नोएडा पुलिस पर एक के बाद एक कई दाग लगते नजर आ रहे हैं। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने नोएडा के सेक्टर-113 थाने में ढाई लाख रुपए के लेन-देन का वीडियो सामने आने और संबंधित एसएचओ पर 2 लाख रुपये घूस लेने के आरोप लगने के बाद उसे लाइन हाजिर कर दिया है।
सामने आए वीडियो के मुताबिक नोएडा के सेक्टर-113 थाने से 2.5 लाख की लेन-देन हो रही है। इसमें थाना प्रभारी के कमरे में एक पक्ष दूसरे पक्ष को नोटों की गड्डी थमा रहा है। दरोगा कुर्सी पर बैठे हैं। वह खुद वीडियो बना रहे हैं। यही नहीं उन्होंने 2 लाख रुपए रिश्वत भी ली। मामला चार महीने पुराना है।
लेकिन, वीडियो सोमवार को वायरल हुआ। इसके बाद कमिश्नर ने सोमवार देर रात थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया।
दरअसल, पड़ोस में बन रही 5 मंजिला अवैध बिल्डिंग के चलते अपने मकान में दरार आने की वजह से एक 65 वर्षीय बुजुर्ग की सदमे से मौत हो गई थी। ऐसा आरोप उनके परिजनों ने लगाया था।
सेक्टर-113 के रहने वाले सतीश यादव गांव में पांच मंजिला मकान बनवा रहे थे। इसे लेकर पड़ोस में रहने वाले संजय ने सतीश के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
संजय का आरोप था कि सतीश की बन रही बिल्डिंग से उनके मकान में दरारें आ गई हैं।
इसके बाद थाना प्रभारी ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाया। थाना प्रभारी ने सतीश से संजय को नुकसान की भरपाई की बदले में ढाई लाख रुपए दिलवाए।
सबूत के तौर पर उन्होंने वीडियो भी बनाया और खुद भी 2 लाख रुपए लेकर मामला रफा-दफा कर दिया।
हालांकि, इसके कुछ दिन बाद संजय के पिता राजाराम की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि मकान में दरार आने की वजह से पिता सदमे में चले गए थे। इससे उनकी मौत हो गई। परिजनों ने शव को पृथला ब्रिज पर रखकर जाम लगा दिया था।
सूचना पर आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए हंगामा शांत करवाया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी सतीश को गिरफ्तार कर लिया था। सतीश की गिरफ्तारी के दिन ही परिजनों ने थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी से शिकायत की थी।
पुलिस ने थाना प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सतीश को पुलिस ने छोड़ दिया था। मामले को लेकर सतीश यादव ने बताया कि थाना अध्यक्ष ने जेल भेजने का डर दिखाकर समझौता कराने का प्रयास किया।
समझौते को लेकर पांच लाख रुपए की मांग की। लेकिन, आखिर में 4.50 लाख में दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया। 2.50 लाख संजय को अपनी मौजूदगी में थाना प्रभारी ने दिलाए और खुद दो लाख रुपए लिए थे।
नोएडा पुलिस पर एक के बाद एक कई दाग लगते नजर आ रहे हैं। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने नोएडा के सेक्टर-113 थाने में ढाई लाख रुपए के लेन-देन का वीडियो सामने आने और संबंधित एसएचओ पर 2 लाख रुपये घूस लेने के आरोप लगने के बाद उसे लाइन हाजिर कर दिया है।
सामने आए वीडियो के मुताबिक नोएडा के सेक्टर-113 थाने से 2.5 लाख की लेन-देन हो रही है। इसमें थाना प्रभारी के कमरे में एक पक्ष दूसरे पक्ष को नोटों की गड्डी थमा रहा है। दरोगा कुर्सी पर बैठे हैं। वह खुद वीडियो बना रहे हैं। यही नहीं उन्होंने 2 लाख रुपए रिश्वत भी ली। मामला चार महीने पुराना है।
लेकिन, वीडियो सोमवार को वायरल हुआ। इसके बाद कमिश्नर ने सोमवार देर रात थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया।
दरअसल, पड़ोस में बन रही 5 मंजिला अवैध बिल्डिंग के चलते अपने मकान में दरार आने की वजह से एक 65 वर्षीय बुजुर्ग की सदमे से मौत हो गई थी। ऐसा आरोप उनके परिजनों ने लगाया था।
सेक्टर-113 के रहने वाले सतीश यादव गांव में पांच मंजिला मकान बनवा रहे थे। इसे लेकर पड़ोस में रहने वाले संजय ने सतीश के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
संजय का आरोप था कि सतीश की बन रही बिल्डिंग से उनके मकान में दरारें आ गई हैं।
इसके बाद थाना प्रभारी ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाया। थाना प्रभारी ने सतीश से संजय को नुकसान की भरपाई की बदले में ढाई लाख रुपए दिलवाए।
सबूत के तौर पर उन्होंने वीडियो भी बनाया और खुद भी 2 लाख रुपए लेकर मामला रफा-दफा कर दिया।
हालांकि, इसके कुछ दिन बाद संजय के पिता राजाराम की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि मकान में दरार आने की वजह से पिता सदमे में चले गए थे। इससे उनकी मौत हो गई। परिजनों ने शव को पृथला ब्रिज पर रखकर जाम लगा दिया था।
सूचना पर आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए हंगामा शांत करवाया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी सतीश को गिरफ्तार कर लिया था। सतीश की गिरफ्तारी के दिन ही परिजनों ने थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी से शिकायत की थी।
पुलिस ने थाना प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सतीश को पुलिस ने छोड़ दिया था। मामले को लेकर सतीश यादव ने बताया कि थाना अध्यक्ष ने जेल भेजने का डर दिखाकर समझौता कराने का प्रयास किया।
समझौते को लेकर पांच लाख रुपए की मांग की। लेकिन, आखिर में 4.50 लाख में दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया। 2.50 लाख संजय को अपनी मौजूदगी में थाना प्रभारी ने दिलाए और खुद दो लाख रुपए लिए थे।
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