- खतरे में वेस्ट यूपी के हजारों गांव, नदियों में फिर आईं बाढ़, चिंता में डाल रहे इन जिलों के हालात | सच्चाईयाँ न्यूज़

सोमवार, 14 अगस्त 2023

खतरे में वेस्ट यूपी के हजारों गांव, नदियों में फिर आईं बाढ़, चिंता में डाल रहे इन जिलों के हालात


पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश से पश्चिम यूपी की सभी नदियां उफान पर आ गईं हैं। वहीं, पश्चिमी यूपी के जिलों में नदियों से सटे गांवों पर फिर से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। वहीं, कुछ समय पहले ही मेरठ के हस्तिनापुर, बिजनौर, सहारनपुर, शामली और बागपत के गांवों में बाढ़ ने तबाही मचाई थी।

पश्चिमी यूपी के जिलों का हाल कैसा है-

बिजनौर जिले में ऐसे हालात

नदियों में बाढ़, गंगा ने पार किया खतरे का निशान

पहाड़ की बारिश से बिजनौर जिले की नदियों में बाढ़ आ चुकी हैं। गंगा की धारा ने खतरे के निशान को पार कर दिया है। जलस्तर में अभी और भी इजाफा होने की संभावना है। भयंकर उफान आने पर सायरन बजाते हुए बिजनौर बैराज को फ्री कर दिया गया है और सभी गेट खोल दिए गए हैं। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने जिलेभर के स्कूलों की छुट्टी कर दी है। नदियों के किनारे वाले गांवों में पुलिस-प्रशासन की टीम लगातार लोगों को सतर्क कर रही है।सोमवार सुबह से ही गंगा में जलस्तर बढ़ने लगा था, दोपहर बाद चार बजे तक बिजनौर बैराज पर जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 220.30 मीटर जा पहुंचा। बैराज पर खतरे का निशान 220 मीटर पर है। बता दें कि हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज से सुबह के वक्त तीन लाख 13 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसने दोपहर में 12 बजे तक बिजनौर बैराज पर गंगा में उफान ला दिया। जिसके बाद बैराज पर सायरन बजाते हुए सभी गेट खोल दिए गए। उधर, बैराज के आसपास वाले गांवों में एसडीएम सदर और पुलिस टीम ने पहुंचकर लोगों को सतर्क किया।

शेरकोट में घुसा खो नदी पानी, लोगों ने खाली किए मकान

बिजनौर में खो नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। नदी के तेज बहाव से हाईवे-74 किनारे स्थित मनोकामना मंदिर से लेकर राजपूताना तक के तटबंध को खतरा पैदा हो गया है। खादर क्षेत्र के कई गावों व शेरकोट के मोहल्ला फतेहनगर में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना शुरू कर दिया है।

सोमवार को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी खादर क्षेत्र के कई गांवों में एनाउंसमेंट करा लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। उनसे कहा गया कि नदी में पानी के और बढ़ने की संभावना है। इसलिए वह गांव को खाली कर सुरक्षित स्थान पर शरण ले लें। हालांकि सिंचाई विभाग के अधिकारी नदी के कटाव को ठीक करने के प्रयास में लगे हैं। सोमवार शाम चार बजे नदी में करीब 84 हजार क्यूसेक से अधिक पानी डिस्चार्ज हो रहा है।

खो नदी में अचानक बढ़े जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग के मुरादाबाद के अधिशासी अभियंता नरेश कुमार, एसडीएम मोहित कुमार ने टीम के साथ नदी के तटबंधों को निरीक्षण किया। कहा कि नदी के तेज पानी ने अभी तटबंधों को कोई खतरा नहीं है। नदी के बाढ़ का पानी सोमवार को नंदगांव, नयांगांव, नाथाडोई व शेरकोट के मोहल्ला फतेहनगर में फिर से घुस गया है।

उधर, डीएम के आदेश पर शेरकोट पुलिस ने खादर क्षेत्र के गांवों में लोगों को अलर्ट कर दिया है। लोगों को सुझाव दिया है कि नदी में और पानी के बढ़ने की संभावना है। इसलिए वह परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाकर शरण ले लें। जिसके बाद लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर जाना शुरू कर दिया है।

मालन के तेज बहाव में बहे चार खंभे

धामपुर में विद्युत सर्किल के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि 13 अगस्त की रात में विद्युत वितरण उप खंड तृतीय नजीबाबाद क्षेत्र में तेज बारिश होने के कारण मालन नदी में अत्यधिक पानी आने की वजह से 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र साहनपुर की 33 केवी लाइन के चार खंभे, लगभग 1100 मीटर तार नदी में बह गया है। जिसकी वजह से विद्युत आपूर्ति बाधित है।

फिर धंसा बड़िया-जट्टीवाला मालन नदी पुल का संपर्क मार्ग

मालन नदी के उफान से बड़िया में सिखों की कार सेवा से बने बड़िया-जट्टीवाला मालन नदी पुल की एप्रोच सड़क एक सप्ताह में दूसरी बार धंस गई। नदी के उफान से पुल को खतरा बना हुआ है। एसडीएम और सिंचाई खंड अफजलगढ़ की टीम ने बड़िया, बीरूवाला सहित नदी के बहाव की दिशा बदलने से उत्पन्न स्थिति का निरीक्षण किया।

