हरियाणा पुलिस नूंह जिले में भड़की सांप्रदायिक झड़पों को लेकर संभावित पाकिस्तान कनेक्शन की जांच कर रही है। नूंह में भड़की हिंसा बाद में गुरुग्राम सहित अन्य इलाकों में फैल गई थी। पुलिस ने कहा कि वे इस संदर्भ में चल रही जांच को लेकर डिटेल में अभी टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन पाकिस्तान के साथ संभावित संबंधों की पुष्टि की है।
हरियाणा पुलिस एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) ममता सिंह ने बताया कि नूंह और मेवात क्षेत्र में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।
पाकिस्तान स्थित हैंडलों द्वारा यूट्यूब पर हिंसा के वीडियो शेयर किए गए। इस बारे में पूछे जाने पर ममता सिंह ने एनडीटीवी से कहा, "विशेष जांच दल इस पहलू पर गौर कर रहा है और जांच अभी भी जारी है। हम इस मामले पर फिलहाल अधिक टिप्पणी नहीं कर सकते।" अब तक 106 प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई हैं और 216 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 24 एफआईआर सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ हैं और चार लोगों को उस कंटेंट के लिए गिरफ्तार किया गया है जिसके कारण संभवतः हिंसा हुई।
दर्जनों अवैध घरों को ध्वस्त
राज्य के अधिकारियों ने आज हिंसा प्रभावित नूंह जिले में विध्वंस अभियान के तीसरे दिन दर्जनों अवैध घरों को ध्वस्त कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि उनमें से कुछ का स्वामित्व उन लोगों के पास था जो कथित तौर पर हाल की झड़पों में शामिल थे। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने एक हिंदू जुलूस के एक मंदिर से दूसरे मंदिर की ओर जाते समय हुई हिंसा पर कथित खुफिया विफलता के विपक्ष के दावों को खारिज कर दिया।
पुलिस अधिकारी ने बताया, "सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले लोगों के घरों को ध्वस्त किया जा रहा है। संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि उनमें से कुछ लोग हिंसा में शामिल थे।" नूंह मेडिकल कॉलेज के पास कम से कम 70 प्रतिशत दुकानें हिंदुओं की हैं। दुकानदारों ने कहा, वे कई वर्षों से यहां हैं।
हिंसा प्रभावित नूंह में और ढांचे तोड़े गए, पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
हरियाणा के अधिकारियों ने हिंसा प्रभावित नूंह जिले में विध्वंस अभियान के तहत तीसरे दिन शनिवार को दर्जनों अवैध ढांचे ढहा दिए। अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कुछ ढांचे कथित रूप से हाल की हिंसा में शामिल लोगों के भी थे। राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सांप्रदायिक झड़पों के संबंध में अब तक कुल 216 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 80 को एहतियातन हिरासत में लिया गया है तथा 104 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। हिंसा तब भड़की थी जब 31 जुलाई को नूंह जिले में एक धार्मिक जुलूस पर भीड़ ने हमला कर दिया था। विपक्ष हिंसा को लेकर खुफिया तंत्र के कथित रूप से विफल रहने की जांच की मांग कर रहा है जबकि विज ने कहा है कि नूंह जिले में धार्मिक शोभायात्रा के मद्देनजर तनाव पैदा होने की आशंका के बारे में उनके पास कोई खुफिया जानकारी नहीं थी।
वर्ष 1992 के बाद से इस तरह की सांप्रदायिक हिंसा कभी नहीं देखी: नूंह के निवासियों का दावा
नूंह (हरियाणा), पांच अगस्त (भाषा) हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा का नुकसान उठाने वाले हिंदू और मुसलमानों का दावा है कि इस क्षेत्र में 1992 के बाद से इतने बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक झड़पें नहीं देखी गईं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पार्टी हिंसा भड़काने के लिए या तो हिंदू अधिकार समूह या स्थानीय मुस्लिम नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रही है। इस हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी और कई दुकानों को आग लगा दी गई थी।
जलाभिषेक यात्रा का आयोजन करने वाली विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का दावा है कि हंगामा कुछ ‘‘राष्ट्र-विरोधी लोगों’’ ने किया था और उन्होंने यात्रा में बाधा पहुंचाई थी। विहिप के एक वरिष्ठ सदस्य ने आरोप लगाया कि स्थानीय मुस्लिम नेताओं ने लोगों को अशांति पैदा करने के लिए उकसाया। दूसरी ओर, एक स्थानीय निवासी श्रीकिशन ने हिंसा भड़काने के लिए प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए शुरुआत में बहुत कम पुलिसकर्मी थे।
