- दिल्ली शराब नीति मामला : सीबीआई ने व्यवसायी से रिश्‍वत लेने के आरोप में ईडी अधिकारियों, सीए, होटल सीईओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की | सच्चाईयाँ न्यूज़

सोमवार, 28 अगस्त 2023

दिल्ली शराब नीति मामला : सीबीआई ने व्यवसायी से रिश्‍वत लेने के आरोप में ईडी अधिकारियों, सीए, होटल सीईओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की

 

नई दिल्ली, 28 अगस्त। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोपी शराब व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल्ल से कथित तौर पर 5 करोड़ रुपये लेने और दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में ईडी अधिकारियों, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और एक होटल सीईओ सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

एजेंसी ने मुख्य आरोपी सीए प्रवीण वत्स के आवास से 2,19,80,000 रुपये की नकदी भी बरामद की।

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें ईडी की विशेष निदेशक (एचआईयू-द्वितीय) सोनिया नारंग से सहायक निदेशक पवन खत्री, यूडीसी नितेश कोहर (सभी ईडी), दीपक सांगवान, ढल, ढल के पिता बीरेंद्र पाल सिंह, वत्स, क्लेरिजेस होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के सीईओ विक्रमादित्य और अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एक लिखित शिकायत मिली है।

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि विभिन्न व्यक्तियों के दर्ज किए गए बयानों से प्रथम दृष्टया पता चला कि ढल, जिन्हें उत्पाद शुल्क नीति मामले में ईडी और सीबीआई दोनों ने गिरफ्तार किया है और उनके पिता ने 5 करोड़ रुपये (शुरुआत में 3 करोड़ रुपये) दिए थे। शराब मामले में ईडी द्वारा चल रही जांच से निपटने में सहायता की व्यवस्था करने के लिए वत्स को दिसंबर 2022-जनवरी 2023 के महीने और फिर 2 करोड़ रुपये दिए गए।

वत्स ने अपने बयान में कहा कि एयर इंडिया में सहायक महाप्रबंधक के रूप में काम करने वाले सांगवान ने उन्हें आश्‍वासन दिया कि वह धन के बदले में ईडी के शराब घोटाला मामले में (उनकी गिरफ्तारी को रोककर) ढल को मदद प्रदान कर सकते हैं। सांगवान ने परिचय दिया एफआईआर के अनुसार, सांगवान के आश्‍वासन के आधार पर वत्स को दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के बीच 50 लाख रुपये की छह किस्तों में ढल से 3 करोड़ रुपये मिले।

एफआईआर में आगे उल्लेख किया गया है कि सांगवान ने प्रस्ताव दिया कि 2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि के लिए ढल को मामले में आरोपियों की सूची से हटाया जा सकता है। वत्स ने यह बात ढल्ल को बताई, जो सहमत हो गए। इसके बाद वत्स को 50-50 लाख रुपये की चार किस्तों में उनसे 2 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिले। ढल से सभी भुगतान वत्स अपने घर पर प्राप्त करते थे, और नकदी हमेशा ढल के एक प्रतिनिधि के माध्यम से भेजी जाती थी, जिसका नाम वत्स को नहीं पता है।

एफआईआर में लिखा है, "वत्स ने कहा कि बीरेंद्र पाल सिंह और ढल से प्राप्त राशि में से उसने दिसंबर 2022 के मध्य में वसंत विहार में आईटीसी होटल के ठीक पीछे स्थित एक पार्किंग स्थल पर सांगवान और खत्री को 50 लाख रुपये नकद दिए। इसके बाद ढल को ईडी द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।। वत्स ने आगे कहा कि उन्होंने इस बारे में सांगवान से संपर्क किया, और वे मार्च 2023 में वसंत विहार में मिले। सांगवान ने वत्स को सूचित किया कि ढल की गिरफ्तारी के आदेश उच्च अधिकारियों से आए थे।"

सांगवान ने अपने बयान में उल्लेख किया कि उन्हें जून 2023 में पता चला कि वत्स ने बीरेंद्र पाल सिंह से बड़ी रकम वसूली थी। वत्स ने अपने बयान में कहा कि सांगवान ने उन्हें जनपथ पर एक बैठक के लिए बुलाया, जहां राशि (वत्स द्वारा ढल से ली गई) वापस करने के बारे में चर्चा हुई। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर बैठकें भी हुईं। इनमें से कुछ बैठकों के दौरान खत्री और कोहर भी मौजूद थे।

एफआईआर में कहा गया है कि वत्स ने अपने बयान में स्वीकार किया कि 2023 में वह 1 करोड़ रुपये लाया और बीरेंद्र पाल सिंह को दिया। इस मुलाकात के दौरान खत्री भी मौजूद थे। अतिरिक्त विवरण और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा करने के बाद ईडी अधिकारियों ने सीबीआई से संपर्क करने का फैसला किया।

अधिकारी ने कहा, "शिकायत में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 120 बी, पीसी अधिनियम की धारा 7, 7 ए और 8 के साथ पढ़े जाने वाले दंडनीय अपराध का संकेत देते हैं। हमने एक प्राथमिकी दर्ज की है और मामले की जांच कर रहे हैं।"

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