मेरठ:- उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार महिलाओं व दलितों की सुरक्षा की चाहे कितने ही दावे करती हो जमीनी स्तर पर सब फ़ैल नजर आता है। आज भी थानों में हालात जैसे के तैसे है। आज भी महिलाओं व दलितों की सुनवाई नहीं होती और सरमाए दार पिछली सरकारो की तरह गरीबों का उत्पीड़न करने पर तुले हैं। ऐसा ही एक मामला थाना लालकुर्ती मेरठ का है।जहां पर पीड़िता द्वारा थाने एवं अधिकारियों के चक्कर काटने के बावजूद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। आखिर में न्यायलय के आदेश के बाद पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया मगर मुल्ज़िमो के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। पीड़िता श्रीमती रत्नो देवी w/o राममेहर निवासी- 45/1 आदर्श नगर थाना लालकुर्ती मेरठ ने हमारे संवाददाता को बताया कि उसके द्वारा एक मुकदमा अपराध संख्या 54/2003 थाना लालकुर्ती मेरठ में धारा 420,406,467,468,469,504,506,470,471 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशसंता 3(2) (va) निवारण ) अधिनियम 1989 ( संशोधन 2015) दर्ज कराया गया परंतु पुलिस द्वारा आज तक भी कोई कार्यवाही मुल्ज़िमो के खिलाफ नहीं की गई। इस मुकदमे में घटना इस प्रकार है कि प्रार्थिनी एक सीधी-सादी घरेलू महिला है एवं जाति से वाल्मीकि है।प्रार्थिनी को विरासत में अपने पिता श्री सक्टूराम पुत्र हस्ताक्षर हिंदी रत्नों मोहर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय विशेष न्यायालय मेरठ एस सी/एस टी एक्ट (मेरठ) उत्तर प्रदेश 2 नत्थू निवासी 45-1 आदर्श नगर मेरठ में एक पोर्शन जिसका रकबा 30 वर्ग गज का हुआ है।प्रार्थिनी के एक भाई और एक बहन है। जिसमें भाई बाली शराबी किस्म का एवं कम अक्ल व्यक्ति है। जिसे अच्छे बुरे की तमीज नहीं है।
2 यह की प्रार्थिनी के भाई बाली पुत्र सक्टूराम निवासी वाल्मीकि बस्ती, निवासी ऊंचा मोटल्ला कसेरु खेड़ा मेरठ कैंट व श्रीमती कृष्णा पति घसीटा और विनय (मृतक), राजू व राजेश पुत्रगण घसीटा निवासी जण गण मन-ए-4 देश नगर मेरठ इन सभी लोगों ने आपस में साठगाठ करके प्रार्थिनी के हिस्से के मकान के पोर्शन का बैनामा करा लिया।बैनामा करने वालों में उक्त बाली,कृष्णा,विनय (मृतक) राजू एवं राजेश हैं। बाली प्रार्थिनी का सगा भाई है व घसीटा (मृतक) विशंबर का पुत्र था।जिसने सब एरिया हेड क्वार्टर मेरठ कैंट में सफाई कर्मचारी की नौकरी की थी।बाद में दिमागी हालत खराब होने की वजह से कहीं चला गया था। लेकिन घसीटा की पत्नी कृष्णा और उसके पति विनय (मृतक )राजू व राजेश जिसका उक्क्त सम्पत्ति से कोई तालुक नहीं था।
3 यह की उक्क्त जायजाद का बैनामा डॉ विर्रोतम तोमर, मनीषा तोमर, अशोक गर्ग के हक में बैनामे रजिस्ट्रीक करा दिए जिनके विवरण निम्न प्रकार है 1 बैनामा अनिल गर्ग बही संख्या 1 जिल्द संख्या 2388 हस्ताक्षर रत्नों मोहर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय मेरठ एससी/एसटी एक्ट मेरठ उत्तर प्रदेश 3 पृष्ठ संख्या 319 से 346 दस्तावेज नो:-2804 दिनांकित 16.04.2001;2 बैनामा डॉ विर्रोतम तोमर व मनीषा तोमर बही संख्या 1 जिल्द संख्या 2939 पृष्ठ 271 से 278 दस्तावेज नंबर 12402 दिनांकित 17.12.2002;3 