रिलायंस जियो देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, इसमें कोई दो राय नहीं. इसके बावजूद उसे एयरटेल से एक मामले में बार-बार मात मिल रही है. ये लड़ाई ‘टैरिफ वॉर’ जैसी नहीं है, जिसमें रिलायंस जियो ने देश की लगभग सभी टेलीकॉम कंपनियों को पानी पिला दिया, बल्कि ये मामला है कि कैसे पोस्टपेड ग्राहकों की संख्या को बढ़ाया जाए, क्योंकि सुनील भारती मित्तल की एयरटेल इस मामले में अब भी मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को जबरदस्त पटखनी दे रही है.
लेकिन कैसे?
दरअसल टेलीकॉम कंपनियों के लिए पोस्टपेड ग्राहक हमेशा फायदे का सौदा होते हैं. प्रीपेड सर्विस के मुकाबले इससे कंपनियों का एवरेज रिवेन्यू प्रति यूजर बेहतर होता है. इसलिए कंपनियों का जोर पोस्टपेड ग्राहकों पर रहता है. इसके बदले में ग्राहकों को कंपनी से बेहतर सुविधा भी मिलती है. फिलहाल पोस्टपेड कस्टमर के गेम में एयरटेल की मार्केट में पकड़ है.
रिलायंस जियो ने इसी साल मार्च में अपने नए पोस्टपेड प्लान पेश किए. लेकिन कंपनी को मार्केट में उतना रिस्पांस नहीं मिला है. जबकि दूसरी तरफ एयरटेल के पोस्टपेड कस्टमर्स की संख्या बढ़ रही है. इसकी बड़ी वजह एयरटेल का पोस्टपेड सर्विस को प्रीमियम बनाना है. साथ ही कंपनी ने ग्राउंड लेवल पर अपनी स्ट्रैटजी को मजबूत किया है.
बीएनपी परिबास इंडिया में इक्विटी रिसर्च के इंडिया हेड कुणाल वोरा का कहना है कि पोस्टपेड प्रोडक्ट एक पुश मार्केट प्रोडक्ट है. कंपनियों को ग्राहकों के साथ लगातार एंगेज रहना पड़ता है ताकि वह प्रीमियम से पोस्टपेड पर कन्वर्ट कर जाएं. वहीं रिटेल स्टोर और कॉल सेंटर से जुड़े कई मार्केटिंग कदम उठाने पड़ते हैं, जिसमें अभी बाजी एयरटेल के हाथ में है.अप्रैल से जून के आंकड़ों को देखें तो एयरटेल ने करीब 8 लाख नए पोस्टपेड यूजर्स को जोड़ा है. वहीं जियो की ओर से इनकी संख्या नहीं बताई गई है. कंपनी का कहना है कि उसकी जियो फाइबर सर्विस के अधिकतर ग्राहक पोस्टपेड प्लान यूज कर रहे हैं. ट्राई के डेटा के मुताबिक अप्रैल और मई में जियो ने 5.9 लाख नए ब्रॉडबैंड यूजर्स जोड़े हैं और ऐसे ग्राहकों की कुल संख्या 90 लाख हो गई है.
वहीं ओवरऑल देखें तो एयरटेल के खाते में अप्रैल-जून के दौरान 31 लाख नए कस्टमर्स आए हैं. जबकि जियो फाइबर समेत रिलायंस जियो के कस्टमर्स की संख्या 92 लाख बढ़ी है.
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