दिल्ली के डाबरी इलाके की रहने वाली एक महिला पिछले महीने 27 जुलाई को रात के साढ़े आठ बजे घर के बाहर खाने के बाद टहलने निकली थी. लेकिन इस महिला को यह पता नहीं था कि आज जो इसके साथ होने वाला है, उसकी गूंज दूर तक जाएगी.42 साल की यह महिला टहल ही रही थी कि तभी एक 23 वर्षीय युवक उसके सामने खड़ा हो गया. महिला कुछ समझ पाती, उससे पहले यह लड़का एक तमंचा निकालता है और उसके सिर पर सटाकर गोली मार देता है.
गोली लगने के बाद महिला तुरंत गिर जाती है और घर के करीब होने के पास परिवार के लोग भी बाहर आकर देखते हैं. गोली मारने वाला शख्स तमंचा लहराते हुए वहां से भाग खड़ा होता है. घरवाले महिला को उठाकर अस्पताल ले जाते हैं, लेकिन उनके दिमाग में सिर्फ एक ही बात चल रही थी कि 23 साल के लड़के से साथ इस महिला की क्या दुश्मनी हो सकती थी जिसकी वजह से उसे गोली मार दी गई. पड़ोसी पुलिस को फोन करके घटना के बारे में बताते हैं तो पुलिस भी अस्पताल पहुंची है, जिसके बाद पता चलता है कि महिला अस्पताल लाने से पहले ही मर चुकी थी.
पुलिस ने अब महिला के शव को लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. अचानक हुई इस घटना से परिवार के लोग भी स्तंभ थे और उनका रो-रोकर बुरा हाल था. महिला 3 बच्चों की मां थी और कोई भी समझ नहीं पा रहा था कि आखिरकार किस वजह से ऐसा हुआ. पुलिस मामले की जांच में जुट जाती है. सबसे पहले महिला और उसके परिवार के बारे में जानकारी जुटाई जाती है. किसी भी वारदात को सुलझाने के लिए यह जरूरी होता है कि पीड़ित के बारे में पूरी जानकारी हो.
अमीर बिल्डर की पत्नी थी पीड़िता
पुलिस जब मामले की जांच करती है तो उसको पता चलता है कि जिस महिला का मर्डर हुआ, वह डाबरी इलाके में रहने वाले डीपी गोयल नाम के एक बिल्डर की पत्नी है और उसका नाम रेनू गोयल है. परिवार हंसी-खुशी रह रहा था और कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड भी नहीं है. सब ठीक -ठाक चल रहा था, लेकिन फिर महिला का मर्डर क्यों हुआ इस पर आकर सवाल रूक जाता है.
पुलिस अब मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर देती है तो उसे पता चलता है कि महिला को गोली मारने वाले लड़के का नाम आशीष है. यह डाबरी में ही महिला के घर के कुछ ही दूरी पर रहता है और इसके पिता लेबर सप्लाई का काम करते हैं, जो कि बडौत के रहने वाले हैं और लड़का किराए के मकान में रहता है. पुलिस यहां पर पहुंचती है तो उसको देखकर वह भी हैरान रह जाती है. यहां पर कोई फंक्शन चल रहा होता है. हालांकि पुलिस घर में एंट्री करती है तो उसे पता चलता है कि यह फंक्शन मकान मालिक का था और आरोपी लड़का ऊपरी मंजिल में किराए पर रहता है.
मरा हुआ मिला आरोपी आशीष
लड़के को पकड़ने के लिए पुलिस ऊपरी मंजिल पर जाती है तो देखती है कि दरवाजा बंद था. पुलिस दरवाजा तोड़कर घर में छानबीन करती है तो उसे कुछ मिलता नहीं है, लेकिन जैसे ही वह छज्जे के पास जाती है तो उसे एक शख्स पड़ा हुआ दिखता है, उसके सिर से खून निकल रहा होता है और पास ही एक तमंचा भी था. इससे यह साफ प्रतीत हो रहा था कि यह वही शख्स है, जिसने महिला को मारा है और अब उसने अपनी जान ले ली है. घर में फंक्शन चलने की वजह से गोली की आवाज किसी को नहीं सुनाई दी. पुलिस आरोपी तक पहुंचने के बाद भी खाली हाथ थी, क्योंकि आशीष भी मर चुका था और हत्या की वजह उसके साथ ही दफन हो गई थी.
पुलिस अब महिला और आशीष दोनों के मोबाइल को कब्जे में ले लेती है. इसके साथ ही आसपास के लोगों और आशीष के दोस्तों से पूछताछ की जाती है कि दोनों के बीच क्या संबंध थे तो पता चलता है कि दोनों की मुलाकात 3 साल पहले हुई थी. रेनू डाबरी इलाके की एक जिम में जाया करती थी और यहां पर ही उसकी आशीष से मुलाकात होती है. लेकिन रेनू दो साल पहले जिम को छोड़ चुकी थी, लेकिन दोनों की इसके बाद भी मुलाकात होती रही.
अब यह पता चल गया कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे. हालांकि कितनी मुलाकात हुई, इसके बारे में अभी सच्चाई का सामने आना बाकी है. हालांकि अभी इस मामले की जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश में पुलिस जुटी हुई है कि आखिर आशीष ने इस तरह का कदम क्यों उठाया.
