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मंगलवार, 25 जुलाई 2023

UP:-किराये के मकान में रहता है युवक, करोड़ों कमाने के लिए लगाई ऐसी तरकीब

 आगरा में केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) के अधिकारियों ने बेलनगंज भैंरो नाला के अक्षय गोयल को गिरफ्तार किया है। यह मास्टरमाइंड है, इस पर 227 फर्जी फर्में बनाकर 755 करोड़ रुपये के फर्जी चालान जारी कर धोखाधड़ी करने का आरोप है।

अक्षय गोयल ने स्क्रैप, सीमेंट, टाइल्स, सिरेमिक आदि में नकली चालान जारी कर 134 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया था।

सीजीएसटी कमिश्नर शरद श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जी फर्मों के आईटीसी दावों पर लगातार नजर रखी गई। परिसरों और आवासीय पतों पर एक साथ तलाशी ली गई, जिसके बाद फर्जी फर्मों के व्यापार में शामिल इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया जा सका। राजस्थान, दिल्ली, आगरा, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में 227 फर्जी फर्में बनाकर माल की आपूर्ति किए बिना 755 करोड़ रुपये के फर्जी चालान जारी किए गए। 134 करोड़ रुपये की आईटीसी का दावा किया गया था।

किराए के घर में रहता था अक्षय गोयल

कमिश्नर ने बताया कि अक्षय गोयल बेलनगंज तिकोनिया के पास भैंरो बाजार का मूल निवासी है। वहां उसका पैतृक मकान है, जबकि वह किराये पर कमला नगर में रह रहा था। उसके घर से फर्मों के लेटर पैड पर जारी फर्जी चालानों की प्रतियां, चेकबुक, बैंक पासबुक, रबर स्टांप और मोबाइल फोन समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। वह दूसरों के नाम का उपयोग कर व्यक्तिगत चालू खातों के जरिए धन भेजता था।

ऐसे करते थे फर्जी फर्मों का निर्माण

कमिश्नर ने बताया कि यह रैकेट परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों और दोस्तों के पैनकार्ड और आधार नंबरों का उपयोग करके फर्जी फर्म बनाता था। फिर माल की आपूर्ति के लिए बिना लेन-देन का एक नेटवर्क तैयार करता था। पूरा रैकेट सर्कुलर ट्रेडिंग के ईद-गिर्द घूमता है। विभिन्न ग्राहकों को उनके अनुरोध के अनुसार माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना ही इनपुट टैक्स क्रेडिट भेजा जाता है। फर्जी बिलों की बिक्री के बदले मिली धनराशि को बिना जांच के बैंक खाते से निकालने के लिए निजी बैंकों में व्यक्तिगत चालू खाते भी इन दस्तावेज के जरिए खोले जाते थे।

अक्षय गोयल के बैंक खातों को किया अटैच

आगरा आयुक्तालय के सीजीएसटी कमिश्नर शरद श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जी फर्म और इस सिंडिकेट से जुड़ी कंपनियों और लोगों से संबंधित बैंक खातों को अटैच कर लिया गया है। जीएसटी अधिनियम 2017 के प्रावधान के मुताबिक फर्जी फर्म का संचालन, चालान जारी करना और आईटीसी का दावा करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है।


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