दिल्ली में युवक की पहले तो गोली मारकर हत्या की गई फिर उसके शव को सूटकेस में रखकर नाले में फेंक दिया गया. पुलिस ने मामले की जांच की और एक आरोपी को गिरफ्तार किया. सामने आया है आरोपी ने युवक से सेक्सुअल फेवर मांगा था, लेकिन जब युवक ने आरोपी की इच्छा पूरी नहीं तो उसने गोली मारकर युवक की हत्या कर दी थी और शव को सूटकेस में रखकर नाले में फेंक दिया था.
हत्या में उपयोग हथियार और खून से सने कपड़ों को यमुना नदी में बहा दिया था. आरोपी एमबीए का छात्र है. पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.
दरअसल, 10 जुलाई को अंबेडकर नगर थाने में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बेटा 32 साल योगेश कुमार 9 जुलाई की सुबह करीब साढ़े दस बजे नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाने का कहकर निकला था और वापस नहीं लौटा है. पीड़ित पिता ने पुलिस को बताया था कि वह अपने परिवार के साथ मदनगीर इलाके में रहता है.
साथ ही उसने बताया था कि योगेश को रिहा करने के लिए अज्ञात नंबर से 20 लाख रुपए की फिरौती का कॉल आया है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए योगेश की गुमशुदगी का केस दर्ज किया था और डीसीपी ने पुलिस की कई टीमें गठित कर योगेश की तलाश में लगा दी थीं.
योगेश के परिवार और जानने वालों से की गई थी पूछताछ
पुलिस ने जांच के दौरान पीड़ित के परिवार के अन्य सदस्यों, जानने वालों से योगेश के बारे में पूछताछ की थी. यह भी पता लगाया था कि योगेश की किसी से दुश्मनी तो नहीं है. साथ ही योगेश के दोस्तों से भी पूछताछ की गई थी. साथ ही योगेश के मोबाइल की कॉल डिटेल निकालने के लिए साइबर टीम की मदद भी ली गई थी.
बिहार के सुपौल का था फिरौती के लिए किए गए कॉल का नंबरयोगेश के पिता को जिस मोबाइल फोन से फिरौती की कॉल आई थी, पुलिस ने उस नंबर को भी सर्विलांस पर लगा दिया था. परिवार को 17 जुलाई को फिर से फिरौती का फोन आया और 15 लाख रुपए देने की बाच की गई. कॉल आने की जानकारी मिलते ही पुलिस ने दिल्ली के पालिका बाजार, कनॉट प्लेस और गुरुग्राम के जीआईपी मॉल इलाके में छापेमारी की. मगर, पता चला कि कॉल करने वाला गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. पुलिस को पता चला कि फिरौती के लिए कॉल के लिए इस्तेमाल किए गए नंबर बिहार के सुपौल में एक्टिव हैं
.
यूं हुआ मामले का पर्दाफाश
पुलिस टीम ने टेक्निकल सबूतों के रिवर्स विश्लेषण (Reverse Analysis) पर काम करना शुरू किया. सामने आया कि 09 जुलाई को योगेश ने द्वारका के सेक्टर 16 स्थित प्लाजा मॉल पिज्जा खरीदा था पिज्जा का पैमेंट ऑनलाइन चुकाया था. टीम को प्लाजा मॉल में लगे सीसीटीवी फुटेज में भी योगेश नजर आया था. इसमें वह एक सफेद रंग की स्विफ्ट कार से ड्राइवर साइड की तरफ काली पोशाक पहने एक युवक के साथ बाहर निकलता हुआ नजर आया था.
पुलिस को कार की ईंधन टैंक के कैप पर खास निशान नजर आया था. इसके बाद जीके पुलिस स्टेशन की टीम ने द्वारका सेक्टर 16 से न्यू अशोक नगर तक रिवर्स रूट पर लगे सभी सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करना शुरू किया. इसमें स्विफ्ट कार नजर आई. कार सवार युवक की पहचान एमबीए स्टूडेंट शशांक सिंह के रूप में हुई थी. पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की.
