- मर गई इंसानियत! पीटा, जानवर मल खिलाया और कुत्ते के पिंजरे में किया कैद, इंडोनेशिया में नौकरानी की आपबीती | सच्चाईयाँ न्यूज़

शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

मर गई इंसानियत! पीटा, जानवर मल खिलाया और कुत्ते के पिंजरे में किया कैद, इंडोनेशिया में नौकरानी की आपबीती

मर गई इंसानियत! पीटा, जानवर मल खिलाया और कुत्ते के पिंजरे में किया कैद, इंडोनेशिया में नौकरानी की आपबीती
इंडोनेशिया में एक नौकरानी के साथ बर्बरता की एक ऐसी वारदात सामने आई है, जिसे सुन आप भी कहेंगे कि इंसानियत सच में मर चुकी है. यहां एक अमीर शख्स ने अपनी नौकरानी के साथ इतना खौफनाक बर्ताव किया कि जिसे याद कर आज भी वह कांप जाती है. मालिक ने उसे पीटा, जानवरों का मल खाने के लिए मजबूर किया और कुत्ते के पिंजरे में कैद कर रखा. सिगरेट से उसके शरीर को जलाया, उसका पूरा शरीर जख्मी हो गया. उसके साथ बलात्कार भी किया गया. 24 वर्षीय सिती खोतिमाह अपने घर सेंट्रल जावा से 300 किलोमीटर दूर जकार्ता में मेड का काम करती थी. फेसबुक पर उसे मेड की जॉब मिली थी. पिछले साल अपने गांव से शहर आई और काम जॉइन कर लिया. कुछ दिनों तक तो ठीक रहा लेकिन फिर अमीर मालिक ने उसे टॉर्चर करना शुरू कर दिया. खोतिमाह बताती है कि आज भी वो मंजर याद कर उसका सिर दर्द करने लगता है. सोचती है कि आखिर उसके साथ ऐसा क्यों किया गया? टॉर्चर करने वाले परिवार को जेल, साथियों को भी हुई सजा दक्षिण जकार्ता में उसकी 70 वर्षीय अमीर मालिक को पिछले महीने शारीरिक शोषण के लिए चार साल की जेल हुई. वहीं महिला के पति, बेटी और छह अन्य नौकरानियों को साढ़े तीन साल की सजा हुई. खोतिमाह ने बताया कि नौकरी के दौरान उसके साथ बलात्कार भी किया गया था, लेकिन शुरुआत में वह इस बारे में बात नहीं कर पाई. उसने तब पुलिस को सूचित किया जिसने उसे यौन शोषण के लिए एक अलग मुकदमा दायर करने की सलाह दी. यह बहुत दुख भरा रहा, क्योंकि उन्हें चाहिए था कि वे मेरी बात सुनते. घरेलू कामगार विधेयक अब भी संसद में अटका घरेलू कामगार विधेयक लगभग दो दशकों से लटका हुआ है और सामाजिक कार्यकर्ता सरकार पर इसमें देरी करने का आरोप लगाते हैं. हालिया कानूनों में नौकरानियों को श्रमिकों की उपाधि नहीं दी गई है. हालांकि, उन्हें घर चलाने के लिए काम करना पड़ता है. टॉर्चर सहना पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कानून आगे बढ़ता भी है, तो यह मुख्य रूप से एजेंटों द्वारा विदेशों में काम करने के लिए भर्ती किए गए लोगों की मदद करेगा. विदेशों में भी इंडोनेशियाई नौकरानियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं आम हैं. सामाजिक कार्यकर्ता बिल को भेदभावपूर्ण बताते हैं. लगाया चोरी का आरोप फिर किया टॉर्चर जोखिमों और दुर्व्यवहार की भयावह कहानियों के बावजूद, खोतिमाह जैसे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं गरीबी की वजह से काम के लिए बड़े शहरों में जाने के लिए मजबूर हैं. खोतिमाह ने बताया कि हमारे गांव में हमारे पास पैसा बकाया था. कोई अन्य विकल्प नहीं था. उसने बताया कि अप्रैल 2022 में जॉइनिंग के कुछ हफ्ते बाद उसके साथ टॉर्चर शुरू हुआ. अन्य कर्मचारियों ने उसपर छोटी-मोटी चोरी का आरोप लगाया. मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. उसपर कई बार चोरी के आरोप लगाए गए और उसे टॉर्चर किया गया. दिसंबर तक उसके साथ ऐसा ही होता रहा. आखिरी में वह घर लौट आई. परिवार ने पुलिस को बुलाया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. चार महीने इलाज चला और अब खोतिमाह अपने घर पर है. अपने जख्मों को देख रो रही है. घटनाओं को याद कर कांप जाती है. उसने कहा कि वह और भी महिलाओं के लिए लड़ेंगी और कहा कि “यह सुनिश्चित करूंगी की आगे किसी के साथ ऐसा ना हो, जैसा मेरे साथ हुआ.”

एक टिप्पणी भेजें

Whatsapp Button works on Mobile Device only

Start typing and press Enter to search

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...