हरियाणा पुलिस नूंह जिले में भड़की सांप्रदायिक झड़पों को लेकर संभावित पाकिस्तान कनेक्शन की जांच कर रही है। नूंह में भड़की हिंसा बाद में गुरुग्राम सहित अन्य इलाकों में फैल गई थी। पुलिस ने कहा कि वे इस संदर्भ में चल रही जांच को लेकर डिटेल में अभी टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन पाकिस्तान के साथ संभावित संबंधों की पुष्टि की है।
पाकिस्तान स्थित हैंडलों द्वारा यूट्यूब पर हिंसा के वीडियो शेयर किए गए। इस बारे में पूछे जाने पर ममता सिंह ने एनडीटीवी से कहा, "विशेष जांच दल इस पहलू पर गौर कर रहा है और जांच अभी भी जारी है। हम इस मामले पर फिलहाल अधिक टिप्पणी नहीं कर सकते।" अब तक 106 प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई हैं और 216 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 24 एफआईआर सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ हैं और चार लोगों को उस कंटेंट के लिए गिरफ्तार किया गया है जिसके कारण संभवतः हिंसा हुई।
दर्जनों अवैध घरों को ध्वस्त
राज्य के अधिकारियों ने आज हिंसा प्रभावित नूंह जिले में विध्वंस अभियान के तीसरे दिन दर्जनों अवैध घरों को ध्वस्त कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि उनमें से कुछ का स्वामित्व उन लोगों के पास था जो कथित तौर पर हाल की झड़पों में शामिल थे। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने एक हिंदू जुलूस के एक मंदिर से दूसरे मंदिर की ओर जाते समय हुई हिंसा पर कथित खुफिया विफलता के विपक्ष के दावों को खारिज कर दिया।
पुलिस अधिकारी ने बताया, "सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले लोगों के घरों को ध्वस्त किया जा रहा है। संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि उनमें से कुछ लोग हिंसा में शामिल थे।" नूंह मेडिकल कॉलेज के पास कम से कम 70 प्रतिशत दुकानें हिंदुओं की हैं। दुकानदारों ने कहा, वे कई वर्षों से यहां हैं।
हिंसा प्रभावित नूंह में और ढांचे तोड़े गए, पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
हरियाणा के अधिकारियों ने हिंसा प्रभावित नूंह जिले में विध्वंस अभियान के तहत तीसरे दिन शनिवार को दर्जनों अवैध ढांचे ढहा दिए। अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कुछ ढांचे कथित रूप से हाल की हिंसा में शामिल लोगों के भी थे। राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सांप्रदायिक झड़पों के संबंध में अब तक कुल 216 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 80 को एहतियातन हिरासत में लिया गया है तथा 104 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। हिंसा तब भड़की थी जब 31 जुलाई को नूंह जिले में एक धार्मिक जुलूस पर भीड़ ने हमला कर दिया था। विपक्ष हिंसा को लेकर खुफिया तंत्र के कथित रूप से विफल रहने की जांच की मांग कर रहा है जबकि विज ने कहा है कि नूंह जिले में धार्मिक शोभायात्रा के मद्देनजर तनाव पैदा होने की आशंका के बारे में उनके पास कोई खुफिया जानकारी नहीं थी।
वर्ष 1992 के बाद से इस तरह की सांप्रदायिक हिंसा कभी नहीं देखी: नूंह के निवासियों का दावा
नूंह (हरियाणा), पांच अगस्त (भाषा) हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा का नुकसान उठाने वाले हिंदू और मुसलमानों का दावा है कि इस क्षेत्र में 1992 के बाद से इतने बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक झड़पें नहीं देखी गईं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पार्टी हिंसा भड़काने के लिए या तो हिंदू अधिकार समूह या स्थानीय मुस्लिम नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रही है। इस हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी और कई दुकानों को आग लगा दी गई थी।
जलाभिषेक यात्रा का आयोजन करने वाली विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का दावा है कि हंगामा कुछ ‘‘राष्ट्र-विरोधी लोगों’’ ने किया था और उन्होंने यात्रा में बाधा पहुंचाई थी। विहिप के एक वरिष्ठ सदस्य ने आरोप लगाया कि स्थानीय मुस्लिम नेताओं ने लोगों को अशांति पैदा करने के लिए उकसाया। दूसरी ओर, एक स्थानीय निवासी श्रीकिशन ने हिंसा भड़काने के लिए प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए शुरुआत में बहुत कम पुलिसकर्मी थे।
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