और दिनांक 11/08/2023 को भी जन सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की ही गाड़ी गारखड़ी गांव मे भेजी गई। सिविल अस्पताल एंबुलेंस की सुविधा पिछले सप्ताह से बंद है। एंबुलेंस नहीं भेजनें का करण यह बताया जा रहा है की डीजल उपलब्ध नहीं है, इस संबंध में सिविल अस्पताल से जवाब दिया जा रहा है। दिनांक 11/08/2023 को मानमोडी गांव में इलाज के लिए आए एक मरीज की मृत्यु हो गई थी तो शव को ले जानेके लिए अस्पताल मे एंबुलेंस ही नहीं मिली, और डांग जिले का एक मात्र सिविल अस्पताल जो 20 करोड़ की लागत से बना है। देखने वाली बात यह भी है कि, एंबुलेंस एक ही है, और उसमें भी लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, तो सिस्टम को ध्यान देना चाहिए।
आहवा में 20 करोड़ की लागत से बने सिविल अस्पताल में फिलहाल पर्याप्त डॉक्टर हैं, लेकिन जरूरी उपकरणों की कमी के कारण मरीजों को सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सिविल अस्पताल में हर बार मरीज और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, पिछले सप्ताह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डांग में केवल एक सिविल अस्पताल है और इतना बड़ा अस्पताल होने के बावजूद भी केवल एक ही एंबुलेंस है। और इसमें डीजल नहीं मिल रहा है ऐसे जवाब सिविल अस्पताल की तरफ से मिल रहे है। इसके चलते मरीजों को आपात स्थिति में निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है, इसलिए जिम्मेदार अधिकारी थोड़ा ध्यान दें तो अच्छा होगा।
जानकारी के मुताबिक मरीजों को अक्सर खून के लिए भी दौड़ना पड़ता है। जब भी मरीजों को आपातकालीन स्थिति में रक्त की आवश्यकता होती है। एक ही समय में खून नहीं मिल पाता है। और गांवों से मरीजों को व्यारा, वलसाड, ब्लड के लिए भेजा जाता है। इसलिए बेहतर होगा कि सिस्टम इस मामले पर भी थोड़ा ध्यान दे। जन सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से सिविल अस्पताल में एंबुलेंस की समस्या को लेकर लोगों की गंभीर समस्या का समाधान करने की मांग उठाई गई है।
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