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गुरुवार, 24 अगस्त 2023

अचानक पानी से भरे खेत में पहुंच गए तानाशाह किम जोंग, जानिए क्या है खास वजह?

अचानक पानी से भरे खेत में पहुंच गए तानाशाह किम जोंग, जानिए क्या है खास वजह?

North Korea News: लगातार मिसाइल परीक्षण और खतरनाक लंबी दूरी का रॉकेट लॉन्च करके अपनी ताकत दिखाने वाले किम जोंग के तेवर भी हमेशा आक्रामक ही रहते हैं। वे किसी भी बात पर भड़क सकते हैं।

चाहे वह उत्तर कोरिया का कोई बड़ा अधिकारी हो या देश का प्रधानमंत्री ही क्यों न हो। तानाशाह किम जोंग को अचानक पानी से भरे खेत में देखकर दुनिया के लोग हैरान हो गए। जो किम जोंग बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण करता है, लग्जरी लाइफ जीता है, वो अचानक पानी से भरे चावल के खेत में भला कैसे पहुंंच गया। जानिए क्या है पूरा माजरा?

उत्तर कोरिया की मीडिया के अनुसार उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने प्रधानमंत्री को ही फटकार लगा दी है। फटकार लगाने के बाद वे पानी से भरे चावल के खेत में पहुंच गए। दरअसल, हाल ही में उत्तर कोरिया के पश्चिमी तट पर खेतों में आई बाढ़ को लेकर अधिकारियों और यहां तक कि प्रधानमंत्री ने गैर जिम्मेदाराना प्रतिक्रिया दी थी। इसे लेकर किम जोंग ने अपने प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।

क्या शीर्ष नेतृत्व को बदलना चाहते हैं किम?

उत्तर कोरिया में गर्मियों के मौसम में बाढ़ के कारण खराब जल निकासी और वनों की कटाई अक्सर कृषि भूमि को गंभीर नुकसान पहुंचाती है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि किम द्वारा शीर्ष अधिकारियों को लताड़ लगाने का उद्देश्य संभवतः देश की आर्थिक कठिनाइयों और खाद्य असुरक्षा के लिए उन पर दोष मढ़ना है। हो सकता है बाढ़ के बहाने किम जोंग वरिष्ठ नेतृत्व को बदलना चाहते हैं, इसके लिए वे पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हों।

समुदी लहरों से आई थी खेतों में बाढ़

किम ने सोमवार को पश्चिमी तटीय ज्वारीय भूमि का दौरा किया। यहां समुद्री जल ने हाल ही में तटबंध को नष्ट कर दिया था, जिससे 270 हेक्टेयर से अधिक चावल के खेतों में बाढ़ आ गई थी। आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार, स्थिति का निरीक्षण करने के बाद, किम ने अधिकारियों पर 'कर्तव्यों की बहुत गैर-जिम्मेदाराना उपेक्षा' का आरोप लगाया।

किम जोंग ने की पीएम की अलोचना

केसीएनए ने कहा कि किम ने प्रीमियर यानी प्रधानमंत्री के समकक्ष उच्चपद पर आसीन टोक हुन की आलोचना की। उन्होंने अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाने में विफल रहने के लिए उप प्रधानमंत्री को फटकार लगाई, और उन्होंने टाइडलैंड रिक्लेमेशन ब्यूरो के निदेशक पर निर्माण परियोजनाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले ईंधन तेल को छुपाने का आरोप लगाया।

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