आखिरकार बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य 'सुलझ' ही गया. यह एक ऐसी मिस्ट्री था जिसने सालों तक लोगों को हैरानी में डाले रखा था. लेकिन अब एक एक्सपर्ट ने बरमूडा ट्रायंगल के रहस्य की गुत्थी को सॉल्व करने के दावा किया है.
उन्होंने बताया कि बरमूडा ट्रायंगल में जहाजों के गायब होने के पीछे का कारण क्या है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, बरमूडा ट्रायंएगल में पिछले 100 सालों में इसमें 75 हवाई जहाज और 100 से ज्यादा छोटे-बड़े जहाज समा चुके हैं और 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बरमूडा ट्रायंएगल की सबसे पहले जानकारी क्रिस्टोफर कोलंबस ने दुनिया को दी थी. उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से बताया था कि किस तरह की घटनाएं बरमूडा ट्रायंगल में होती हैं.
कहां है बरमूडा ट्रायंगल?
मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, बरमूडा ट्रायंगल बरमूडा के पास उत्तरी अटलांटिक महासागर का एक क्षेत्र है, जहां पिछले कुछ सालों में कई जहाज गायब हो गए हैं. कुछ लोगों ने दावा किया है कि वहां एक भंवर बनाता है, जबकि अन्य का सुझाव है कि जहाजों के गायब होने के लिए एलियंस जिम्मेदार हो सकते हैं. लेकिन एक एक्सपर्ट का दावा है कि 'चट्टानें' इस रहस्य को समझा सकती हैं.
चैनल 5 की डॉक्यूमेंट्री- 'सीक्रेट्स ऑफ द बरमूडा ट्रायंगल' में बोलते हुए एक मिनरल्स एक्सपर्ट निक हचिंग्स ने बताया, 'बरमूडा मूल रूप से एक समुद्री पर्वत है. यह पानी के नीचे का ज्वालामुखी है. जो 30 मिलियन साल पहले सक्रिय था, लेकिन यह अब नष्ट हो चुका है और वहां सिर्फ ज्वालामुखी के शीर्ष पर बचे हैं. हमारे पास उसके नमूने हैं जिनमें मैग्नेटाइट है. यह धरती पर नेचुरली पाया जाना वाला सबसे अधिक चुंबकीय पदार्थ है.’
हचिंग्स ने आगे बताया कि उससे मिली चट्टानों के टुकड़ों और एक कंपास को लेकर हमने एक प्रयोग किया. जब चट्टान के टुकड़ों को समतल सतह पर रखा गया और उस पर कंपास घुमाया गया तो उसकी सुई बहुत तेजी के साथ घुमने लगी. ऐसा इस तथ्य के कारण है कि चट्टानों में मैग्नेटाइट है. हचिंग्स ने कहा, 'आप बस बरमूडा के पार नौकायन करने वाले प्राचीन नाविकों की कल्पना कर सकते हैं, यह बहुत ही निराशाजनक होगा.'
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