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मंगलवार, 1 अगस्त 2023

लोकल मुद्दों पर फोकस करें, क्षेत्र में समय बिताएं; 2024 के लिए सांसदों को मोदी के 5 मंत्र और उनके मायने

लोकल मुद्दों पर फोकस करें, क्षेत्र में समय बिताएं; 2024 के लिए सांसदों को मोदी के 5 मंत्र और उनके मायने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दो अलग-अलग बैठकों में NDA के 83 सांसदों के साथ मुलाकात की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को जो मंत्र दिए, उनसे न सिर्फ सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में लाभ मिलने की संभावनाएं विकसित होंगी, बल्कि इससे NDA के दलों के बीच भी जुड़ाव और मजबूत हो सकेगा.

पीएम मोदी ने सांसदों को ज्यादा से ज्यादा समय अपने क्षेत्रों में बिताने का सुझाव दिया तो साथ ही साथ नीतीश कुमार और पंजाब के अकाली दल का जिक्र कर BJP की नजरों में सहयोगी दलों का महत्व भी बताया.

पीएम मोदी ने सांसदों को स्थानीय मुद्दों को ज्यादा तवज्जो देने के साथ विपक्षी गुट पर हमला जारी रखने की सलाह दी.आगामी लोकसभा चुनावों में पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतने के लिए सांसदों को मोदी ने ये पांच सुझाव दिए हैं. इन्हें विस्तार से समझते हैं और इसके जरिए साधे गए मायनों को टटोलते हैं-

क्षेत्र में जाएं और लोगों के बीच रहें

NDA के सभी सांसदों को प्रधानमंत्री मोदी की सबसे पहली सलाह थी कि वो ज्यादा से ज्यादा समय अपने क्षेत्र में रहें. उन्होंने कहा कि शादियों का सीजन आने वाला है, ऐसे में ज्यादा से ज्यादा वो अपने क्षेत्र में अपने लोगों के बीच समय बिताएं और ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलें. इस दौरान वो लोगों से उनकी समस्याएं, सुझाव और परेशानियों को समझें और उन्हें सुलझाने का प्रयास करें.

प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की चर्चा करने की जगह स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा फोकस करें. इससे सांसदों का उनके क्षेत्र की जनता से कनेक्ट बढ़ेगा और इसका लाभ उन्हें चुनावों में मिल सकेगा.

इस सुझाव में बीजेपी की कर्नाटक चुनाव से ली गई सीख दिखाई दे रही है. कर्नाटक चुनाव के दौरान पार्टी विपक्ष के दिए मुद्दों पर उलझ गई और क्षेत्रीय मुद्दों से दूर होती चली गई. इसके खामियाजे में बीजेपी को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. ऐसे में अब पीएम मोदी ने सांसदों को सलाह दी है कि वो क्षेत्रीय मुद्दों और लोगों के बीच जाएं और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से दूर रहें.

केंद्र की नीतियां लोगों को बताएं

पीएम मोदी ने सांसदों से कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से लोगों की जिंदगियां बदली हैं. कई लोगों तक इन योजनाओं का पहुंचना अभी बाकी है, क्योंकि उन्हें इनकी जानकारियां नहीं हैं. ऐसे में उन्हें इन योजनाओं के बारे में बताएं समझाएं. उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री आवास समेत कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनके जरिए लोगों को सीधा लाभ पहुंचा है और इसके लाभार्थी बीजेपी का नया वोटर ग्रुप बनकर उभरे हैं.

ऐसे में पीएम की इस सलाह से एक तरफ सांसद अपने क्षेत्र की जनता को इन योजनाओं का लाभ दिलवा सकेंगे, साथ ही साथ उनका समर्थन भी हासिल कर सकेंगे. मार्केटिंग में प्रचार का एक टूल ‘वर्ड ऑफ माउथ’ भी होता है, यानी मार्केटिंग की भाषा में ग्राहक को अगर किसी सामान या कंपनी से कुछ फायदा मिलता है और इस फायदे का जिक्र वो अपने आस-पास के लोगों से करता है तो कंपनी का मुफ्त में प्रचार हो जाता है.