बड़िया-जट्टीवाला पुल पर मालन नदी की बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पुल की एप्रोच दूसरी बार धंसने की सूचना पर एसडीएम रम्या आर, सीओ गजेंद्र पाल सिंह, तहसीलदार प्रभा सिंह, नायब तहसीलदार सार्थक चावला ने सिंचाई खंड अफजलगढ़ और लोनिवि की टीम के साथ क्षेत्र का दौरा किया। एसडीएम के निर्देश पर मालन नदी पुल की ध्वस्त संपर्क मार्ग भरने का अभियान शुरू किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने मालन नदी के बदलते रुख से पुल, कृषि भूमि और पुल के संपर्क मार्ग को बचाने के लिए नदी की दिशा सीधी करने के प्रयास शुरू किए। प्रशासनिक अधिकारियों ने बीरूवाला फार्म दिशा में पेयजल टंकी क्षेत्र में मालन नदी के कटान से हो रहे नुकसान का धर्मवीर सिंह और क्षेत्रवासियों की उपस्थिति में जायजा लिया।

उधर, विधायक हाजी तसलीम अहमद ने एक्सईएन, एसडीओ और अवर अभियंता से लखनऊ में रहते संपर्क किया। विधायक ने बीरूवाला, मथुरा मोर, चंडीगढ़, बड़िया क्षेत्र में कृषि भूमि, आबादी और पुल को पहुंच रहे खतरे से उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कटान क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से स्टड लगाने के लिए कहा।

कच्छियाना बस्ती में जलभराव से मची अफरातफरी

मालन नदी के उफान से नगर की आबादी से जुड़े कच्छियाना में रविवार रात जलभराव से हड़कंप मच गया। तीन से चार फीट पानी मकानों में भरने से भारी नुकसान पहुंचा। पहाड़ों पर होने वाली वर्षा से मालन नदी किसी भी समय उफान पर आ जाती है। एक माह के भीतर कई बार क्षेत्र के मकान जलमग्न हो चुके हैं और बड़े मात्रा में सब्जी की फसल बर्बाद हो चुकी है।

मेरठ जिले में ऐसे हालात

मेरठ के हस्तिनापुर में ऐसा हाल

हस्तिनापुर में गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज से मिली जानकारी के अनुसार, गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। इस सीजन का अभी तक का सबसे अधिक जलस्तर रिपोर्ट दर्ज किया गया है। सोमवार की सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर तीन लाख क्यूसेक पर पहुंच गया है। इसके बाद बिजनौर बैराज से भी गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि दर्ज की गई। हरिद्वार से छोड़ा गया पानी धीरे-धीरे बिजनौर बैराज की ओर पहुंच रहा है। बिजनौर बैराज से पानी निकल कर हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र में तबाही मचा रहा है, जबकि पिछले एक महीने से गंगा का तटबंध टूटा हुआ है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। सिंचाई विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गंगा का इस सीजन का यह सर्वाधिक जलस्तर है। गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि होने से खादर क्षेत्र के लोग पूरी तरह भयभीत हैं। पहले ही कई गांव के संपर्क मार्ग पूरी तरह बंद है। एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए खादर क्षेत्र के लोग नाव का सहारा ले रहे हैं।

सहारनपुर का हाल

पहाड़ों से मलबा आने पर पांच घंटे बंद रहे दिल्ली-देहरादून और यमुनोत्री हाईवे

सहारनपुर में रात भर हुई बारिश के चलते दिल्ली-देहरादून और यमुनोत्री हाईवे पर शिवालिक की पहाड़ियों से मलबा आने के बाद दोनों राजमार्ग पांच घंटे तक बंद रहे। इस दौरान वाहनों की लाइन लगी रही। संबंधित थाना पुलिस ने जेसीबी की मदद से मलबा हटवा कर रास्तों को खुलवाया। इसके बाद आवागमन सुचारू हो सका।

देहरादून हाईवे पर रविवार रात करीब एक बजे मोहंड से ऊपर कई जगह मलबा और पेड़ खिसक कर सड़क पर गिरने से यातायात बंद हो गया था। राहगीरों ने सड़क बंद होने की जानकारी बिहारीगढ़ थाने की मोहंड पुलिस चेक पोस्ट पर दी। सूचना मिलते ही पुलिस कर्मी जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंचे और कई घंट की मशक्कत के बाद जेसीबी मशीनों ने सड़क से मलबे और पेडों को हटवाया। इसके बाद सुबह करीब छह बजे अवागमन शुरू हो सका। इससे पहले सड़क पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइनें लगी रहीं।

मिर्जापुर क्षेत्र में भी शिवालिक पहाड़ियों के बीच बादशाही बाग से ऊपर मलबा यमुनोत्री हाईवे पर गिरने से सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। इसके चलते हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की लम्बी लाइन लग गई। सूचना मिलने पर मिर्जापुर थाने की बादशाहीबाग चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी की मदद से रास्ता खुलवाया। इस दौरान जाम में फंसे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी।

शामली में ऐसा हाल


यमुना के ऊपरी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा से जल संग्रह बढ़ने और हिमाचल के जनपद सोलन के कंडाघाट में बादल फटने के कारण हथिनी कुंड बैराज पर पानी का दबाव अत्यधिक बढ़ गया है। जिसके चलते मंगलवार (आज) यमुना का जलस्तर बढ़ने की संभावना बताई जा रही है।

पिछले काफी दिनों से यमुना नदी का जलस्तर शांत चल रहा था। सोमवार सुबह 8 बजे यमुना नदी का जलस्तर समुद्र तल से 228.85 मीटर की ऊंचाई पर बह रहा था। वहीं मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार यमुना के ऊपरी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के चलते पहाड़ों पर जल संग्रह बढ़ गया। इसके अलावा जनपद सोलन के कंडाघाट में बादल फटने से हथिनी कुंड बैराज पर पानी का दबाव अत्यधिक बढ़ गया। जिसके चलते सोमवार सुबह 8 बजे हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ाकर 74 हजार 748 क्यूसेक प्रति सेकंड हो गई।

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