शुरुआत में वह पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा. मगर, पुलिस ने जब सख्ती दिखाई तो उसने योगेश की हत्या की बात कबूल कर ली. उसने पुलिस को बताया कि एक पार्टी में मेरी और योगेश की मुलाकात हुई थी. इसके बाद हम लोगों की बात होना शुरू हो गई. योगेश की नौकरी की तलाश थी. उसने मुझे नौकरी के लिए बोला था.
09 जुलाई को मैंने योगेश की सीवी के साथ मूलचंद पर मिलने के लिए बुलाया था. वहां मिलने के बाद हम दोनों द्वारका के सेक्टर 16 गए, जहां योगेश ने मॉल से पिज्जा खरीदा. हमने बीयर भी खरीदी थी और सेक्टर 14 के सुनसान इलाके में पहुंचे. यहां पहुंचने पर मैंने अपनी कार रोक दी.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी शशांक.
योगेश की मारी गोली, शव नाले में फेंका
पुलिस के मुताबिक, शशांक ने योगेश से फिजिकल होने की डिमांड की, उसने मना किया, शशांक ने गुस्से में योगेश को गोली मार दी. इसके बाद शव को सूटकेस में रखकर द्वारका सेक्टर 14बी में मौजूद नाले में फेंक दिया. कार में से खून साफ किया और खून से सनी चादरें, अन्य सामान को यमुना नदी में फेंक दिया.
इसके बाद 12 जुलाई को उस पिस्तौल को भी यमुना नदी में फेंक दिया, जिससे योगेश की गोली मारी गई थी. इसके बाद शशांक ने एक फर्जी सिम कार्ड खरीदा और योगेश के परिवार को फिरौती के लिए कॉल किया. शशांक ने सोचा था कि इससे पुलिस गुमराह हो जाएगी और उसे पकड़ नहीं सकेगी. आरोपी ने बिहार के रहने वाले व्यक्ति से पिस्तौल खरीदी थी.
पुलिस का कहना है कि आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है. योगेश की डेडबॉडी भी बरामद कर ली गई है. आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.
दिल्ली में युवक की पहले तो गोली मारकर हत्या की गई फिर उसके शव को सूटकेस में रखकर नाले में फेंक दिया गया. पुलिस ने मामले की जांच की और एक आरोपी को गिरफ्तार किया. सामने आया है आरोपी ने युवक से सेक्सुअल फेवर मांगा था, लेकिन जब युवक ने आरोपी की इच्छा पूरी नहीं तो उसने गोली मारकर युवक की हत्या कर दी थी और शव को सूटकेस में रखकर नाले में फेंक दिया था.
दरअसल, 10 जुलाई को अंबेडकर नगर थाने में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बेटा 32 साल योगेश कुमार 9 जुलाई की सुबह करीब साढ़े दस बजे नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाने का कहकर निकला था और वापस नहीं लौटा है. पीड़ित पिता ने पुलिस को बताया था कि वह अपने परिवार के साथ मदनगीर इलाके में रहता है.
साथ ही उसने बताया था कि योगेश को रिहा करने के लिए अज्ञात नंबर से 20 लाख रुपए की फिरौती का कॉल आया है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए योगेश की गुमशुदगी का केस दर्ज किया था और डीसीपी ने पुलिस की कई टीमें गठित कर योगेश की तलाश में लगा दी थीं.
योगेश के परिवार और जानने वालों से की गई थी पूछताछ
पुलिस ने जांच के दौरान पीड़ित के परिवार के अन्य सदस्यों, जानने वालों से योगेश के बारे में पूछताछ की थी. यह भी पता लगाया था कि योगेश की किसी से दुश्मनी तो नहीं है. साथ ही योगेश के दोस्तों से भी पूछताछ की गई थी. साथ ही योगेश के मोबाइल की कॉल डिटेल निकालने के लिए साइबर टीम की मदद भी ली गई थी.
