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सोमवार, 7 अगस्त 2023

बकरी का बच्चा निगल कर झाड़ियों में बैठा था अजगर, ग्रामीणों ने बांधकर जलाया

उज्जैनः बकरी का बच्चा निगल कर झाड़ियों में बैठा था अजगर, ग्रामीणों ने बांधकर जलाया

बरसात के साथ ही वन्य जीवों का जंगलों में विचरण शुरू हो गया है। उज्जैन के बडनगर तहसील के खंडवासुरा एवं अजनार गांव के बीच हनुमान मंदिर के पास बकरी का बच्चा निगल गए अजगर का वन विभाग ने रेस्क्यू किया है।आगर जिला के सुसनेर के ग्राम सिरपोई में बकरी निगलने की कवायद के दौरान ग्रामीणों ने अजगर को बांध दिया।उसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने अजगर को मारकर जला दिया है। 

वन विभाग के बीट प्रभारी ने इसकी पुष्टि की है। उज्जैन के डिप्टी रेंजर वन्य जीव मदन मोरे ने बताया कि रविवार देर शाम उन्हें बडनगर तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर खंडवासुरा एवं अजनार गांव के पास अजगर के बकरी का बच्चा निगलने की सूचना मिली थी।

इस पर रेस्क्यू दल में एक्सपर्ट दीपक शेर एवं वन विभाग की टीम रात में स्थल पर पहुंची थी। मंदिर से करीब 50 मीटर दूर अजगर बकरी का बच्चा निगल कर झाड़ियों में बैठा हुआ था। इस पर ग्रामीणों को समझाया गया कि अजगर यहां से जंगल में चला जाएगा। ग्रामीणों के आक्रोश की स्थिति को देखते हुए अजगर का रेस्क्यू किया गया।

रेस्क्यू के दौरान अजगर ने बकरी के बच्चे को पेट से वापस मुंह में लाकर बाहर निकाल दिया। बकरी का बच्चा मृत स्थिति में बाहर आया। देर रात अजगर को बाक्स में रखकर उज्जैन जिला मुख्यालय लाया गया।सोमवार पूर्वान्ह अजगर का स्वास्थ्य परीक्षण डा.मुकेश जैन ने किया है। अजगर एशियन पायथन प्रजाति का होकर नर व्यस्क है।

उसकी लंबाई 11.7 फीट है और वजन 37 किलो है। अजगर पूर्णत:स्वस्थ है। मोरे ने बताया कि यह अजगर गांव से कुछ दूरी पर बहने वाली चामला नदी से आया है। इस नदी में अजगर के रहवास की अनुकूल रेती एवं घास के साथ ही पोली मिट्टी होने से यहां हर वर्ष ही मानसून के मौसम में अजगर की उपस्थिति मिलती है। पिछले वर्ष पास के गांव से मादा पायथन एवं उसके साथ 5 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे।

इससे पूर्व भी कई बार विभाग रेस्क्यू कर चुका है। मोरे ने कहा कि जिस ग्रामीण की बकरी के बच्चे को अजगर ने निगला है उसे बडनगर अनुविभाग के डिप्टी रेंजर के समक्ष आवेदन करने पर विभाग मुआवजा देगा।अजगर को मंगलवार को डीएफओ के निर्देशानुसार खिवनी वन्य जीव अभ्यारण्य में छोड़ा जाएगा।

आगर जिले के सुसनेर तहसील अंतर्गत मोढ़ी के समीप सिरपोई गांव के जंगल में रविवार अपरांह 10 फूट लंबे अजगर ने चरवाह रेखाबाई की बकरी का शिकार कर उसे निगलने की प्रक्रिया शुरू की थी। बकरी को टांग से जकड़ कर अजगर ने उसे गिरा दिया इस पर बकरी मिमियाने लगी थी।

बकरी की आवाज सुनकर रेखाबाई एवं अन्य ग्रामीण स्थल पर पहुंचे थे। अजगर को बकरी का बच्चा निगलता देखकर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और कुछ ग्रामीणों ने उस पर वार कर दिया एवं कुछ ने बकरी को अजगर के चंगुल से छुडवाने के लिए रेस्क्यू करते हुए अजगर का पेट एवं शरीर के कुछ स्थानों को कपड़े एवं रस्सी से कस कर बांध दिया जिससे की अजगर बकरी को निगल न सके।

इस दौरान की गई प्रक्रिया से वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के शेड्यूल 1 में शामिल अजगर की मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने उसे जला दिया। घटना की पुष्टि वन विभाग के बीट प्रभारी कमल मालवीय ने करते हुए बताया कि गांव की रेखा बाई की बकरी इसमें हताहत हुई है।घटना रविवार शाम की है। बकरी के शिकार एवं ग्रामीणों के बकरी को छुड़ाने में अजगर की मौत हो गई।

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ग्रामीणों ने उसे जंगल में ही जला दिया जिसका स्थल निरीक्षण कर फोटोग्राफ लिए गए हैं। सुसनेर रेंजर चंदरसिंह पंवार का कहना था कि उन्हें घटना की जानकारी सोमवार को दोपहर में लगने पर तत्काल ही बीट प्रभारी एवं डिप्टी रेंजर को स्थल पर भेजा गया था। राजस्व क्षेत्र में ऐसा हुआ है। वन्य क्षेत्र में जाकर कोई शिकार करता तो उस पर वह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का अपराध आरोपित होता।

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