पंजाब को अपराध और नशा मुक्त बनाने के लिए राज्य पुलिस ने शनिवार को 'ओपीएस सील-3' नाम से एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य ड्रग्स तस्करी, शराब तस्करी, गैंगस्टरों और असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए राज्य में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच करना था।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव के निर्देश पर चार पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के पुलिस बलों के साथ संयुक्त रूप से सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ऑपरेशन चलाया गया।
कानून एवं व्यवस्था विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि सीमावर्ती जिलों के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को सीलिंग बिंदुओं पर मजबूत 'नाका' लगाने के लिए इस ऑपरेशन के लिए अधिकतम संख्या में अधिकारियों तथा जनशक्ति को जुटाने का निर्देश दिया गया।
आगे कहा कि 10 जिलों के सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर 1,500 से अधिक पुलिसकर्मियों को शामिल करते हुए अच्छी तरह से समन्वित मजबूत जांच बिंदु स्थापित किए गए थे। 10 अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में पठानकोट, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, रोपड़, एसएएस नगर, पटियाला, संगरूर, मनसा, होशियारपुर और बठिंडा शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ''ऑपरेशन के दौरान, संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की गहन तलाशी ली गई, साथ ही यह सुनिश्चित किया गया कि जनता को कम से कम असुविधा हो। हमने सभी पुलिस कर्मियों को सख्त निर्देश दिया था कि इस अभियान के दौरान उनके वाहनों की जांच करते समय प्रत्येक यात्री के साथ मैत्रीपूर्ण और विनम्र तरीके से पेश आएं।''
विशेष डीजीपी ने कहा कि राज्य में प्रवेश करने वाले 5,726 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 329 का चालान किया गया और 25 को जब्त कर लिया गया। पुलिस ने 49 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद 40 एफआईआर भी दर्ज की हैं।
पुलिस टीमों ने दो उद्घोषित अपराधियों को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा पुलिस ने 45 लाख रुपये नकद, 30 किलो पोस्त (खसखस) की भूसी, 374 ग्राम हेरोइन, 500 ग्राम चरस, 350 लीटर लाहन और 263 लीटर अवैध शराब बरामद की। पुलिस टीमों ने पूछताछ के लिए 715 संदिग्ध लोगों को भी हिरासत में लिया है।
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