बिहार के सुपौल का था फिरौती के लिए किए गए कॉल का नंबरयोगेश के पिता को जिस मोबाइल फोन से फिरौती की कॉल आई थी, पुलिस ने उस नंबर को भी सर्विलांस पर लगा दिया था. परिवार को 17 जुलाई को फिर से फिरौती का फोन आया और 15 लाख रुपए देने की बाच की गई. कॉल आने की जानकारी मिलते ही पुलिस ने दिल्ली के पालिका बाजार, कनॉट प्लेस और गुरुग्राम के जीआईपी मॉल इलाके में छापेमारी की. मगर, पता चला कि कॉल करने वाला गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. पुलिस को पता चला कि फिरौती के लिए कॉल के लिए इस्तेमाल किए गए नंबर बिहार के सुपौल में एक्टिव हैं
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यूं हुआ मामले का पर्दाफाश
पुलिस टीम ने टेक्निकल सबूतों के रिवर्स विश्लेषण (Reverse Analysis) पर काम करना शुरू किया. सामने आया कि 09 जुलाई को योगेश ने द्वारका के सेक्टर 16 स्थित प्लाजा मॉल पिज्जा खरीदा था पिज्जा का पैमेंट ऑनलाइन चुकाया था. टीम को प्लाजा मॉल में लगे सीसीटीवी फुटेज में भी योगेश नजर आया था. इसमें वह एक सफेद रंग की स्विफ्ट कार से ड्राइवर साइड की तरफ काली पोशाक पहने एक युवक के साथ बाहर निकलता हुआ नजर आया था.
पुलिस को कार की ईंधन टैंक के कैप पर खास निशान नजर आया था. इसके बाद जीके पुलिस स्टेशन की टीम ने द्वारका सेक्टर 16 से न्यू अशोक नगर तक रिवर्स रूट पर लगे सभी सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करना शुरू किया. इसमें स्विफ्ट कार नजर आई. कार सवार युवक की पहचान एमबीए स्टूडेंट शशांक सिंह के रूप में हुई थी. पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की.
शुरुआत में वह पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा. मगर, पुलिस ने जब सख्ती दिखाई तो उसने योगेश की हत्या की बात कबूल कर ली. उसने पुलिस को बताया कि एक पार्टी में मेरी और योगेश की मुलाकात हुई थी. इसके बाद हम लोगों की बात होना शुरू हो गई. योगेश की नौकरी की तलाश थी. उसने मुझे नौकरी के लिए बोला था.
09 जुलाई को मैंने योगेश की सीवी के साथ मूलचंद पर मिलने के लिए बुलाया था. वहां मिलने के बाद हम दोनों द्वारका के सेक्टर 16 गए, जहां योगेश ने मॉल से पिज्जा खरीदा. हमने बीयर भी खरीदी थी और सेक्टर 14 के सुनसान इलाके में पहुंचे. यहां पहुंचने पर मैंने अपनी कार रोक दी.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी शशांक.
योगेश की मारी गोली, शव नाले में फेंका
पुलिस के मुताबिक, शशांक ने योगेश से फिजिकल होने की डिमांड की, उसने मना किया, शशांक ने गुस्से में योगेश को गोली मार दी. इसके बाद शव को सूटकेस में रखकर द्वारका सेक्टर 14बी में मौजूद नाले में फेंक दिया. कार में से खून साफ किया और खून से सनी चादरें, अन्य सामान को यमुना नदी में फेंक दिया.
इसके बाद 12 जुलाई को उस पिस्तौल को भी यमुना नदी में फेंक दिया, जिससे योगेश की गोली मारी गई थी. इसके बाद शशांक ने एक फर्जी सिम कार्ड खरीदा और योगेश के परिवार को फिरौती के लिए कॉल किया. शशांक ने सोचा था कि इससे पुलिस गुमराह हो जाएगी और उसे पकड़ नहीं सकेगी. आरोपी ने बिहार के रहने वाले व्यक्ति से पिस्तौल खरीदी थी.
पुलिस का कहना है कि आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है. योगेश की डेडबॉडी भी बरामद कर ली गई है. आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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