दिल्ली के डाबरी इलाके की रहने वाली एक महिला पिछले महीने 27 जुलाई को रात के साढ़े आठ बजे घर के बाहर खाने के बाद टहलने निकली थी. लेकिन इस महिला को यह पता नहीं था कि आज जो इसके साथ होने वाला है, उसकी गूंज दूर तक जाएगी.42 साल की यह महिला टहल ही रही थी कि तभी एक 23 वर्षीय युवक उसके सामने खड़ा हो गया. महिला कुछ समझ पाती, उससे पहले यह लड़का एक तमंचा निकालता है और उसके सिर पर सटाकर गोली मार देता है.
गोली लगने के बाद महिला तुरंत गिर जाती है और घर के करीब होने के पास परिवार के लोग भी बाहर आकर देखते हैं. गोली मारने वाला शख्स तमंचा लहराते हुए वहां से भाग खड़ा होता है. घरवाले महिला को उठाकर अस्पताल ले जाते हैं, लेकिन उनके दिमाग में सिर्फ एक ही बात चल रही थी कि 23 साल के लड़के से साथ इस महिला की क्या दुश्मनी हो सकती थी जिसकी वजह से उसे गोली मार दी गई. पड़ोसी पुलिस को फोन करके घटना के बारे में बताते हैं तो पुलिस भी अस्पताल पहुंची है, जिसके बाद पता चलता है कि महिला अस्पताल लाने से पहले ही मर चुकी थी.
पुलिस ने अब महिला के शव को लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. अचानक हुई इस घटना से परिवार के लोग भी स्तंभ थे और उनका रो-रोकर बुरा हाल था. महिला 3 बच्चों की मां थी और कोई भी समझ नहीं पा रहा था कि आखिरकार किस वजह से ऐसा हुआ. पुलिस मामले की जांच में जुट जाती है. सबसे पहले महिला और उसके परिवार के बारे में जानकारी जुटाई जाती है. किसी भी वारदात को सुलझाने के लिए यह जरूरी होता है कि पीड़ित के बारे में पूरी जानकारी हो.
अमीर बिल्डर की पत्नी थी पीड़िता
पुलिस जब मामले की जांच करती है तो उसको पता चलता है कि जिस महिला का मर्डर हुआ, वह डाबरी इलाके में रहने वाले डीपी गोयल नाम के एक बिल्डर की पत्नी है और उसका नाम रेनू गोयल है. परिवार हंसी-खुशी रह रहा था और कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड भी नहीं है. सब ठीक -ठाक चल रहा था, लेकिन फिर महिला का मर्डर क्यों हुआ इस पर आकर सवाल रूक जाता है.
पुलिस अब मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर देती है तो उसे पता चलता है कि महिला को गोली मारने वाले लड़के का नाम आशीष है. यह डाबरी में ही महिला के घर के कुछ ही दूरी पर रहता है और इसके पिता लेबर सप्लाई का काम करते हैं, जो कि बडौत के रहने वाले हैं और लड़का किराए के मकान में रहता है. पुलिस यहां पर पहुंचती है तो उसको देखकर वह भी हैरान रह जाती है. यहां पर कोई फंक्शन चल रहा होता है. हालांकि पुलिस घर में एंट्री करती है तो उसे पता चलता है कि यह फंक्शन मकान मालिक का था और आरोपी लड़का ऊपरी मंजिल में किराए पर रहता है.
मरा हुआ मिला आरोपी आशीष
लड़के को पकड़ने के लिए पुलिस ऊपरी मंजिल पर जाती है तो देखती है कि दरवाजा बंद था. पुलिस दरवाजा तोड़कर घर में छानबीन करती है तो उसे कुछ मिलता नहीं है, लेकिन जैसे ही वह छज्जे के पास जाती है तो उसे एक शख्स पड़ा हुआ दिखता है, उसके सिर से खून निकल रहा होता है और पास ही एक तमंचा भी था. इससे यह साफ प्रतीत हो रहा था कि यह वही शख्स है, जिसने महिला को मारा है और अब उसने अपनी जान ले ली है. घर में फंक्शन चलने की वजह से गोली की आवाज किसी को नहीं सुनाई दी. पुलिस आरोपी तक पहुंचने के बाद भी खाली हाथ थी, क्योंकि आशीष भी मर चुका था और हत्या की वजह उसके साथ ही दफन हो गई थी.
पुलिस अब महिला और आशीष दोनों के मोबाइल को कब्जे में ले लेती है. इसके साथ ही आसपास के लोगों और आशीष के दोस्तों से पूछताछ की जाती है कि दोनों के बीच क्या संबंध थे तो पता चलता है कि दोनों की मुलाकात 3 साल पहले हुई थी. रेनू डाबरी इलाके की एक जिम में जाया करती थी और यहां पर ही उसकी आशीष से मुलाकात होती है. लेकिन रेनू दो साल पहले जिम को छोड़ चुकी थी, लेकिन दोनों की इसके बाद भी मुलाकात होती रही.
अब यह पता चल गया कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे. हालांकि कितनी मुलाकात हुई, इसके बारे में अभी सच्चाई का सामने आना बाकी है. हालांकि अभी इस मामले की जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश में पुलिस जुटी हुई है कि आखिर आशीष ने इस तरह का कदम क्यों उठाया.
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