बीते दिनों यूपी के मुजफ्फरनगर का वीडियो सामने आया था, जिसमें स्कूल में अंदर क्लास में टीचर छात्र को दूसरे छात्रों से पिटवा रही थी. मामले ने तूल पकड़ा और आरोपी महिला टीचर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई. अब कानपुर से इसी तरह का मामला सामने आया है.
कानपुर में दारोगा ने चौकी के अंदर ही 18 साल के लड़के को उसके दोस्त से चार थप्पड़ लगवाए. फिर लड़के से उसके दोस्त को भी पिटवाया. बेइज्जती होने पर पीड़ित लड़के ने घर आकर सुसाइड का प्रयास किया.
घटना की जानकारी मिलने पर पीड़ित की मां फिरोजाबाद से कानपुर पहुंची और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कानपुर पुलिस कमिश्नर से की है. मामला सामने आने पर पुलिस कमिश्नर के स्टाफ ऑफिसर ने जांच के आदेश दिए हैं. पीड़ित की मां का कहना है कि बेटे ने दरोगा से केवल इतना पूछा था कि उसे थप्पड़ क्यों मारा. इस पर दारोगा ने बेटे को उसके दोस्तों से चांटे पड़वाए. मेरे बेटे की कोई गलती भी नहीं थी.
दरअसल, फिरोजाबाद की रहने वाली अमरजीत कौर का बेटा दिलजोत सिंह कानपुर में अपनी बुआ के यहां रहता है. अमरजीत कौर का फिरोजबादा में चूड़ियों का बड़ा व्यापार है. वहीं, उसका बेटा दिलजोत कानपुर में बुआ के यहां रहकर व्यापार करता है. दिलजोत कुछ दिनों पहले ही 18 साल का हुआ है. बेटे को लेकर कानपुर कमिश्नरेट पहुंची अमरजीत कौर ने पुलिसकर्मी को शिकायती आवेदन दिया है.
बेटे और उसके दोस्त को ले गए थाने
अमरजीत का कहना है कि बेटा दिलजोत 30 अगस्त की रात को दुकान बंद करके अपने दोस्त के साथ मंदिर जा रहा था. तभी रास्ते में डायल100 की गाड़ी ने इन सभी को रोका. पुलिस ने बेटे की गाड़ी के कागज चेक किए. बेटे ने हेलमेट भी लगाया हुआ था, लेकिन डायल100 के में बैठे दरोगा ने बेटे को बिना किसी बात के थप्पड़ मार दिया. बेटे ने दारोगा से थप्पड़ मारने का कारण पूछा. बेटे ने फोन पर मेरी बात भी दारोगा से कराई. मैंने भी फोन पर दारोगा से पूछा कि मेरे बेटे गलती थी तो चालान कर देते, थप्पड़ क्यों मारा. महिला ने आगे कहा कि इसके बाद दारोगा बेटे को थाने ले गया.
एक-दूसरे को लगवाए थप्पड़
दिलजोत ने बताया कि बाइक पर उसके साथ दोस्त करण भी था. हमें थाने लाकर दारोगा ने कहा कि तुझको कई धाराओं में बंद कर दूंगा, बहुत बहस करता है. इसके बाद दारोगा ने मेरे दोस्त करण से मुझे चार थप्पड़ मारने को कहा. साथ ही कहा कि यदि ऐसा नहीं किया तो उसे जेल भेज देगा. करण ने डर के मारे सभी के सामने मुझे थप्पड़ मारे. इसके बाद दारोगा ने मुझसे करण को भी चार थप्पड़ लगवाए फिर कुछ कागजों पर साइन कराकर हम दोनों को थाने से भगा दिया.
पीड़ित ने किया सुसाइड का प्रयास
दिलजोत का कहना है कि इस घटना से मेरे मन में इतनी बेज्जती महसूस हुई कि घर जाकर मैंने सुसाइड करने के लिए फंदा लगा लिया था, लेकिन परिवार के लोगों ने मुझे बचा लिया. दिलजोत कि मां का कहना है की पुलिस को ऐसा नहीं करना चाहिए. अगर, नौजवान बच्चों के साथ इस तरह करेंगे तो कोई परेशानी होने पर यह लोग पुलिस के पास कैसे जाएंगे.
मामले की जांच कराई जा रही है- एडीसीपी
पीड़ित युुवक की मां ने एडीसीपी पुलिस कमिश्नर स्टाफ ऑफीसर अशोक कुमार सिंह को शिकायती आवेदन दिया है. मामले की जांच चकरी एसीपी अमरनाथ यादव को दी गई है. उनका कहना है कि हमने 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है. वहीं, दिलजोत का कहना है कि मेरे मन में पहले पुलिस की बहुत अच्छी छवि थी, लेकिन इस घटना से मेरे मन में पुलिस की यह छवि खत्म हो गई है. मेरा कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं है, ना मेरी कभी लड़ाई हुई है.
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