पाकिस्तान आम नागरिक महंगाई और हाई-टैक्स से जूझ रहा है. ऐसे में पाकिस्तान के लोग महंगाई से बहुत ज्यादा परेशान हैं. इसी बीच पंजाब प्रांत में एक महिला ने 10,000 रुपये (पीकेआर) का बिल चुकाने के बावजूद अपने घर में बिजली बहाल नहीं होने पर आत्महत्या कर ली.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, महिला के पति ने बताया कि उनकी पत्नी ने बिजली का बिल चुकाने के लिए घरेलू सामान बेचा था और कर्ज लिया था. लेकिन मुल्तान इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (एमईपीसीओ) ने भुगतान ना करने के कारण काटी गई बिजली को बहाल नहीं किया था.
जहर खाकर दी जान
उन्होंने आगे बताया कि बिल चुकाने के बाद उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं थे. पीड़िता चार बच्चों की मां थी. वह परेशान थी कि उसके बच्चों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था. महिला के पति ने बताया कि जब वह काम पर गया हुआ था तो उसकी पत्नी ने जहर खा लिया. उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका. यह दुखद घटना बढ़ते बिजली बिलों के खिलाफ देश भर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सामने आई है. यहां तक कि आम नागरिक अपनी नाराजगी जताने के लिए आगजनी तक कर रहे हैं.
बढ़ती महंगाई से लोगों में गुस्सा
मालूम हो कि देश में बढ़ती महंगाई को लेकर आम आदमी में गुस्सा है. बढ़ते बिजली बिलों और सरकार द्वारा लगाए गए उच्च करों के खिलाफ विरोध करने के लिए पूरे पाकिस्तान में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं. सरकार की ऊंची बिजली दरों और करों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने हजारों बिजली बिल जला डाले.
रावलपिंडी में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि इस सरकार ने बुनियादी जरूरत की हर चीज के दाम बढ़ाकर छोटे परिवार वाले आम आदमी के लिए घर का खर्च चलाना असंभव कर दिया है. अब वे हमें ऊंचे टैरिफ और करों वाले बिल भेजते हैं. एक ऐसे घर की कल्पना करें जिसमें दो पंखे और तीन लाइटें हैं, लेकिन बिल 20,000 पीकेआर से अधिक है. यह अस्वीकार्य है और हम तब तक विरोध करेंगे जब तक लोगों का खून चूसने का यह जानबूझकर किया गया प्रयास बंद नहीं हो जाता.
लोग बोले नहीं भरेंगे बिल
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि एक तरफ ना नौकरियां हैं, ना कारोबार, सब कुछ महंगा है. इसके अलावा वे हमें ऐसे बिल भेजकर जमीन में और भी अधिक दफनाने की कोशिश करते हैं जिनका हम भुगतान नहीं कर सकते. हम इन बिलों, टैरिफों और करों को अस्वीकार करते हैं. हम उन्हें बिल्कुल भी भुगतान नहीं करेंगे और ना ही
अधिकारियों को हमारी बिजली काटने और हमारे मीटर ले जाने देंगे
इधर कई मस्जिदों से भी घोषणाएं की गई हैं, जिसमें स्थानीय लोगों से अपने बिलों का भुगतान ना करने और अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया है. स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने तेजी से बिगड़ते संकट के समाधान की तलाश में अपने मंत्रिमंडल के साथ बैठकें की हैं. सरकार ने अधिकारियों से अपनी सिफारिशें देने और कैबिनेट को यह बताने के लिए कहा है कि उच्च टैरिफ और करों के मुद्दे से कैसे निपटा जा सकता है.
पाकिस्तान का भविष्य अनिश्चित
राजनीतिक और आर्थिक विशेषज्ञ सैयद इरफ़ान रजा ने कहा कि यह तेजी से पूर्ण अराजकता और अव्यवस्था में बदल सकता है, जो गृहयुद्ध की ओर अग्रसर हो रहा है. नागरिक क्रोधित हैं, आक्रामक हैं, जरूरत पड़ने पर जवाबी कार्रवाई करने और राज्य को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. मुद्रास्फीति, करों, टैरिफ और नौकरियों, व्यवसायों और कमाई के अन्य साधनों में लगातार गिरावट ने पाकिस्तानियों के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है. जेआई प्रमुख सिराजुल हक ने बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ 2 सितंबर को बड़े पैमाने पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है.
