- 53 साल का आपराधिक इतिहास, बिहार से लेकर छत्तीसगढ़ तक खौफ, गया से पकड़ा गया 50 से अधिक केस में वांटेड नक्सली प्रमोद मिश्रा | सच्चाईयाँ न्यूज़

गुरुवार, 10 अगस्त 2023

53 साल का आपराधिक इतिहास, बिहार से लेकर छत्तीसगढ़ तक खौफ, गया से पकड़ा गया 50 से अधिक केस में वांटेड नक्सली प्रमोद मिश्रा

53 साल का आपराधिक इतिहास, बिहार से लेकर छत्तीसगढ़ तक खौफ, गया से पकड़ा गया 50 से अधिक केस में वांटेड नक्सली प्रमोद मिश्रा

 गया से एक खूंखार नक्सली प्रमोद मिश्रा उर्फ वनबिहारी को उसके एक अन्य साथी के साथ गया पुलिस और अन्य एजेंसियों के द्वारा गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. गिरफ्तार कुख्यात नक्सलियों का चीफ प्रमोद मिश्रा उर्फ वनबिहारी बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में सक्रिय था.

नक्सली प्रमोद मिश्रा सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और ईस्टर्न रीजनल के ब्यूरो चीफ के पद पर काम कर रहा था. वो नक्सलियों को पुनर्जीवित करने को लेकर गया पहुंचा था और टेकारी अनुमंडल के कई जगहों पर नक्सली गतिविधि बढ़ाने के लेकर बैठक आयोजित कर रहा था.

इसको लेकर सुरक्षा बलों और गया पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि प्रमोद मिश्रा टेकारी अनुमंडल में अपने एक रिश्तेदार के यहां आया हुआ है. इसके बाद सुरक्षा बल और पुलिस ने पकड़ने के लिए जाल बिछाया और नक्सली प्रमोद मिश्रा को एक अन्य सहयोगी अनिल यादव के साथ गिरफ्तार किया है. प्रमोद मिश्रा पर गया और औरंगाबाद में विभिन्न थाना क्षेत्र में 45 नक्सली कांड दर्ज हैं, जिसमें वर्ष 2021 में चर्चित एक ही परिवार के चार सदस्यों को पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर गले में फांसी लगाकर हत्या करने का भी केस शामिल है.

प्रमोद मिश्रा के निर्देश पर ही यह घटना को अंजाम दिया गया था. वो अन्य कई नक्सली मुठभेड़ में शामिल रहा है. एसएसपी आशीष भारती ने अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि प्रमोद मिश्रा 1970 से ही नक्सली में सक्रिय हुआ था और कई जगह पर इसने अपना नक्सलियों के बड़े शीर्ष नेता पर योगदान दिया था. इसके निर्देश पर ही घटना को अंजाम दिया जाता था. एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि प्रमोद मिश्रा को लेकर बिहार के पड़ोसी राज्यों से भी संपर्क किया गया है. इस पर और भी कांड दर्ज हो सकते हैं

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गया से गिरफ्तार कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा

फिलहाल पुलिस की अनुसंधान चल रही है. एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि गया जिला सहित कई राज्यों में नक्सली गतिविधि काफी कम हो गई थीं. अधिकतर नक्सलियों ने सरेंडर किया या फिर वह दूसरे कामों में लग गए हैं. इसी नक्सली गतिविधि को फिर से पुनर्जीवित करने को लेकर नक्सली का चीफ प्रमोद मिश्रा गया पहुंचा था और इसे पुनर्जीवित करने के लिए कई बैठकें भी की थी.

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