बैनामा डॉ विर्रोतम तोमर बही संख्या 1 जिल्द संख्या 2744 पृष्ठ 271 से 292 दस्तावेज नंबर 7322 दिनांकित 09.08.2002;4 बैनामा डॉ विर्रोतम तोमर व मनीषा तोमर बही संख्या 1 जिल्द संख्या 9531 पृष्ठ 193 से 214 दस्तावेज नो 7303 दिनांकित 05.07.2013 सभी मामलों में साजिशकर्ता व साथ करने में हरेंद्र जो की डॉ विर्रोतम तोमर का ससुर है, की भी अहम भूमिका है जिसने साथ करके यह सब फ्रॉड मिल जुलकर इस सब धोखाधड़ी को अंजाम दिया है और प्रार्थिनी के हिस्से को हड़प लिया है।
4 यह की प्रार्थिनी ने जब रजिस्ट्री ऑफिस में बैनामे की सत्य प्रतिलिपि ली तब इस धोखाधड़ी का पता चला की उसके हिस्से की जमीन उक्त लोगो ने साथ करके हड़प ली है और कब्जा कर लिया है और उसका निर्माण कार्य भी करा रहे हैं।प्रार्थिनी ने जब उक्क्त लोगो को दिनांक 24.10.2022 को समय 10 बजे रात इन लोगो से आदर्श नगर इनके निवास स्थान पर पति राम मेहर एवं उसका बेटा विकास पहुंचे।वहां उक्क्त लोगो ने प्रार्थिनी के साथ आए लोगों को बुरी बुरी गालियां दी तथा भंगी कहकर जातिसूचक गाली भी दी और कहा हमने तेरे मकान पर कब्जा कर लिया है और तुमसे जो बन पड़े वो कर लेना हमारी प्रशासन व पुलिस से ऊपर तक पहुंच है।हस्ताक्षर रत्नों मोहर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय विशेष न्यायालय मेरठ एस सी/एस टी एक्ट मेरठ उत्तर प्रदेश 4
5 यह की प्रार्थिनी ने इस घटना की सूचना थाना सिविल लाइन एवं लाल कुर्ती में जुबानी दी थी परंतु पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।जिस कारण उक्क्त लोगो बिना तकसीम व प्रार्थिनी का हक मारकर तथा फर्जी बैनामा कराकर प्रार्थिनी के हिस्से के मकान पर निर्माण कार्य कर रहे हैं।प्रार्थिनी जब भी रोकने की कोशिश करती है।उक्क्त लोग प्रार्थिनी एवं उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देते हैं।
6 यह की इस बाबत प्रार्थिनी ने थाना लालकुर्ती और उसके बाद एसएससी महोदय को मुकदमा क़ायम करने की प्रार्थना की थी। परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई। अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि थाना लालकुर्ती मेरठ की पुलिस को आदेशित किया जाये की उक्क्त घटना की रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करे।
इस घटना में जहां एक और पीड़िता दलित महिला है वहीं दूसरी ओर शहर का जाना माना डॉक्टर परिवार है इस कारण पीड़िता ने पुलिस पर यह आरोप लगाया की पुलिस मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी पुलिस कार्यवाही करने से कतरा रही है। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया की पुलिस व मुकजीमानो के गुर्गे पीड़िता पर मुकदमा वापस लेने का दवाब बना रहे हैं।योगी सरकार महिलाओं व दलितों की सुरक्षा के कितने ही वादे करे लेकिन जमीनी स्तर पर सब फेल नजर आता है। पिछली सरकारों की तरह ही थाना स्तर पर हालात जस के तस हैं।आज भी पीड़ितो को जिला स्तर पर इंसाफ मिलना संभव नहीं लगता। इसीलिए पीड़िता रत्नों देवी ने अपनी फरीयाद लखनऊ में बैठे उत्तर प्रदेश के मुख्या योगी आदित्यनाथ के दरबार में उपस्थित होकर इंसाफ मांगने का मन बनाया है।
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