पाकिस्तान आम नागरिक महंगाई और हाई-टैक्स से जूझ रहा है. ऐसे में पाकिस्तान के लोग महंगाई से बहुत ज्यादा परेशान हैं. इसी बीच पंजाब प्रांत में एक महिला ने 10,000 रुपये (पीकेआर) का बिल चुकाने के बावजूद अपने घर में बिजली बहाल नहीं होने पर आत्महत्या कर ली.
जहर खाकर दी जान
उन्होंने आगे बताया कि बिल चुकाने के बाद उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं थे. पीड़िता चार बच्चों की मां थी. वह परेशान थी कि उसके बच्चों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था. महिला के पति ने बताया कि जब वह काम पर गया हुआ था तो उसकी पत्नी ने जहर खा लिया. उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका. यह दुखद घटना बढ़ते बिजली बिलों के खिलाफ देश भर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सामने आई है. यहां तक कि आम नागरिक अपनी नाराजगी जताने के लिए आगजनी तक कर रहे हैं.
बढ़ती महंगाई से लोगों में गुस्सा
मालूम हो कि देश में बढ़ती महंगाई को लेकर आम आदमी में गुस्सा है. बढ़ते बिजली बिलों और सरकार द्वारा लगाए गए उच्च करों के खिलाफ विरोध करने के लिए पूरे पाकिस्तान में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं. सरकार की ऊंची बिजली दरों और करों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने हजारों बिजली बिल जला डाले.
रावलपिंडी में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि इस सरकार ने बुनियादी जरूरत की हर चीज के दाम बढ़ाकर छोटे परिवार वाले आम आदमी के लिए घर का खर्च चलाना असंभव कर दिया है. अब वे हमें ऊंचे टैरिफ और करों वाले बिल भेजते हैं. एक ऐसे घर की कल्पना करें जिसमें दो पंखे और तीन लाइटें हैं, लेकिन बिल 20,000 पीकेआर से अधिक है. यह अस्वीकार्य है और हम तब तक विरोध करेंगे जब तक लोगों का खून चूसने का यह जानबूझकर किया गया प्रयास बंद नहीं हो जाता.
लोग बोले नहीं भरेंगे बिल
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि एक तरफ ना नौकरियां हैं, ना कारोबार, सब कुछ महंगा है. इसके अलावा वे हमें ऐसे बिल भेजकर जमीन में और भी अधिक दफनाने की कोशिश करते हैं जिनका हम भुगतान नहीं कर सकते. हम इन बिलों, टैरिफों और करों को अस्वीकार करते हैं. हम उन्हें बिल्कुल भी भुगतान नहीं करेंगे और ना ही
अधिकारियों को हमारी बिजली काटने और हमारे मीटर ले जाने देंगे
इधर कई मस्जिदों से भी घोषणाएं की गई हैं, जिसमें स्थानीय लोगों से अपने बिलों का भुगतान ना करने और अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया है. स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने तेजी से बिगड़ते संकट के समाधान की तलाश में अपने मंत्रिमंडल के साथ बैठकें की हैं. सरकार ने अधिकारियों से अपनी सिफारिशें देने और कैबिनेट को यह बताने के लिए कहा है कि उच्च टैरिफ और करों के मुद्दे से कैसे निपटा जा सकता है.
पाकिस्तान का भविष्य अनिश्चित
राजनीतिक और आर्थिक विशेषज्ञ सैयद इरफ़ान रजा ने कहा कि यह तेजी से पूर्ण अराजकता और अव्यवस्था में बदल सकता है, जो गृहयुद्ध की ओर अग्रसर हो रहा है. नागरिक क्रोधित हैं, आक्रामक हैं, जरूरत पड़ने पर जवाबी कार्रवाई करने और राज्य को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. मुद्रास्फीति, करों, टैरिफ और नौकरियों, व्यवसायों और कमाई के अन्य साधनों में लगातार गिरावट ने पाकिस्तानियों के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है. जेआई प्रमुख सिराजुल हक ने बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ 2 सितंबर को बड़े पैमाने पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है.
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