नई दिल्ली: ठीक तीन साल पहले 29 और 30 अगस्त 2020 को भारतीय सेना ने पैंगाग के दक्षिण इलाक़े पर महत्वपूर्ण चोटियों पर क़ब्जा कर चीन को बैकफुट पर डाल दिया था. चीन ने स्पांगुर गैप के इलाके में तैनात दर्जनों टैंकों को वापस लौटने को मजबूर कर दिया था.
चीन ने हाई एल्टीट्यूड एरिया में भारतीय सेना से लड़ने के मक़सद से अपने लाईट टैंक VT-5 @ Type -15 @ ZTQ -15 को तैनात कर दिया था और इस बात का दम दुनिया के सामने भर रहा था कि हाई एल्टीट्यूड एरिया के लिए उसके पास सबसे बेहतर हल्के टैंक मौजूद हैं. चीन अपने हथियारों की नुमाईश इस तरह से करता है, मानों उससे बेहतर हथियार दुनिया में किसी के पास नहीं है.
चीन ने उसी तरह VT-5 लाइट टैंक को लेकर भी दावे किए थे और बांग्लादेश सहित कई छोटे देश उसके जाल में फंस गए और लाइट टैंक VT-5 के चक्कर में बांग्लादेश अब चीनी टैंक निर्माता कंपनी NORINCO के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. दरअसल, साल 2019 में बांग्लादेश ने चीन से 44 VT-5 लाइट टैंक की खरीद की थी और पिछले साल ये ही टैंक बांग्लादेश को मिलने भी शुरू हो गए. अभी बांग्लादेश की सेना उन टैंक को ट्रेनिंग के लिए ही इस्तेमाल ही कर रही है कि उनके हालत पस्त होने शुरु हो गए हैं.
100 किमी के ड्राइविंग टेस्ट में फेल, नट- बोल्ट में लगी जंग
सूत्रों के मुताबिक़ जो दिक़्क़तें बांग्लादेश के सेना को आ रही है और जो जवाब चीनी कंपनी की तरफ़ से दी जा रही है वो भी बहुत दिलचस्प है. सूत्रों के मुताबिक़ ऑग्जेलरी पावर यूनिट और नट बोल्ट में जंग लगना शुरु हो गया है. टैंक में लगे बोल्ट को मेंटेनेंस के लिए खोल दो तो वो ठीक से लग ही नहीं रहे हैं. 100 किमी के ड्राइविंग टेस्ट से पहले ही ट्रेक पर लगे 11 फ़ीसदी से ज़्यादा रबर ब्लॉक में क्रैक आ गया तो 9 फ़ीसदी तो पूरी तरह से फट गए. जब ये शिकायत चीनी कंपनी को दी गई. उसकी जाँच के बाद चीनी कम्पनी ने जो वजह बताई वो चौंकाने वाली है.
चीनी टैंक में लीकेज समेत कई शिकायतें
चीनी कंपनी के मुताबिक़ टैंक को उबड़- खाबड़ और नुकीले पत्थरों वाली सतह पर चलाने की वजह से ये क्रैक आए है. अब सवाल तो ये उठता है कि क्या चीनी टैंक क्या समतल मैदान में ऑप्रेट करने के लिए बनाए गए हैं. यही नहीं कुछ टैंक के तो पूरा ट्रैक स्प्रॉकेट से निकल-निकलकर बाहर आ जा रही है. यही नहीं ऑग्जेलरी पावर यूनिट फ़्यूल टैंक में लीकेज, ड्राइव के दौरान कूलेंट लेवल में गिरावट और टैंक के अन्य पार्ट से फ़्यूल ऑयल ल्यूब्रिकेंट में भी लीकेज शिकायत आई है.
अगर हम चीन के लाइट टैंक की बात करें तो चीन ने अपने ZTQ -15 या कहें टाईप 15 टैंक को पूरे एलएसी पर तैनात कर रखा है. ये टैंक 33 टन वज़नी है और कम वजन के चलते से ये आसानी से हाई एल्टीट्यूड के इलाकों में ऊंचाई वाली जगह पर आसानी से चढ़ जाते हैं. ऐसा दावा इन टैंक को लेकर चीन की तरफ़ से किया जाता रहा है. चूँकि दुनिया में टैंक ही ऐसा हो जो कि किसी भी तरह के इलाके में ऑप्रेट कर सकते हैं लेकिन हाई ऑलटेट्यूड एरिया में इस्तेमाल के लिए बनाए गए टैंक समतल इलाक़े में भी ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं. इससे साफ़ हो रहा है कि चीन ने घटिया टैंक बांग्लादेश को बेच दिए.
झूठ बोलकर चीनी बेच रहा है अपने VT-5 टैंक
बांग्लादेश ने 2019 में चीन से 44 VT-5टैंक की ख़रीद का करार किया था. पिछले साल 2022 से टैंक की डिलिवरी शुरू हो गई थी. चीनी VT-5 टैंक का पहला ग्राहक बांग्लादेश है और 16 दिसंबर 2022 को बांग्लादेश के विक्ट्री डे परेड के दौरान ये टैंक पहली बार नज़र आए थे. चीन ने ये लाइट टैंक तिब्बत के शिंगजियान मिलेट्री कमांड और मरीन इस्तेमाल में ला रहे हैं. अगर इसके आर्मामेंट की बात करें तो 105 mm राइफ़ल्ड गन लगी है और एक बारी में ये टैंक 105 mm के 38 राउंड एमोन्यूशन को लेकर चल सकता है. टैंक का बैरल प्लेन होने के चलते इससे एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भी दाग सकता है. ये वहीं टैंक हैं जो कि चीन ने भारतीय सेना के खिलाफ पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लगती LAC पर तैनात की है.
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