अपने किसी जानने वाले से किसी प्रोडक्ट के बारे में सुनने से लोगों के बीच इस तरह के प्रचार का असर भी काफी ज्यादा होता है. यानी प्रधानमंत्री मोदी की इस सलाह पर सांसदों ने अमल किया तो उन्हें लाभार्थियों के रूप में ऐसे प्रचारक मिल जाएंगे, जिनके पास केंद्र की विकासकारी योजनाओं के सीधे प्रमाण भी होंगे. ये प्रचार सांसदों को अच्छा फायदा पहुंचा सकता है.

नीतीश कुमार और बिहार का जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों के साथ हुई बैठक में NDA के गठन के दौरान की इसकी मूल भावना का जिक्र भी किया. उन्होंने बताया कि NDA त्याग का गठबंधन है न कि स्वार्थ का. अपने इस कथन के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि NDA में स्वार्थी नहीं बना जाता, इसलिए ही विधायकों की संख्या कम होने के बावजूद बिहार में NDA ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया. पीएम मोदी ने पंजाब के अकाली दल को लेकर भी ऐसा ही कहा.

पीएम के इस कथन के मायने टटोले जाएं तो समझ आता है कि वो इसके जरिए सांसदों को कहना चाह रहे हैं कि NDA में शामिल दलों की महत्वता BJP की नजरों में कहीं ज्यादा है. इसमें ये मायने नहीं रखता कि दल छोटा है या बड़ा. यानी BJP आगे भी स्वार्थ की जगह NDA की त्याग की भावना पर काम करेगी. ये आश्वासन छोटे दलों के लिए काफी बड़ा है. बता दें कि NDA 38 दलों का संगठन है, जिसमें ज्यादातर दल छोटे और क्षेत्रीय हैं.

UPA पर हमला, नाम बदला काम नहीं

केंद्र की योजनाएं समझाने-बताने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के भ्रष्टाचार के कारनामों की भी याद जनता को दिलाने की सलाह सांसदों को दी. पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों ने UPA का नाम बदल कर INDIA कर लिया है. इससे उनके पुराने कार्यकाल के पाप नहीं छुपेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि खाल बदल लेने से पाप नहीं कम हो जाते हैं, ये संदेश अपने-अपने इलाकों में जनता को दें. इस मंत्र के जरिए प्रधानमंत्री विपक्ष के उस पैंतरे को डील करना चाहते हैं, जो उन्होंने INDIA नाम से चला है.

सोशल मीडिया पर रहें एक्टिव

भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया की मौजूदा दौर में महत्वता को बखूबी समझते हैं. ऐसे में पीएम मोदी ने सांसदों को सलाह दी कि वो सोशल मीडिया पर एक्टिव रहें और केंद्र सरकार की नीतियों को वहां पर शेयर करते रहें. प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए छोटी-छोटी घटनाएं बड़ा बदलाव कर सकती हैं और माहौल बदल सकती हैं.

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान एक बुजुर्ग महिला का वीडियो वायरल हुआ था, जिसने सूबे में गेम चेंजर की भूमिका निभाई. पीएम ने बताया कि उस वीडियो में एक बुजुर्ग महिला ने कहा था कि मेरे बेटे मेरा ध्यान नहीं रखते, लेकिन दिल्ली में मेर एक बेटा बैठा है जो मेरा ध्यान रखता है. उस महिला का इशारा प्रधानमंत्री मोदी की तरफ था.

NDA के 430 सांसदों से मिलेंगे मोदी

इन मंत्रों के जरिए प्रधानमंत्री मोदी का मकसद है कि सांसदों का जनता के बीच कनेक्ट मजबूत किया जाए. ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और भी ज्यादा सीटें जीत कर लाए. पीएम मोदी 11 बैठकों के जरिए NDA के 430 सांसदों से मिलने वाले हैं. पहली और दूसरी बैठक सोमवार को हुई, जिनमें यूपी के पश्चिम, बृज, कानपुर और बुंदेलखंड के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के सांसद शामिल हुए थे.

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