प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को कहा कि केरल में मौजूदा सीपीआई (एम) विधायक और पूर्व स्थानीय स्वशासन मंत्री ए.सी. मोइदीन के निर्देश पर कई बेनामी ऋण बांटे गए थे।
ईडी ने गुरुवार को यहां जारी अपनी विज्ञप्ति में कहा कि उसने त्रिशूर में करुवन्नूर सर्विस कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड से 150 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक निधि की हेराफेरी करने वाले बेनामी और लाभार्थियों के खिलाफ जांच के तहत 22 अगस्त को को केरल में पांच स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया।
इसमें कहा गया है कि उन्होंने केरल पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इसमें आरोपियों द्वारा सार्वजनिक धन की धोखाधड़ी करने और एक ही संपत्ति की गिरवी पर बैंक ऋण सीमा के खिलाफ एक ही व्यक्ति को एक से अधिक ऋण स्वीकृत करने का आरोप लगाया गया था।
ईडी की जांच से पता चला है कि कुछ व्यक्तियों के निर्देश पर, जो एक निश्चित राजनीतिक दल के जिला स्तर के नेता और समिति के सदस्य थे और बैंक पर शासन करते थे, बैंक प्रबंधक द्वारा एजेंटों के माध्यम से संपत्तियों को गिरवी रखकर गैर-सदस्य बेनामी को नकद में ऋण वितरित किए गए थे। गरीब सदस्यों की उनकी जानकारी के बिना और आरोपियों के लाभ के लिए लॉन्डरिंग की गई।
ईडी की विज्ञप्ति में कहा गया, "जांच से पता चला कि ऐसे कई बेनामी ऋण वर्तमान विधायक और पूर्व स्थानीय स्वशासन मंत्री ए सी मोइदीन के निर्देश पर वितरित किए गए थे। इस मामले में किरण पी.पी., रहीम सी.एम., शिजू एम.के., ए.सी. मोइदीन और सतीशकुमार पी. के यहां तलाशी ली गई।''
तलाशी के दौरान ए.सी. मोइदीन और उनकी पत्नी के कब्जे में पाए गए 28 लाख रुपये की बैंक जमा और एफडी को जब्त कर लिया गया।
तलाशी में 36 संपत्तियां भी जब्त की गईं, इनकी कीमत 15 करोड़ रुपये है, जो अपराध से प्राप्त कमाई है।
इससे पहले, ए.के. बिजॉय की संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था। इसकी कीमत 30 करोड़ रुपये है।
स्थानीय पूर्व कांग्रेस विधायक अनिल अक्कारा ने कहा कि "लंबे समय से सीपीआई (एम) मोइदीन को एक साफ-सुथरे व्यक्ति के रूप में चित्रित कर रही थी, जबकि ऐसा नहीं था।" अब चीजें सामने आ रही हैं और यह सिर्फ सहकारी बैंक में घोटाला नहीं है, बल्कि लाइफ मिशन घरों में भी घोटाला है।"
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