उनका कहना है कि अब कृषि कार्य या किसी भी अवसर के लिए पैसे उधार लेने की जरूरत नहीं है। वे अपने रोजगार के साथ पूरक आय शुरू करके अर्जित आय से ऋण चुकाते हैं। साथ ही बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ने के लिए भेज सकते हैं। वह आगे कहते हैं कि इस ऋण सहायता से मेरा और मेरे परिवार का जीवन स्तर बढ़ गया है। ऐसी रोजगारोन्मुखी योजना से लाभान्वित होने के लिए मैं सरकारश्री एवं आदिजाति विकास निगम का आभारी हूं। गौरतलब है कि सरकार आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचा रही है।
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